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Sehore News: आरती हत्याकांड में प्रभु सिंह को आजीवन कारावास, एकतरफा प्यार में घर में घुसकर मारी थीं गोलियां
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर
Published by: सीहोर ब्यूरो
Updated Sat, 20 Dec 2025 11:17 AM IST
सार
सीहोर जिले के भैरुंदा में एकतरफा प्रेम में 18 वर्षीय आरती की गोली मारकर हत्या करने वाले आरोपी प्रभु सिंह दायमा को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। ठोस सबूतों और गवाहों के आधार पर हत्या व जानलेवा हमले का अपराध सिद्ध हुआ।
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जिला कोर्ट।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सीहोर जिले के भैरुंदा नगर की नारायण सिटी में एकतरफा प्रेम ने वह रूप ले लिया, जिसने एक मासूम बेटी की जान ले ली और एक मां की गोद हमेशा के लिए सूनी कर दी। करीब एक साल पहले घटित इस जघन्य हत्याकांड ने पूरे इलाके को दहला दिया था। अब प्रथम अपर सत्र न्यायालय ने आरोपी प्रभु सिंह दायमा को आजीवन कारावास की सजा सुनाकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया है।
अभियोजन के अनुसार, ग्राम भडकुल निवासी प्रभु सिंह दायमा पिछले दो वर्षों से 18 वर्षीय आरती का पीछा कर रहा था। लगातार फोन कॉल, धमकियां और पीछा करना उसकी दिनचर्या बन चुकी थी। “तूने मुझे धोखा दिया है, तुझे और तेरे पिता को मार दूंगा” ऐसी धमकियों से पूरा परिवार दहशत में था। वह लगातार फोन कर परेशान करता, धमकाता और बुरी नीयत से उसका शोषण करने की कोशिश करता था।
छात्रा ने साहस दिखाकर थाना नसरुल्लागंज में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन आरोपी की सनक कम नहीं हुई। 14 जुलाई 2024 की रात करीब 8 बजे, जब घर में सिर्फ मां और उसके तीन बच्चे थे और पिता बाजार गए हुए थे, तभी आरोपी खुले गेट से पिस्तौल लेकर घर में घुस आया। गालियां देते हुए उसने सीधे आरती को जान से मारने की धमकी दी। यह कहते हुए उसने चार राउंड फायर किए, जिनमें से दो गोलियां आरती को लगीं और एक गोली उसकी मां ललिता कीर के सिर में जा लगी। गोली लगते ही आरती जमीन पर गिर पड़ी। उसके शरीर से लगातार खून बह रहा था। मां खुद घायल हालत में बेटी को बचाने के लिए चीखती रही, लेकिन आरोपी छत से कूदकर फरार हो गया। बच्चों ने किसी तरह पिता को सूचना दी। मोहल्ले वालों की मदद से मां-बेटी को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान आरती ने दम तोड़ दिया।
ये भी पढ़ें- हाईकोर्ट ने कहा कुत्तों की नसबंदी बड़ा घोटाला, सड़क पर निकलने में भी लगता है डर
विशेष लोक अभियोजक मनोज जाट ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने अदालत के समक्ष ठोस गवाह, वैज्ञानिक साक्ष्य और घटनाक्रम की स्पष्ट कड़ी प्रस्तुत की। कॉल रिकॉर्ड, मेडिकल रिपोर्ट और प्रत्यक्षदर्शी गवाहों ने यह साबित कर दिया कि हत्या पूर्व नियोजित थी और आरोपी ने जान से मारने की नीयत से फायरिंग की थी। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपी प्रभु सिंह दायमा को हत्या और जानलेवा हमले का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 22 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। यह फैसला न सिर्फ पीड़ित परिवार के जख्मों पर मरहम है, बल्कि समाज के उन सिरफिरे आशिकों के लिए कड़ा संदेश है कि एकतरफा प्यार के नाम पर हिंसा अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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अभियोजन के अनुसार, ग्राम भडकुल निवासी प्रभु सिंह दायमा पिछले दो वर्षों से 18 वर्षीय आरती का पीछा कर रहा था। लगातार फोन कॉल, धमकियां और पीछा करना उसकी दिनचर्या बन चुकी थी। “तूने मुझे धोखा दिया है, तुझे और तेरे पिता को मार दूंगा” ऐसी धमकियों से पूरा परिवार दहशत में था। वह लगातार फोन कर परेशान करता, धमकाता और बुरी नीयत से उसका शोषण करने की कोशिश करता था।
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छात्रा ने साहस दिखाकर थाना नसरुल्लागंज में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन आरोपी की सनक कम नहीं हुई। 14 जुलाई 2024 की रात करीब 8 बजे, जब घर में सिर्फ मां और उसके तीन बच्चे थे और पिता बाजार गए हुए थे, तभी आरोपी खुले गेट से पिस्तौल लेकर घर में घुस आया। गालियां देते हुए उसने सीधे आरती को जान से मारने की धमकी दी। यह कहते हुए उसने चार राउंड फायर किए, जिनमें से दो गोलियां आरती को लगीं और एक गोली उसकी मां ललिता कीर के सिर में जा लगी। गोली लगते ही आरती जमीन पर गिर पड़ी। उसके शरीर से लगातार खून बह रहा था। मां खुद घायल हालत में बेटी को बचाने के लिए चीखती रही, लेकिन आरोपी छत से कूदकर फरार हो गया। बच्चों ने किसी तरह पिता को सूचना दी। मोहल्ले वालों की मदद से मां-बेटी को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान आरती ने दम तोड़ दिया।
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