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VIT कांड: नप के नोटिसों की धज्जियां उड़ा रहा वीआईटी! बिना फायर NOC के चल रहे 11 ब्लॉक, छात्रों की जान खतरे में
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर
Published by: सीहोर ब्यूरो
Updated Sat, 29 Nov 2025 07:47 PM IST
सार
वीआईटी प्रबंधन नगर परिषद कोठरी के नामांतरण, बिल्डिंग परमिशन और फायर एनओसी संबंधी नोटिसों को नजरअंदाज कर रहा है। 11 इमारतें बिना फायर एनओसी संचालित, 42.40 लाख का जुर्माना लंबित है। परिषद ने कुर्की और मान्यता निरस्तीकरण की चेतावनी दी है।
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नोटिसों को ‘रद्दी कागज़’’ समझ रहा वीआईटी प्रबंधन।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश के सीहोर जिला स्थित वीआईटी कैंपस में छात्रों के विरोध व अव्यवस्थाओं के बाद अब एक और हैरान करने वाला मामला सामने आया है। नगर परिषद कोठरी ने फरवरी 2024 से अक्टूबर 2024 तक नामांतरण, बिना अनुमति इमारतें और फायर एनओसी सहित गंभीर अनियमितताओं को लेकर छह से अधिक आधिकारिक नोटिस भेजे, लेकिन वीआईटी प्रबंधन ने एक को भी गंभीरता से नहीं लिया।
व्यवहार ऐसा मानो सरकारी नोटिस किसी कूड़ादान में पड़े बेकार कागज़ हों। प्रशासनिक आदेशों की लगातार अवहेलना से यह स्पष्ट है कि प्रबंधन खुद को कानून से ऊपर मानकर चल रहा है।
बिना बिल्डिंग परमिशन बने 11 ब्लॉक, छात्रों की सुरक्षा भगवान भरोसे
नगर परिषद के रिकॉर्ड बताते हैं कि वीआईटी ट्रस्टी शंकर विश्वनाथन को 29 फरवरी, 22 मई, 20 जून और 22 जुलाई 2024 को भेजे गए नोटिसों में स्वामित्व दस्तावेज, नामांतरण और बिल्डिंग परमिशन प्रस्तुत करना अनिवार्य बताया गया था। लेकिन प्रबंधन ने न तो दस्तावेज दिए और न ही अवैध निर्माणों को वैध करवाया। सबसे खतरनाक बात कैंपस के 11 ब्लॉक बिना फायर एनओसी संचालित हो रहे हैं। यानी हजारों छात्रों की जान ऐसे भवनों में दांव पर लगी है, जिनके पास आग से सुरक्षा की कोई स्वीकृति ही नहीं।
अंतिम चेतावनी भी बेअसर, 3 दिन की डेडलाइन को भी किया नजरअंदाज
2 अक्तूबर और 9 अक्तूबर 2024 को जारी नगर परिषद के अंतिम सूचना पत्र में साफ लिखा था कि यदि 3 दिनों के भीतर आवश्यक प्रक्रिया पूरी नहीं की गई, तो मप्र नपा अधिनियम 1961 की धारा 150/187 के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। नोटिसों में खास चेतावनी थी कि कार्रवाई टाली नहीं जा सकेगी। लेकिन वीआईटी प्रबंधन की ओर से कोई जवाब, कोई दस्तावेज और कोई अनुपालन नहीं किया गया। यह प्रशासनिक ढाँचे को खुली चुनौती जैसा है।
42.40 लाख का जुर्माना,जुर्माने पर भी ‘घमंड’ भारी
इन लगातार उल्लंघनों के बाद नगर परिषद कोठरी ने कैंपस में फायर एनओसी न होने और अवैध निर्माण के लिए ₹42,40,122 का जुर्माना लगाया। लेकिन फिर भी प्रबंधन के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया। ऐसा प्रतीत होता है कि अवैध निर्माण, कानून उल्लंघन और सुरक्षा मानकों से खिलवाड़, वीआईटी प्रबंधन के लिए सामान्य कार्यशैली बन चुकी है। कॉलेज प्रशासन शिक्षा से अधिक नियमों को ठेंगा दिखाने में व्यस्त है।
छात्रों की सुरक्षा पर सीधा खतरा, प्रबंधन चुप, परिषद सक्रिय
नगर परिषद कोठरी के सीएमओ नरेन्द्र जाटव ने पुष्टि की कि नोटिस भेजे गए लेकिन न जवाब मिला, न ही जुर्माना राशि जमा कराई गई। परिषद ने साफ कर दिया है कि फायर एनओसी के बिना चल रहे भवन छात्रों और स्टाफ के जीवन के लिए गंभीर खतरा हैं। भारी जुर्माना और स्पष्ट चेतावनियों के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी खामोश हैं। यह चुप्पी सवाल उठाती है।क्या प्रबंधन तब जागेगा जब कोई बड़ी दुर्घटना हो जाएगी?
अब कुर्की और मान्यता रद्द की कार्रवाई की तैयारी, समय अब खत्म
2 अक्तूबर के नोटिस में परिषद ने यह भी स्पष्ट लिखा कि यदि जुर्माना नहीं जमा किया गया तो जंगम संपत्ति की कुर्की की जाएगी। साथ ही छात्रों की सुरक्षा के मद्देनज़र संस्थान की मान्यता निरस्तीकरण हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। यानी अब मामला नोटिसों का नहीं, कानूनी कार्रवाई का है। यदि वीआईटी प्रबंधन अब भी नहीं जागा, तो आने वाले दिनों में कॉलेज पर सख्त प्रशासनिक हथौड़ा पड़ना तय है।
ये भी पढ़ें- MP: '2029 में हर हाल में झांसी से लड़ूंगी लोकसभा चुनाव', उमा भारती बोलीं; 24 के चुनाव न लड़ने का कारण भी बताया
इसकी जिम्मेदारी प्रबंधन के अहंकार की होगी। इस संबंध में रजिस्ट्रार केके नायर का कहना है कि फायर एनओसी के लिए इंस्पेक्शन हो चुका है। फाइल इलेक्ट्रिकल सेटी इंस्पेक्टर के पास मंजूरी के लिए पेंडिंग है। यह गलत है कि फायर एनओसी नहीं है, यह विभाग के लेवल पर लंबित है।
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बिना बिल्डिंग परमिशन बने 11 ब्लॉक, छात्रों की सुरक्षा भगवान भरोसे
नगर परिषद के रिकॉर्ड बताते हैं कि वीआईटी ट्रस्टी शंकर विश्वनाथन को 29 फरवरी, 22 मई, 20 जून और 22 जुलाई 2024 को भेजे गए नोटिसों में स्वामित्व दस्तावेज, नामांतरण और बिल्डिंग परमिशन प्रस्तुत करना अनिवार्य बताया गया था। लेकिन प्रबंधन ने न तो दस्तावेज दिए और न ही अवैध निर्माणों को वैध करवाया। सबसे खतरनाक बात कैंपस के 11 ब्लॉक बिना फायर एनओसी संचालित हो रहे हैं। यानी हजारों छात्रों की जान ऐसे भवनों में दांव पर लगी है, जिनके पास आग से सुरक्षा की कोई स्वीकृति ही नहीं।
अंतिम चेतावनी भी बेअसर, 3 दिन की डेडलाइन को भी किया नजरअंदाज
2 अक्तूबर और 9 अक्तूबर 2024 को जारी नगर परिषद के अंतिम सूचना पत्र में साफ लिखा था कि यदि 3 दिनों के भीतर आवश्यक प्रक्रिया पूरी नहीं की गई, तो मप्र नपा अधिनियम 1961 की धारा 150/187 के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। नोटिसों में खास चेतावनी थी कि कार्रवाई टाली नहीं जा सकेगी। लेकिन वीआईटी प्रबंधन की ओर से कोई जवाब, कोई दस्तावेज और कोई अनुपालन नहीं किया गया। यह प्रशासनिक ढाँचे को खुली चुनौती जैसा है।
42.40 लाख का जुर्माना,जुर्माने पर भी ‘घमंड’ भारी
इन लगातार उल्लंघनों के बाद नगर परिषद कोठरी ने कैंपस में फायर एनओसी न होने और अवैध निर्माण के लिए ₹42,40,122 का जुर्माना लगाया। लेकिन फिर भी प्रबंधन के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया। ऐसा प्रतीत होता है कि अवैध निर्माण, कानून उल्लंघन और सुरक्षा मानकों से खिलवाड़, वीआईटी प्रबंधन के लिए सामान्य कार्यशैली बन चुकी है। कॉलेज प्रशासन शिक्षा से अधिक नियमों को ठेंगा दिखाने में व्यस्त है।
छात्रों की सुरक्षा पर सीधा खतरा, प्रबंधन चुप, परिषद सक्रिय
नगर परिषद कोठरी के सीएमओ नरेन्द्र जाटव ने पुष्टि की कि नोटिस भेजे गए लेकिन न जवाब मिला, न ही जुर्माना राशि जमा कराई गई। परिषद ने साफ कर दिया है कि फायर एनओसी के बिना चल रहे भवन छात्रों और स्टाफ के जीवन के लिए गंभीर खतरा हैं। भारी जुर्माना और स्पष्ट चेतावनियों के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी खामोश हैं। यह चुप्पी सवाल उठाती है।क्या प्रबंधन तब जागेगा जब कोई बड़ी दुर्घटना हो जाएगी?
अब कुर्की और मान्यता रद्द की कार्रवाई की तैयारी, समय अब खत्म
2 अक्तूबर के नोटिस में परिषद ने यह भी स्पष्ट लिखा कि यदि जुर्माना नहीं जमा किया गया तो जंगम संपत्ति की कुर्की की जाएगी। साथ ही छात्रों की सुरक्षा के मद्देनज़र संस्थान की मान्यता निरस्तीकरण हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। यानी अब मामला नोटिसों का नहीं, कानूनी कार्रवाई का है। यदि वीआईटी प्रबंधन अब भी नहीं जागा, तो आने वाले दिनों में कॉलेज पर सख्त प्रशासनिक हथौड़ा पड़ना तय है।
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