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MP News : गर्भवती महिला को अपमानित कर सरकारी अस्पताल से भगाया, फिर डॉक्टर और दो नर्स ने जो कहा...वो शर्मनाक

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल Published by: शहडोल ब्यूरो Updated Thu, 18 Sep 2025 12:56 PM IST
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सार

Negligence in District Hospital : जिला अस्पताल में लापरवाही और मरीजों के साथ अभद्रता के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। अब गर्भवती महिला को भर्ती करने की बजाय अपमानित कर अस्पताल से भगा दिया गया। शिकायत पर सीएमएचओ ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है।

A pregnant woman was humiliated and chased away from the hospital in Shahdol.
जिला अस्पताल शहडोल का मामला।
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विस्तार
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शहडोल जिला प्रशासन के बड़े अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही का नतीजा है कि जिला अस्पताल लगातार विवादों का केंद्र बनता जा रहा है। सही मॉनिटरिंग न होने से आए दिन नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। कुछ दिन पहले ही ऑपरेशन के नाम पर एक डॉक्टर मरीज से पैसे मांगते पकड़ा गया था। जब मामला मीडिया की सुर्खियां बना तो वही डॉक्टर मरीज का ऑपरेशन करने को मजबूर हो गया।

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सीएमएचओ ने जांच टीम का गठन किया
अब एक नया मामला सामने आया है, जिसमें गर्भवती महिला के साथ अभद्रता की गई है। इस संबंध में कलेक्टर, कमिश्नर और प्रदेश स्तर तक शिकायत की गई है। जिस पर सीएमएचओ ने जांच टीम का गठन किया है। अनूपपुर जिले के भालूमाड़ा निवासी अफरोज अंसारी (40 वर्ष) पिता अब्बू अंसारी ने आरोप लगाया है कि जिला चिकित्सालय शहडोल में उनकी गर्भवती पत्नी का प्रसव कराने की बजाय उनका अपमान कर अस्पताल से जाने के लिए कह दिया गया।

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इमरजेंसी ड्यूटी में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था
कलेक्टर, कमिश्नर और डिप्टी सीएम को दिए गए लिखित शिकायत पत्र में उल्लेख है कि अफरोज अपनी गर्भवती पत्नी सिरीन अंसारी को बीते दिनों जिला चिकित्सालय शहडोल लेकर आए थे। भर्ती के लिए पर्ची कटवाई, उस समय इमरजेंसी ड्यूटी में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। वे अपनी पत्नी को मित्र न्याज और चाची के साथ डिलीवरी वार्ड में लेकर गए, जहां वह दर्द से कराह रही थी। वार्ड में मौजूद ड्यूटी डॉक्टर और दो नर्स भड़क गईं। चेकअप करने के बाद नर्स ने कहा कि “रात में सोते समय दिमाग खराब करने चले आते हो, दिन में समय नहीं मिलता क्या?” नर्स ने अपमानजनक व्यवहार करते हुए कहा कि डिलीवरी ऑपरेशन से होगी और जिला चिकित्सालय में ऑपरेशन की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए मरीज को किसी प्राइवेट अस्पताल ले जाओ।

सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज
स्थिति गंभीर देख अफरोज ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई और पत्नी को निजी अस्पताल ले गए, जहां सुबह 4 बजे प्रसव हुआ। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि यदि समय रहते पत्नी को प्राइवेट अस्पताल न ले जाते तो उसकी जान भी जा सकती थी। शिकायत में उन्होंने ड्यूटी डॉक्टर, नर्स और सिविल सर्जन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई गई
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर राजेश मिश्रा ने गुरुवार सुबह बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई गई है, जो सात दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए जाने पर डॉक्टर और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

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स्टाफ पर कार्रवाई का डर

इधर समाजसेवियों ने भी इस मामले को लेकर जिला प्रशासन और विधायक पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यदि अधिकारी समय-समय पर अस्पताल की मॉनिटरिंग करें तो ऐसे मामले सामने ही न आएं। पहले के अधिकारी अस्पताल को लेकर गंभीर रहते थे और लगातार निगरानी करते थे, इसलिए स्टाफ पर कार्रवाई का डर रहता था। लेकिन अब लापरवाही के कारण शिकायतें बढ़ रही हैं।

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