रीवा जिले में खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों के बीच कालाबाजारी की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। आखिरकार प्रशासन ने इस पर सख्ती दिखाते हुए मंगलवार को बड़ी कार्रवाई कर दी। एसडीएम वैशाली जैन ने पहचान छिपाकर ग्राहक बनकर कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने स्थित सीताराम खाद-बीज केंद्र पर पहुंचीं। दुकान पर खाद मांगने पर दुकानदार ने तय दर से ज्यादा दाम बताए और रजिस्टर में भी अनियमितताएं सामने आईं।
स्थिति संदिग्ध होते ही एसडीएम ने मौके पर ही छापा मार दिया। जब संचालक ने सवालों के जवाब में “मैनेजमेंट की बात” कहकर मामले को टालने की कोशिश की तो एसडीएम भड़क उठीं और तत्काल दुकान को बंद करने का आदेश दे दिया। इसके बाद पुलिस बल को मौके पर बुलाया गया और गोदाम तक छानबीन की गई। यहां भी गड़बड़ियों के प्रमाण मिले।
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मामला जैसे ही सामने आया, पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। किसान जो पहले से ही महंगी दरों और खाद की कमी से परेशान थे, इस कार्रवाई को राहत के रूप में देख रहे हैं। स्थानीय किसानों ने कहा कि अगर प्रशासन इसी तरह सख्ती करता रहा तो बाजार में पारदर्शिता और उपलब्धता दोनों सुनिश्चित होंगी।एसडीएम वैशाली जैन ने साफ शब्दों में कहा, “खाद की कालाबाजारी और जमाखोरी करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन किसानों के हितों की रक्षा के लिए हर स्तर पर तत्पर है।”
गौरतलब है कि हाल के दिनों में रीवा समेत कई जिलों से खाद की ब्लैक मार्केटिंग की खबरें आ रही थीं। इस कार्रवाई ने स्पष्ट कर दिया है कि शासन-प्रशासन अब ऐसे व्यापारियों पर नकेल कसने के मूड में है। किसानों ने भी उम्मीद जताई है कि इस तरह के छापों से भविष्य में उन्हें आसानी से उचित दर पर खाद मिल सकेगी।
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