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Sheopur News: पिछले तीन दिन से हो रही बारिश से फसल हुई बर्बाद, दुखी होकर खेत में पेड़ पर फंदे से लटका किसान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, श्योपुर
Published by: श्योपुर ब्यूरो
Updated Wed, 29 Oct 2025 07:03 PM IST
सार
श्योपुर के सिरसोद गांव में किसान कैलाश मीणा ने फसल बर्बाद होने से परेशान होकर पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों और ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने 50 लाख मुआवजे की मांग की। प्रशासन वार्ता में जुटा है।
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मृतक किसान
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विस्तार
श्योपुर जिले के सिरसोद गांव में बुधवार को एक किसान ने आत्महत्या कर ली। शव खेत में पेड़ पर फंदे से लटका मिला। मृतक की पहचान कैलाश मीणा के रूप में हुई है। परिजन सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
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ग्रामीणों ने बताया कि कैलाश मीणा ने करीब 9 बीघा में धान की खेती की थी। पिछले तीन दिन से हो रही लगातार बारिश के कारण खेत में लगी पूरी फसल पानी में सड़ने लगी थी। कीमती बीज, खाद और मेहनत से उगाई गई फसल के नुकसान से कैलाश काफी परेशान था। परिजनों ने बताया कि कैलाश सुबह घर से खेत के लिए निकला था। कुछ देर बाद ग्रामीणों ने उसे खेत में एक पेड़ से लटका हुआ देखा। वे उन्हें नीचे उतारकर जिला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने कैलाश को मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने पंचनामा तैयार कर शव का पोस्टमॉर्टम कराया है।
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प्रशासन और पुलिस अधिकारी जब एम्बुलेंस से शव गांव ले जा रहे थे, तभी श्योपुर कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल अपने कार्यकर्ताओं के साथ जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने किसान के परिजनों से मुलाकात की और प्रशासन से मृतक के परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की।विधायक ने कहा कि जिले में लगातार बारिश से किसानों की स्थिति खराब हो गई है और सरकार को तत्काल राहत के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। अस्पताल से शव को एम्बुलेंस के माध्यम से घर भेजने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन विधायक और उनके समर्थकों ने एम्बुलेंस को रोकते हुए कहा कि जब तक उचित मुआवजे की घोषणा नहीं की जाती, तब तक शव नहीं ले जाने देंगे। पुलिस प्रशासन ने उन्हें समझाया, इसके बाद शव को गांव ले जाया गया।
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सरकार उचित आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के संबंध में ठोस घोषणा नहीं करती, तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। घटना स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन किसानों को समझाने की कोशिश कर रहा है। एसडीएम और तहसील प्रबंधन की टीम ग्रामीणों से लगातार बातचीत कर समाधान निकालने में जुटी है।

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