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सीधी में लापरवाह सिस्टम: 24 घंटे चीरघर में पड़ा रहा शव, भूखे-प्यासे बैठे रहे परिजन, फिर 50 KM दूर कराया पीएम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीधी
Published by: सीधी ब्यूरो
Updated Thu, 15 May 2025 05:29 PM IST
सार
सीधी जिले में पेड़ से गिरने से मृत वृद्ध का शव डॉक्टर न होने के कारण 24 घंटे चीरघर में पड़ा रहा। परिजनों को भूखे-प्यासे रात बितानी पड़ी और शव को 50 किमी दूर ले जाना पड़ा। सिविल सर्जन ने लापरवाही पर जांच व कार्रवाई की बात कही।
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पोस्टमार्टम नहीं होने से रातभर परिजन चीरघर के बाहर ही बैठे रहे
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विस्तार
सीधी जिले के भुइमाड थाना क्षेत्र में सिस्टम की लापरवाही और स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल उस वक्त खुल गई, जब एक वृद्ध का शव 24 घंटे तक चीरघर में यूं ही पड़ा रहा और पोस्टमार्टम नहीं हो सका। यह घटना जिले के ग्राम पंचायत दुधमनियां की है, जहां निवासी पियारे साकेत (60 वर्ष) की 14 मई को मछरकट्टा जंगल में पेड़ से गिरने से मौके पर ही मौत हो गई।
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घटना की जानकारी मिलते ही भुइमाड पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा तैयार कर शव को कठौतिया के चीरघर में रखवाया गया। लेकिन 14 मई को ही पोस्टमार्टम कराने की कोशिशों के बावजूद चिकित्सक उपलब्ध नहीं हो सके। परिणामस्वरूप शव रातभर वहीं पड़ा रहा और मृतक के परिजन भूखे-प्यासे रोते-बिलखते चीरघर में शव के पास ही रात गुजारने को मजबूर हो गए।
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15 मई की सुबह जब परिजन दोबारा पुलिस से मिले तो उन्हें बताया गया कि अब शव को 50 किलोमीटर दूर कुसमी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाना होगा, क्योंकि कठौतिया में डॉक्टर नहीं आ पाएंगे। इस निर्देश से पहले से परेशान परिजनों पर और दुख का पहाड़ टूट पड़ा, क्योंकि उन्हें अपने निजी खर्चे और वाहन से शव को कुसमी ले जाना पड़ा।
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परिजन राजेश साकेत ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब भुइमाड क्षेत्र में चीरघर की व्यवस्था है तो डॉक्टर वहीं आकर पोस्टमार्टम क्यों नहीं करते? यह कोई पहली घटना नहीं है, लोग महीनों से ऐसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। मामले में सीधी जिले के सिविल सर्जन डॉ. एसबी खरे ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं थी, लेकिन अब वे पूरे मामले की जांच कराकर दोषी डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।

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