MP News: जिस दिन पैदा हुई, उसी दिन बनी आंगनबाड़ी सहायिका, कार्यकर्ता की उम्र भी 15 साल!, सिस्टम की लापरवाही
मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में आंगनबाड़ी नियुक्तियों में चौंकाने वाली गड़बड़ियां सामने आई हैं। सरकारी पोर्टल पर एक नवजात को सहायिका और 15 वर्षीय बच्ची को कार्यकर्ता नियुक्त दिखाया गया है। अधिकारियों ने इसे कंप्यूटर ऑपरेटर की गलती बताया है, मामला अब जांच का विषय बना है।
मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में आंगनबाड़ी नियुक्तियों में चौंकाने वाली गड़बड़ियां सामने आई हैं। सरकारी पोर्टल पर एक नवजात को सहायिका और 15 वर्षीय बच्ची को कार्यकर्ता नियुक्त दिखाया गया है। अधिकारियों ने इसे कंप्यूटर ऑपरेटर की गलती बताया है, मामला अब जांच का विषय बना है।
विस्तार
अजब एमपी के गजब कारनामे हैं, इस अजब प्रदेश के कारनामे देखकर हर कोई हैरत में पड़ सकता है। मध्यप्रदेश राज्य में जितना सरकारी विभाग की लचर व्यवस्था है उतना शायद अन्य प्रदेश में नहीं है। इसीलिए तो इस प्रदेश को अजब गजब की उपाधि से नवाजा गया है। यहां के सरकारी सिस्टम की लचर व्यवस्था की वजह से एक जन्म लेते ही नन्ही परी को आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति दे दी गई, इतना ही नहीं 15 साल की उम्र में एक बच्ची को भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति दी गई है।
ये भी पढ़ें- बहू ने भतीजे संग मिलकर रचा हत्या और लूट का षड्यंत्र, 48 घंटे में खुलासा; पांच आरोपी गिरफ्तार
दरअसल एमपी के सिंगरौली जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां सरकारी सिस्टम की लचर व्यवस्था की वजह से एक जन्म लेते ही एक नन्ही परी को आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति दे दी गई है। यह सब कुछ सरकारी रिकॉर्ड में हुआ है। सरकारी पोर्टल में भी दर्ज है। 15 साल की नाबालिग बच्ची को भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति दी गई है। यह सबकुछ कैसे संभव हो सकता है सुनकर हर कोई हैरान है, लेकिन यह सच है। सरकारी पोर्टल में भी इसका प्रमाण मौजूद है। मामला चितरंगी ब्लॉक के धानी गांव के आंगनबाड़ी केंद्र का है जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पचवती की नियुक्ति सरकारी पोर्टल में 22 जुलाई 1988 को दर्ज है, जबकि उनकी जन्मतिथि 10 /10/1973 है। यानी 15 साल की उम्र में पचवती को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति मिल गई। वहीं आंगनबाड़ी सहायिका सोनकली देवी की नियुक्ति 22 जुलाई 1988 है, जबकि इनका जन्मतिथि भी 22 जुलाई 1988 की है। यानी जन्म लेते ही इनकी नियुक्ति आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर हुई है। यह संभव हुआ है सरकारी पोर्टल में, फिलहाल मामला सामने आने के बाद सरकारी सिस्टम की लापरवाही उजागर हुई है।
ये भी पढ़ें- हिंदू बहनें मुसलमानों को राखी न बांधें, महामंडलेश्वर रामदास महाराज बोले सनातन के खिलाफ बड़ी साजिश
अधिकारी कहते हैं कि यह कंप्यूटर ऑपरेटर की लापरवाही की वजह से गलत फीड हुआ है। फिलहाल जांच का विषय है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस तरह की लचर व्यवस्था से कब तक विभाग सरकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने में सफल हो पाएगा।


कमेंट
कमेंट X