सब्सक्राइब करें

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
Hindi News ›   Madhya Pradesh ›   MP News:Underground coal mine will start in this area of MP

Singrauli News: भूमिगत कोयला खदान के लिए मझौली में जनसुनवाई, ग्रामीणों ने दिया समर्थन; जल्द मिलेगी मंजूरी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिंगरौली Published by: सिंगरौली ब्यूरो Updated Wed, 13 Aug 2025 09:52 AM IST
सार

इस परियोजना का संचालन 51 वर्षों तक किया जाएगा, जिसमें आधुनिक तकनीक से भूमिगत उत्खनन द्वारा प्रतिवर्ष 30 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। 

विज्ञापन
MP News:Underground coal mine will start in this area of MP
पर्यावरणीय मंजूरी के लिए लोक जनसुनवाई का आयोजन। - फोटो : credit
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

विन्ध क्षेत्र के सिंगरौली जिले की बरगवां तहसील के मझौली गांव में प्रस्तावित गोंडबहेरा उज्जैनी ईस्ट भूमिगत कोयला खदान के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु आयोजित जनसुनवाई सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई। इस अवसर पर प्रभावित होने वाले चार गांवों- उज्जैनी, कुंदा, पचौर और मझौली के लगभग दो हजार स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे, जिन्होंने परियोजना का खुलकर समर्थन किया।

Trending Videos


ग्रामीणों का कहना है कि भूमिगत कोयला खदान से प्रदूषण न के बराबर होगा और परियोजना से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे क्षेत्र का विकास होगा। पचौर गांव की निवासी बसंती रावत ने खुशी जताते हुए कहा कि खदान शुरू होने से बच्चों के साथ-साथ महिलाओं का भी कल्याण होगा और स्थानीय लोगों की जिंदगी में खुशहाली आएगी।
विज्ञापन
विज्ञापन


अडानी समूह को मिला खनन का जिम्मा
यह परियोजना भारत सरकार के कोयला मंत्रालय द्वारा 2022 में स्पर्धात्मक बोली के तहत अडानी समूह की कंपनी महान एनरजेंन लिमिटेड को आवंटित की गई है। यह भूमिगत कोयला खदान 1130 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है, जो उज्जैनी, कुंदा, पचौर और मझौली गांवों को कवर करती है। हालांकि, संचालन के लिए केवल 34 हेक्टेयर राजस्व भूमि की आवश्यकता होगी।

ये भी पढ़ें: भस्मारती में भांग से किया शृंगार फिर रमाई भस्म, बाबा महाकाल के मस्तक पर सजा एक और शिवलिंग

सभी पैरामीटर तय सीमा के अनुरूप 
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार वायु गुणवत्ता, जल गुणवत्ता, जल संसाधन, ध्वनि स्तर, भूमि और मृदा की गुणवत्ता का अध्ययन किया गया, जिसमें सभी पैरामीटर तय सीमा के अनुरूप पाए गए। साथ ही, समुचित पर्यावरणीय प्रबंधन योजना का भी प्रावधान रखा गया है।

ये भी पढ़ें: तिरंगे के लिए 35 साल में 7000 कार्यक्रम किए, युवाओं को नशे, मोबाइल से दूर किया

51 वर्षों तक चलेगा संचालन
इस परियोजना का संचालन 51 वर्षों तक किया जाएगा, जिसमें आधुनिक तकनीक से भूमिगत उत्खनन द्वारा प्रतिवर्ष 30 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। परियोजना के चलते पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे स्थानीय लोगों की आय और जीवन स्तर में सुधार होगा। साथ ही, मध्यप्रदेश सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
 

एमपी के इस इलाके में शुरू होगी भूमिगत कोयला खदान, पर्यावरणीय मंजूरी हेतु लोक जनसुनवाई में ग्राम

 

एमपी के इस इलाके में शुरू होगी भूमिगत कोयला खदान, पर्यावरणीय मंजूरी हेतु लोक जनसुनवाई में ग्राम

 

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed