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Tikamgarh News: केंद्रीय मंत्री के बंगले के पास मिले आईडी कार्ड का मामला, जांच रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को भेजी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, टीकमगढ़
Published by: टीकमगढ़ ब्यूरो
Updated Sat, 23 Aug 2025 10:59 AM IST
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सार
जांच में पाया गया कि इनमें से 23 कार्ड आधार से वेरीफाइड थे जबकि 20 का मिलान नहीं हो पाया। सीसीटीवी फुटेज और बयान के आधार पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी संतोष आंबेडकर को दोषी माना गया है, जो वर्ष 2015 से 2019 तक बीएलओ रहे हैं।

टीकमगढ़ में केंद्रीय मंत्री का निवास।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक के बंगले के पास मिले वोटर आईडी कार्ड में मामले की जांच जिला प्रशासन ने राज्य और भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी है। रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्री के पास में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी को दोषी करार दिया गया है।
जिला प्रशासन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की रात टीकमगढ़ शहर के सिविल लाइन में स्थित केंद्रीय मंत्री डॉ. बीरेंद्र खटीक के निबास के पास में 43 वोटर आईडी कार्ड मिले थे जिसमें टीकमगढ़ कलेक्टर की जांच के बाद टीकमगढ़ तहसीलदार और एसडीएम द्वारा इस मामले की जांच की गई। जांच में पाया गया कि 23 लोगों के आधार कार्ड वेरीफाइड हो चुके हैं, जबकि 20 लोगों के आधार कार्ड वेरीफाइड नहीं हुए हैं। न ही उनके पता चल रहे हैं इसकी रिपोर्ट बनाकर के राज्य और भारत निर्वाचन आयोग को भेजी गई है।
ये भी पढ़ें: एमपी माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 आज कटनी में: सीएम बोले-निवेशकों को कराएंगे खनिज संपदा और नीतियों से अवगत
सूत्र बताते हैं कि शहर के सिविल लाइन में केंद्रीय मंत्री का बंगला है। उन्हीं के बंगले के बगल में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारि संतोष आंबेडकर का निवास है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के यहां से यह कार्ड फेंके गए थे। जैसा कि सीसीटीवी में देखा गया है। सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि जिला प्रशासन को दिए गए बयान में स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी वर्ष 2015 से लेकर 2019 तक बीएलओ रह चुका है और उसने इस बात को स्वीकार किया है कि वह कार्ड उसके हाथ से फेंके गए हैं। इस संबंध में टीकमगढ़ जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को नोटिस भी जारी किया गया है।
टीकमगढ़ कलेक्टर विवेक श्रोतिय का कहना है कि जांच रिपोर्ट राज्य और भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी गई है। अभी उसको ओपन नहीं किया जा सकता है, क्योंकि निर्वाचन आयोग से जुड़ा हुआ मामला है। उन्होंने कहा कि सारी गोपनीयता बरती गई है और पूरी जांच रिपोर्ट बनाकर के निर्वाचन आयोग के पास भेजी गई है। बीएलओ को इस मामले में नोटिस जारी किया गया है कि क्यों न उनके खिलाफ शख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में सीसीटीवी आने के बाद संतोष आंबेडकर ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि वोटर आईडी कार्ड जो फेके गए थे वह उसके हाथ से फेंके गए थे। जब कलेक्टर से संबंध में पूछा गया कि आखिरकार 23 वोटर आईडी कार्ड का मिलान हो चुका है, लेकिन 20 वोटर आईडी कार्ड फर्जी हैं या सही तो उनका कहना था कि उसकी भी जांच की जा रही है। आयुष्मान योजना में अगर टीकमगढ़ में गड़बड़ी हुई है तो उसकी भी जांच कराई जाएगी, क्योंकि 20 वोटर आईडी कार्डों का मिलान नहीं हुआ है।

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सूत्र बताते हैं कि शहर के सिविल लाइन में केंद्रीय मंत्री का बंगला है। उन्हीं के बंगले के बगल में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारि संतोष आंबेडकर का निवास है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के यहां से यह कार्ड फेंके गए थे। जैसा कि सीसीटीवी में देखा गया है। सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि जिला प्रशासन को दिए गए बयान में स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी वर्ष 2015 से लेकर 2019 तक बीएलओ रह चुका है और उसने इस बात को स्वीकार किया है कि वह कार्ड उसके हाथ से फेंके गए हैं। इस संबंध में टीकमगढ़ जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को नोटिस भी जारी किया गया है।
टीकमगढ़ कलेक्टर विवेक श्रोतिय का कहना है कि जांच रिपोर्ट राज्य और भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी गई है। अभी उसको ओपन नहीं किया जा सकता है, क्योंकि निर्वाचन आयोग से जुड़ा हुआ मामला है। उन्होंने कहा कि सारी गोपनीयता बरती गई है और पूरी जांच रिपोर्ट बनाकर के निर्वाचन आयोग के पास भेजी गई है। बीएलओ को इस मामले में नोटिस जारी किया गया है कि क्यों न उनके खिलाफ शख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में सीसीटीवी आने के बाद संतोष आंबेडकर ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि वोटर आईडी कार्ड जो फेके गए थे वह उसके हाथ से फेंके गए थे। जब कलेक्टर से संबंध में पूछा गया कि आखिरकार 23 वोटर आईडी कार्ड का मिलान हो चुका है, लेकिन 20 वोटर आईडी कार्ड फर्जी हैं या सही तो उनका कहना था कि उसकी भी जांच की जा रही है। आयुष्मान योजना में अगर टीकमगढ़ में गड़बड़ी हुई है तो उसकी भी जांच कराई जाएगी, क्योंकि 20 वोटर आईडी कार्डों का मिलान नहीं हुआ है।