सब्सक्राइब करें

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
Hindi News ›   Madhya Pradesh ›   Ujjain News ›   hundreds took a pledge to meditate regularly A unique initiative on Meditation Day in Ujjain

हर दिन ध्यान का संकल्प: उज्जैन में ध्यान दिवस पर अनूठी पहल, सैकड़ों ने लिया नियमित ध्यान का प्रण

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: शबाहत हुसैन Updated Sun, 21 Dec 2025 04:30 PM IST
सार

उज्जैन में अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस पर कृष्णा गुरुजी ने ध्यान सत्रों की मैराथन आयोजित की। महाकाल गुरुकुल से पुलिस लाइन तक सैकड़ों लोगों ने भाग लिया और नियमित ध्यान का संकल्प लेकर ध्यान के महत्व को समझा।

विज्ञापन
hundreds took a pledge to meditate regularly A unique initiative on Meditation Day in Ujjain
कृष्णा गुरुजी - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

21 दिसंबर को जब पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस मना रहा था उसी क्रम में अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक गुरु कृष्णा गुरुजी ने ध्यान दिवस के अवसर पर ध्यान सत्रों की एक विशेष मैराथन आयोजित की। इस पहल के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों तक ध्यान का संदेश पहुँचाया गया जिसमें सैकड़ों प्रतिभागियों ने प्रतिदिन ध्यान करने का संकल्प लिया।

Trending Videos

कार्यक्रम की शुरुआत शनि नवग्रह स्थित गुरुकुल से हुई जहाँ 111 बटुक ब्राह्मणों को ध्यान का अभ्यास कराया गया। इसके पश्चात महाकाल गुरुकुल के 100 बटुक ब्राह्मणों को ध्यान सत्र से जोड़ा गया। इसके साथ ही पुलिस लाइन निर्माण क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों एवं पुलिस कर्मियों के लिए भी विशेष ध्यान सत्र आयोजित किया गया।

विज्ञापन
विज्ञापन

इस अवसर पर कृष्णा गुरुजी ने कहा कि योग का प्रमुख अंग ध्यान आज विश्वभर में स्वीकार किया जा रहा है। यह सनातन परंपरा की शक्ति को रेखांकित करता है और भारत के विश्वगुरु बनने की दिशा में बढ़ते कदमों का प्रतीक है। उन्होंने सरल शब्दों में ध्यान की अवधारणा समझाते हुए कहा कि मेडिटेशन हमारा स्वभाव है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बचपन में जब माता पिता कहते हैं ध्यान से चलो ध्यान से पढ़ो तो वह भी ध्यान का ही रूप है जिसे बाहरी ध्यान कहा जा सकता है। आज विश्व आंतरिक ध्यान का अभ्यास कर रहा है जिसमें आँखें बंद कर स्वयं को खुला छोड़ दिया जाता है और सहज ध्यानावस्था में प्रवेश किया जाता है।


पढ़ें: एमबीबीएस फाइनल ईयर की छात्रा ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, पुलिस जांच में जुटी

कृष्णा गुरुजी ने कहा कि ध्यान मन बुद्धि और आत्मा का विश्राम है। सबसे पहले शरीर को स्थिर किया जाता है फिर श्वास प्रश्वास को प्राणायाम के माध्यम से संतुलित कर ध्यान में प्रवेश किया जाता है जो अंततः सत् चित् आनंद की अनुभूति तक ले जाता है।

कार्यक्रम के दौरान भजन गायन के माध्यम से भी ध्यान का अनुभव कराया गया। मुझको कहाँ ढूँढे रे बंदे जैसे भजनों के साथ नारायण नारायण के सामूहिक गान ने प्रतिभागियों को सहज रूप से ध्यानावस्था में पहुँचाया। कृष्णा गुरुजी ने स्पष्ट किया कि ध्यान कोई धर्म नहीं बल्कि आत्मा को परमात्मा के बोध तक पहुँचाने की विधि है।

पुलिस निर्माण क्षेत्र में कार्यरत एक श्रमिक द्वारा पूछे गए प्रश्न ध्यान क्या है के उत्तर में गुरुजी ने कहा कि प्रार्थना में हम भगवान से कहते हैं और भगवान सुनते हैं जबकि ध्यान में हम सुनते हैं कि भगवान क्या कहते हैं। दोनों गुरुकुलों में कृष्णा गुरुजी द्वारा रचित कलियुग पुराण ग्रंथ भेंट किया गया।

कार्यक्रम में महाकाल गुरुकुल के प्राचार्य सोम गुरुजी नागर पुलिस निर्माण विभाग के अधिकारी राजेन्द्र शर्मा कृष्णा गुरुजी सोशल वेलफेयर सोसाइटी के अनिल कुमार पिंकू नागर उज्जैन के राकेश बजाज सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed