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Umaria News: बांधवगढ़ के पनपथा गांव में दो बाघों की दहशत, वन विभाग ने दी समूह में आवाजाही की सलाह
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उमरिया
Published by: उमरिया ब्यूरो
Updated Fri, 07 Nov 2025 10:14 AM IST
सार
अधिकारियों ने बताया कि पनपथा क्षेत्र बफर जोन में होने के कारण यहां बाघों की गतिविधि अक्सर देखी जाती है। ग्रामीणों को सतर्क रहने, समूह में आवाजाही करने और रात के समय बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।
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बाघ। (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व से सटे पनपथा गांव के सरैया टोला में गुरुवार शाम उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब रहवासी इलाके में एक नहीं बल्कि दो बाघों की मौजूदगी देखी गई। अचानक बाघों को बस्ती की ओर बढ़ते देख ग्रामीणों में दहशत फैल गई और लोग अपने घरों में दुबक गए।
स्थानीय लोगों के मुताबिक दोनों बाघ गांव के ही गेन्दिया सिंह के मवेशी पर हमला करने के बाद बस्ती की ओर बढ़ गए थे। बताया गया कि बाघों ने मवेशी का शिकार कर उसे निवाला बनाया। घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और शोर मचाकर बाघों को खदेड़ने की कोशिश की। लोगों ने बर्तनों की खड़खड़ाहट और तेज आवाज़ों से किसी तरह दोनों बाघों को जंगल की ओर भगा दिया। हालांकि इस दौरान गांव में काफी देर तक अफरातफरी का माहौल बना रहा।
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग और बांधवगढ़ पार्क की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से बातचीत की। वन अधिकारियों ने बताया कि बाघों की गतिविधियां इस क्षेत्र में लगातार बढ़ रही हैं, इसलिए ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। टीम ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है और कैमरा ट्रैप लगाकर बाघों की मूवमेंट पर नज़र रखी जा रही है।
यह भी पढ़ें- उज्जैन पुलिस को छोड़कर चला गया ‘नॉटीबॉय’, 31 साल बिना वर्दी की सेवा, भावुक हुए एसपी
वन विभाग के अनुसार, पनपथा क्षेत्र बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व का बफर जोन है, जहां अक्सर बाघ भोजन की तलाश में बाहर निकल आते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मानवीय बस्तियों के विस्तार और जंगलों के घटते दायरे का नतीजा है, जिससे इंसान और वन्यजीव के बीच मुठभेड़ की घटनाएं बढ़ रही हैं। गांव के लोगों का कहना है कि बाघों की दस्तक ने रातों की नींद उड़ा दी है। बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलने से मना किया गया है। कई परिवारों ने तो सुरक्षा की चिंता में अपने मवेशियों को घरों के अंदर बांधना शुरू कर दिया है।
वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सलाह दी है कि वे समूह में ही आवाजाही करें, रात के समय अकेले न निकलें और किसी भी संदिग्ध हरकत की सूचना तुरंत विभाग को दें। अधिकारी लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं ताकि बाघों की हर गतिविधि पर नज़र रखी जा सके। फिलहाल गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है और लोग दहशत में हैं। ग्रामीणों को अब भी डर है कि कहीं बाघ दोबारा बस्ती की ओर न लौट आएं। विभाग की निगरानी जारी है और हालात सामान्य होने तक सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी गई है।
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स्थानीय लोगों के मुताबिक दोनों बाघ गांव के ही गेन्दिया सिंह के मवेशी पर हमला करने के बाद बस्ती की ओर बढ़ गए थे। बताया गया कि बाघों ने मवेशी का शिकार कर उसे निवाला बनाया। घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और शोर मचाकर बाघों को खदेड़ने की कोशिश की। लोगों ने बर्तनों की खड़खड़ाहट और तेज आवाज़ों से किसी तरह दोनों बाघों को जंगल की ओर भगा दिया। हालांकि इस दौरान गांव में काफी देर तक अफरातफरी का माहौल बना रहा।
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घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग और बांधवगढ़ पार्क की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से बातचीत की। वन अधिकारियों ने बताया कि बाघों की गतिविधियां इस क्षेत्र में लगातार बढ़ रही हैं, इसलिए ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। टीम ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है और कैमरा ट्रैप लगाकर बाघों की मूवमेंट पर नज़र रखी जा रही है।
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वन विभाग के अनुसार, पनपथा क्षेत्र बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व का बफर जोन है, जहां अक्सर बाघ भोजन की तलाश में बाहर निकल आते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मानवीय बस्तियों के विस्तार और जंगलों के घटते दायरे का नतीजा है, जिससे इंसान और वन्यजीव के बीच मुठभेड़ की घटनाएं बढ़ रही हैं। गांव के लोगों का कहना है कि बाघों की दस्तक ने रातों की नींद उड़ा दी है। बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलने से मना किया गया है। कई परिवारों ने तो सुरक्षा की चिंता में अपने मवेशियों को घरों के अंदर बांधना शुरू कर दिया है।
वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सलाह दी है कि वे समूह में ही आवाजाही करें, रात के समय अकेले न निकलें और किसी भी संदिग्ध हरकत की सूचना तुरंत विभाग को दें। अधिकारी लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं ताकि बाघों की हर गतिविधि पर नज़र रखी जा सके। फिलहाल गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है और लोग दहशत में हैं। ग्रामीणों को अब भी डर है कि कहीं बाघ दोबारा बस्ती की ओर न लौट आएं। विभाग की निगरानी जारी है और हालात सामान्य होने तक सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी गई है।