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Jharkhand : आचार संहिता उल्लंघन मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और अन्य नौ को कोर्ट ने किया बाइज्जत बरी, आठ साल पुराना था मामला
पीटीआई, धनबाद।
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 16 Jun 2022 01:50 AM IST
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सार
धनबाद एमपीएमएलए विशेष अदालत की न्यायिक मजिस्ट्रेट संतोषनी मुर्मू ने मामले की सुनवाई के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और अन्य वरिष्ठ नेताओं सहित सभी दस आरोपियों को सबूतों के अभाव में आरोपों से बाइज्जत बरी कर दिया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश।
- फोटो : Facebook
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विस्तार
धनबाद की एक विशेष अदालत ने बुधवार को आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के आठ साल पुराने मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश और नौ अन्य को दोषमुक्त कर दिया।

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भाजपा नेताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता समर श्रीवास्तव और नरेंद्र त्रिवेदी ने कहा कि धनबाद एमपीएमएलए विशेष अदालत की न्यायिक मजिस्ट्रेट संतोषनी मुर्मू ने मामले की सुनवाई के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और अन्य वरिष्ठ नेताओं सहित सभी दस आरोपियों को सबूतों के अभाव में आरोपों से बाइज्जत बरी कर दिया।
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2014 में दर्ज हुआ था मामला
पेटारवार (बोकारो जिला) के अंचलाधिकारी विजय सिंह बिरुआ ने चार दिसंबर 2014 को प्रकाश और नौ अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं के खिलाफ विधानसभा चुनाव के दौरान बिना अनुमति पेटरवार जैन धर्मशाला में एक राजनीतिक बैठक आयोजित कर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का मामला दर्ज करवाया था।
दरअसल झारखंड विधानसभा चुनाव- 2014 के दाैरान तेनुघाट में चुनाव प्रचार के दाैरान जैन धर्मशाला, पेटरवार में भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष रविशंकर जायसवाल की अध्यक्षता में बिना अनुमति के राजनीतिक बैठक आयोजित की गई थी। मामले में पेटारवार (बोकारो जिला) के तत्कालीन अंचलाधिकारी विजय सिंह बिरुआ की शिकायत पर आचार संहिता उल्लंघन की प्राथमिकी चार दिसंबर 2014 को दर्ज की गई थी।
प्राथमिकी गोमिया के तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी माधवलाल सिंह, रवि शंकर जायसवाल, दीपक प्रकाश, नागेंद्र नाथ त्रिपाठी, देवनारायण प्रजापति, लक्ष्मण नायक, अंबिका खबास, सुधीर कुमार सिन्हा, बनेश्वर महतो, शांतिलाल जैन के खिलाफ दर्ज की गई थी। उस समय दीपक प्रकाश राज्यसभा के सदस्य नहीं थे। राज्यसभा का सदस्य चुने जाने के बाद मामले को गोमिया से धनबाद एमपीएमएलए विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था।
दीपक बोले- न्याय की जीत हुई
अदालत के फैसले के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रशासन ने मुझ पर और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ झूठे आरोप लगाए थे। अंतत: न्याय की जीत हुई।