एलयू में बना शिक्षकों-कर्मियों के इलाज का फंड
- 2014 की कार्यपरिषद में इस तरह का कॉर्पस फंड बनाने का प्रस्ताव रखा गया था जो अब हुआ पारित।
- वित्तीय वर्ष 2016-17 में लखनऊ विश्वविद्यालय को होगा 46 करोड़ रुपये का नुकसान

विस्तार
वित्तीय वर्ष 2016-17 में लखनऊ विश्वविद्यालय को करीब 46 करोड़ रुपये का नुकसान होगा, लेकिन इसकी वजह से छात्रों पर फीस का बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा। विवि में कई दिनों से इस बात को लेकर चर्चा हो रही थी कि आगामी सत्र में छात्र-छात्राओं पर फीस का बोझ बढ़ सकता है। सोमवार को विवि में वित्त समिति की बैठक हुई।

कुलपति प्रो. एसबी निमसे ने बताया कि छात्रों पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा। इस घाटे को सेल्फ फाइनेंस कोर्स से होने वाली आय से पूरा किया जाएगा। इसके अलावा शासन से भी वेतन के लिए ग्रांट बढ़ाने को कहा गया है। उम्मीद है कि उसमें भी राहत मिलेगी जिससे विवि का बोझ कम होगा।
इसमें यह भी निर्णय हुआ कि किसी गंभीर बीमारी की स्थिति में लखनऊ विश्वविद्यालय अपने शिक्षकों व कर्मचारियों को अब आर्थिक सहायता भी देगा। इसके लिए विवि ने पांच करोड़ रुपये का कॉपर्स फंड बनाया है।
विवि के प्रवक्ता प्रो. एनके पांडेय ने बताया कि बजट में विवि की 109 करोड़ रुपये की आय और 155 करोड़ रुपये का व्यय शामिल है। विवि के लेखाधिकारी रत्नेश्वर भारती के अनुसार यह घाटा पिछले साल से करीब 20 लाख रुपये अधिक है।
प्रो. एनके पांडेय ने बताया कि अभी तक विवि में शिक्षकों व कर्मचारियों को अधिकतम 10 हजार रुपये तक चिकित्सा खर्च मिलता है, लेकिन इस कॉपर्स फंड से प्रतिवर्ष विवि को करीब 40 लाख रुपये तक ब्याज के रूप में आय होगी।
बीएड के आयोजन में होगा दो करोड़ रुपये का लाभ

इससे शिक्षकों व कर्मचारियों को गंभीर बीमारी की स्थिति में बड़ी आर्थिक सहायता भी इलाज के लिए दी जा सकेगी। हालांकि, इसके लिए विस्तृत नियमावली बननी बाकी है। एलयू शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि चार सितंबर, 2014 की कार्यपरिषद में इस तरह का कॉर्पस फंड बनाने का प्रस्ताव रखा गया था जो अब पारित हुआ है।
विवि में इस फंड की व्यवस्था करने पर डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राकेश यादव सहित दोनों संगठनों के अन्य पदाधिकारियों ने कुलपति का आभार व्यक्त किया। विश्वविद्यालय को इस साल यूपी बीएड के आयोजन में दो करोड़ रुपये का लाभ होगा।
प्रवक्ता प्रो. एनके पांडेय ने बताया कि बीएड में 37 करोड़ रुपये की आय और 35 करोड़ रुपये का व्यय आएगा। पिछले साल बीएड से 21 करोड़ रुपये की आय हुई थी। उस वर्ष 1,87,000 के करीब अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इस साल अभ्यर्थियों की संख्या बढ़कर 3,10,000 हो गई है, जिसके चलते आय और व्यय में परिवर्तन हुआ है।
बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि लोकल एक्सटर्नल एग्जामिनर को 300 रुपये प्रति परीक्षा दिया जाएगा। अभी तक यह 100 रुपये है। इसके अलावा कर्मचारियों का सफाई भत्ता भी दोगुना किया गया। बैठक का संचालन रत्नेश्वर भारती ने किया।