होली का त्योहार बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। रंग-गुलाल के इस पर्व पर जहां खूब मस्ती हंसी-ठिठोली की जाती है, वहीं दूसरी ओर वास्तु दोषों के निवारण के लिए होली के त्यौहार को बहुत महत्पूर्ण माना गया है। फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाए जाने वाले इस त्यौहार के दौरान यदि आप वास्तु के अनुसार छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर इस पर्व को मनाएंगे तो न केवल आप नकारात्मक शक्तियों से बचे रहेंगे बल्कि आपको मनवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है।
Holi Vastu Tips 2020: खेलें इस तरह होली ताकि घर में हो सुख-समृद्धि की बरसात
पूजन के लिए सही दिशा-
वास्तु शास्त्र के अनुसार होलिका दहन, अग्नि तत्व की दिशा यानि दक्षिण-पूर्व में करना अति शुभकारी है। यदि आप होलिका पूजन अपने घर में कर रहे हैं तो उसे अपने पूजा स्थल में करने के बजाय किसी खुले आँगन या खुली जगह में करें। यदि आपके घर के ब्रह्मस्थान में चौक बना हुआ हैं तो ठीक बीच में पूजा न करके चौक के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में करें। पंच तत्वों के संतुलन को बनाए रखने के लिए,घर के उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में होलिका दहन करना वास्तु सम्मत नहीं है क्यों कि ये जल की दिशाएं हैं।होलिका दहन के पश्चात प्रज्वलित अग्नि की परिक्रमा करें,इससे रोग और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव समाप्त होगा।
दिशानुसार उड़े गुलाल-
यदि आपका घर पूर्वमुखी है और आप इस दिशा में होली खेल रहे हैं तो घर में सौहार्दपूर्ण वातावरण के विकास एवं मान-सम्मान में वृद्धि के लिए सात्विक और ऊर्जा प्रदान करने वाले रंग जैसे लाल,पीला,हरा,गुलाबी,नारंगी आदि का इस्तेमाल समृद्धि को बढ़ाता है।उत्तर मुखी घर के लिए पीले,हरे,आसमानी और नीले रंगों का प्रयोग इस दिशा में होली खेलने के लिए बहुत शुभ माने गए है।ऐसा करने से आप अपने जीवन में स्पष्टता और उन्नति के नए अवसरों को आमंत्रित कर सकते हैं। दक्षिण मुखी घर मेंआप गहरा लाल,नारंगी,गुलाबी एवं बैंगनी रंगों का प्रयोग कर सकते हैं।इस प्रकार से खेली गई होली आपके जीवन में सुरक्षा,यश एवं आत्मविश्वास को बढ़ाने में मददगार साबित होगी। और यदि आपका घर पश्चिम मुखी है तो सुनहरे, हल्के नीले एवं सफ़ेद रंगों का इस्तेमाल करआप अपने जीवन में लाभ एवं प्राप्तियों को आमंत्रित कर सकते हैं।
- वास्तुशास्त्र के अनुसार होलिका दहन के बाद होली की राख को लाकर घर के आग्नेय(दक्षिण-पूर्व) दिशा में रखना चाहिए,ऐसा करने से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है।इसी प्रकार होलिका की भस्म को अपने मस्तक एवं गले पर लगाने से स्वास्थ्य सुख बना रहेगा।
- होलिका की अग्नि से दुकान या घर के आग्नेय कोण में सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं ।ऐसा करने से वहां सभी प्रकार की सुख-शांति बनी रहती हैं,दुःख-दरिद्र जाता है एवं आर्थिक परेशानियां दूर होती है।
कैसे पहनें कपड़े-
होली खेलने के लिए कपड़े पहनते समय ध्यान रखें,कि इस दिन कपड़ों में गहरे रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। बल्कि इसके स्थान पर हल्के रंगों के कपड़ों को प्राथमिकता दें। इनमें भी सफ़ेद रंग को सबसे अच्छा माना गया है क्योंकि यह रंग चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है। यह रंग आपके अंदर की शीतलता व विनम्रता को दर्शाता है।

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