व्यक्ति को अपनी मौलिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए धन की आवश्यकता होती है साथ ही हर व्यक्ति सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण जीवन व्यतीत करना चाहता है। समाज में रहन-सहन के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए भी जीवन में धन की बहुत अहमियत होती है। अक्सर देखने में आता है कि कुछ लोगों को तो धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती है और बहुत ही आसानी से धन की प्राप्ति हो जाती है तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो दिन-रात मेहनत करते हैं फिर भी उनके जीवन में किसी न किसी कारण से धन की किल्लत बनी रहती है। यदि आपके जीवन में भी धन संबंधित समस्याएं बनी हुई हैं या फिर जीवन में धन प्राप्त करना चाहते हैं तो वास्तु में धन-समृद्धि के लिए बहुत उपयोगी सुझाव दिए गए हैं। यदि इन बातों को ध्यान में रखकर हर दिशा की साज-सज्जा की जाए तो आप धन की समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं साथ ही आपके जीवन में धन-धान्य बना रहता है। तो आइए जानते हैं कि किस दिशा में क्या रखने से आप धन-धान्य प्राप्त कर सकते हैं।
वास्तु टिप्स: इन नियमों से सजाएंगे हर दिशा तो घर में बनी रहेगी धन-दौलत
वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा धन और समृद्धि के देवता कुबेर की मानी गई है। उत्तर दिशा की दीवार पर एक दर्पण या फिर कुबेर यंत्र लगा सकते हैं। इससे आपके घर में धन की आवक सुचारु रूप से होती है और किसी प्रकार से रुपए पैसों की कमी नहीं होती है। इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि उत्तर दिशा जूते की रैक, या भारी फर्नीचर आदि नहीं रखना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में तिजोरी रखना चाहिए। अपने घर की धन अलमारी को इस तरह रखना चाहिए कि उसका द्वार इस दिशा में खुले। इससे आपके घर में धन स्थाई रुप से टिकने लगता है। जरूरी कागजात, धन और आभूषण आदि इसी दिशा में रखना चाहिए। माना जाता है कि इस दिशा में धन रखने से धन स्थाई रुप से तो टिकने ही लगता है साथ ही रुपए पैसों में वृद्धि भी होती है।
वास्तु के अनुसार घर की उत्तर-पूर्व दिशा में पानी की छोटी चीजें रखने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और धन का आगमन सुचारु होता है। इस दिशा में एक छोटा सा एक्वेरियम रखना चाहिए या फिर पानी के पात्र में एक धातु का कुछआ व मछली भी रखी जा सकती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार आपके घर का प्रवेश द्वार ही वह स्थान होता है जो ऊर्जा के प्रवाह के लिए मुख्य होता है। घर का मुख्य द्वार यदि उत्तर दिशा में हो तो धन और समृद्धि का स्वागत करता है। घर का मुख्य द्वार आकर्षक बनवाना चाहिए। इसके साथ ही दरवाजे को 6 छड़ वाली विंड चाइम से सजाना चाहिए। मुख्य द्वार में विशेष ध्यान रखें कि दहलीज या दरवाजे में किसी प्रकार की दरार आदि नहीं होनी चाहिए।

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