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Vehicle Price: जीएसटी सुधार के तहत यात्री कारें और दोपहिया वाहन हो सकते हैं सस्ते, दिवाली तक मिल सकता है तोहफा
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Sat, 16 Aug 2025 06:34 PM IST
सार
सरकार इस साल अक्तूबर तक गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) (जीएसटी) को सरल बनाने और टैक्स रेट घटाने की तैयारी में है। सरकार का मकसद घरेलू मांग को बढ़ावा देना है, जिससे आम जनता को भी फायदा मिलेगा।
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- फोटो : AI
सरकार इस साल अक्तूबर तक गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) (जीएसटी) को सरल बनाने और टैक्स रेट घटाने की तैयारी में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर दिए अपने भाषण में इसका एलान किया। अगर ये बदलाव लागू हो जाते हैं, तो दिवाली तक यात्री कारें और दोपहिया वाहन सस्ते हो सकते हैं। सरकार का मकसद घरेलू मांग को बढ़ावा देना है, जिससे आम जनता को भी फायदा मिलेगा।

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जीएसटी ब्रैकेट होंगे आसान और कम
अभी ज्यादातर सामान और सेवाओं पर सरकार 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दर से टैक्स वसूलती है। लेकिन नए सुधारों के तहत इसे आसान बनाकर सिर्फ दो दरों में बांटने की तैयारी है - 5 प्रतिशत (मेरिट) और 18 प्रतिशत (स्टैंडर्ड)। फिलहाल कारों और टू-व्हीलर्स पर 28 प्रतिशत टैक्स लगता है, जिसे घटाकर 18 प्रतिशत किया जा सकता है। इसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा और वाहन खरीदने पर करीब 5 से 10 प्रतिशत तक की बचत हो सकती है।
यह भी पढ़ें - FASTag Annual Pass: एनएचएआई ने पूरे देश में सफलतापूर्वक लागू किया फास्टैग वार्षिक पास, पहले ही दिन मिला जोरदार रिस्पॉन्स
अभी ज्यादातर सामान और सेवाओं पर सरकार 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दर से टैक्स वसूलती है। लेकिन नए सुधारों के तहत इसे आसान बनाकर सिर्फ दो दरों में बांटने की तैयारी है - 5 प्रतिशत (मेरिट) और 18 प्रतिशत (स्टैंडर्ड)। फिलहाल कारों और टू-व्हीलर्स पर 28 प्रतिशत टैक्स लगता है, जिसे घटाकर 18 प्रतिशत किया जा सकता है। इसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा और वाहन खरीदने पर करीब 5 से 10 प्रतिशत तक की बचत हो सकती है।
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मध्य-वर्ग खरीदारों को मिलेगा बड़ा फायदा
अगर नया जीएसटी रेट लागू हो गया तो सबसे ज्यादा फायदा एंट्री-लेवल टू-व्हीलर और 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली छोटी कारों के ग्राहकों को होगा। न सिर्फ गाड़ियों के दाम घटेंगे बल्कि ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स भी सस्ते होंगे। इसका असर मैन्युफैक्चरिंग लागत पर पड़ेगा और कंपनियों के लिए उत्पादन भी सस्ता होगा। साथ ही, स्पेयर पार्ट्स के दाम कम होने से लोगों के लिए गाड़ी चलाने का खर्च भी घटेगा। खासतौर पर दोपहिया वाहन कंपनियां लंबे समय से इस टैक्स कटौती की मांग कर रही थीं।
यह भी पढ़ें - FASTag Annual Pass: फास्टैग वार्षिक पास लॉन्च, क्या यह वाकई फायदेमंद है? ऐसे लगाएं गणित, जानें कैसे करें आवेदन
अगर नया जीएसटी रेट लागू हो गया तो सबसे ज्यादा फायदा एंट्री-लेवल टू-व्हीलर और 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली छोटी कारों के ग्राहकों को होगा। न सिर्फ गाड़ियों के दाम घटेंगे बल्कि ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स भी सस्ते होंगे। इसका असर मैन्युफैक्चरिंग लागत पर पड़ेगा और कंपनियों के लिए उत्पादन भी सस्ता होगा। साथ ही, स्पेयर पार्ट्स के दाम कम होने से लोगों के लिए गाड़ी चलाने का खर्च भी घटेगा। खासतौर पर दोपहिया वाहन कंपनियां लंबे समय से इस टैक्स कटौती की मांग कर रही थीं।
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ईवी और लग्जरी कारों पर क्या होगा असर
जानकारी के मुताबिक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (ईवी) पर टैक्स स्लैब पहले की तरह 5 प्रतिशत ही रहेगा। वहीं लग्जरी कारों पर मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर जारी रह सकता है। इसके अलावा पैसेंजर वाहनों पर सरकार का कंपनसेशन सेस भी लागू रहेगा। दूसरी तरफ, लग्जरी और हानिकारक (सिन) प्रोडक्ट्स जैसे तंबाकू आदि पर 40 प्रतिशत टैक्स लगाने की सिफारिश की गई है।
यह भी पढ़ें - Independence Day 2025: भारत के सैन्य बेड़े के शेर, वो गाड़ियां जो सरहद पर देती हैं ताकत और भरोसा
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कारोबार और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
जीएसटी सुधार का मकसद सिर्फ गाड़ियों को सस्ता करना ही नहीं, बल्कि व्यापार को आसान बनाना (ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस) को भी मजबूत करना है। खासतौर पर अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च शुल्कों के मद्देनजर MSME (एमएसएमई) (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) के लिए व्यापार को बढ़ावा देना भी है।
टैक्स घटने से न सिर्फ ऑटोमोबाइल, बल्कि घरेलू उपकरणों (होम अप्लायंसेस) और इलेक्ट्रॉनिक सामान भी सस्ते हो जाएंगे। इससे घरेलू खपत और व्यापार दोनों में तेजी आएगी और पूरी अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
यह भी पढ़ें - NHAI: टोल वसूली पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, एनएचएआई से कहा- अपील करने के बजाय कुछ करें
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टैक्स घटने से न सिर्फ ऑटोमोबाइल, बल्कि घरेलू उपकरणों (होम अप्लायंसेस) और इलेक्ट्रॉनिक सामान भी सस्ते हो जाएंगे। इससे घरेलू खपत और व्यापार दोनों में तेजी आएगी और पूरी अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
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