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SUV Sales: जलवायु और एफिशिएंसी संबंधी चिंताओं के बावजूद, भारत अभी भी वैश्विक एसयूवी बिक्री का बड़ा केंद्र
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Tue, 18 Mar 2025 03:51 PM IST
सार
दुनिया में छोटी और इको-फ्रेंडली कारों की मांग बढ़ने की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन हकीकत में स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) ने बाजार पर कब्जा जमा लिया है।
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Toyota Fortuner Legender SUV
- फोटो : Toyota
दुनिया में छोटी और इको-फ्रेंडली कारों की मांग बढ़ने की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन हकीकत में स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) ने बाजार पर कब्जा जमा लिया है। ग्लोबलडाटा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में दुनिया भर में बेची गई कुल कारों में से 54 प्रतिशत एसयूवी थीं, जो पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ोतरी दिखाती है। भले ही हरित (ग्रीन) परिवहन को बढ़ावा देने की कोशिशें तेज हो रही हों, लेकिन उपभोक्ताओं की जरूरतें, मुनाफे की संभावनाएं और जबरदस्त प्रचार एसयूवी को सुर्खियों में बनाए हुए हैं।

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SUV
- फोटो : Adobe Stock
चीन सबसे आगे
एसयूवी लोगों को आरामदायक सफर, ज्यादा जगह और ऊंची ड्राइविंग पोजीशन जैसी सुविधाएं देती हैं, जिससे ये ग्राहकों की पसंदीदा बनी हुई हैं। ग्लोबलडाटा की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में एसयूवी बिक्री के मामले में चीन सबसे आगे रहा, जहां 11.6 मिलियन एसयूवी बिकीं। इसके बाद अमेरिका, भारत और जर्मनी का नंबर आता है। बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देशों में लोगों की क्रय शक्ति बढ़ी है, जिससे ऐसी गाड़ियां ज्यादा बिक रही हैं, जो हर परिस्थिति में इस्तेमाल की जा सकें।
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एसयूवी लोगों को आरामदायक सफर, ज्यादा जगह और ऊंची ड्राइविंग पोजीशन जैसी सुविधाएं देती हैं, जिससे ये ग्राहकों की पसंदीदा बनी हुई हैं। ग्लोबलडाटा की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में एसयूवी बिक्री के मामले में चीन सबसे आगे रहा, जहां 11.6 मिलियन एसयूवी बिकीं। इसके बाद अमेरिका, भारत और जर्मनी का नंबर आता है। बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देशों में लोगों की क्रय शक्ति बढ़ी है, जिससे ऐसी गाड़ियां ज्यादा बिक रही हैं, जो हर परिस्थिति में इस्तेमाल की जा सकें।
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2025 Volkswagen Atlas SUV
- फोटो : Volkswagen
ज्यादा मुनाफे के कारण कंपनियां SUV को दे रही बढ़ावा
एसयूवी की बढ़ती बिक्री का एक और बड़ा कारण मुनाफा है। कार कंपनियों को छोटी गाड़ियों के मुकाबले एसयूवी से काफी ज्यादा फायदा होता है। इसलिए वे इस सेगमेंट पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि यूरोपियन ट्रांसपोर्ट सेफ्टी काउंसिल ने इस बात को उजागर किया है कि कार निर्माता कंपनियां एसयूवी को स्टाइलिश, आकर्षक और बहुउद्देश्यीय (मल्टीपर्पज) वाहन के रूप में प्रमोट कर रही हैं, जिससे इनकी मांग और बढ़ रही है।
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एसयूवी की बढ़ती बिक्री का एक और बड़ा कारण मुनाफा है। कार कंपनियों को छोटी गाड़ियों के मुकाबले एसयूवी से काफी ज्यादा फायदा होता है। इसलिए वे इस सेगमेंट पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि यूरोपियन ट्रांसपोर्ट सेफ्टी काउंसिल ने इस बात को उजागर किया है कि कार निर्माता कंपनियां एसयूवी को स्टाइलिश, आकर्षक और बहुउद्देश्यीय (मल्टीपर्पज) वाहन के रूप में प्रमोट कर रही हैं, जिससे इनकी मांग और बढ़ रही है।
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Mahindra XUV700
- फोटो : Mahindra
पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचा रही हैं एसयूवी?
भले ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या बढ़ रही हो, लेकिन इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) की रिपोर्ट के अनुसार, अब भी 95 प्रतिशत एसयूवी जीवाश्म ईंधन (फॉसिल फ्यूल) पर चल रही हैं। इस वजह से तेल की खपत लगातार बढ़ रही है। 2022 से 2023 के बीच एसयूवी ने वैश्विक तेल की मांग में प्रतिदिन 6 लाख बैरल का इजाफा किया।
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2025 Kia Seltos
- फोटो : Kia
अगर एसयूवी को एक देश माना जाए, तो वे CO2 उत्सर्जन में दुनिया में पांचवें नंबर पर आ जाएंगी, जापान से भी ज्यादा। यहां तक कि इलेक्ट्रिक एसयूवी भी पूरी तरह पर्यावरण के लिए बेहतर विकल्प नहीं हैं। क्योंकि इनमें बड़ी बैटरियां लगती हैं, जिनमें ज्यादा मात्रा में दुर्लभ खनिज इस्तेमाल होते हैं, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं।
इंटरनेशनल काउंसिल ऑन क्लीन ट्रांसपोर्टेशन की 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्लग-इन हाइब्रिड एसयूवी औसतन सिर्फ 30 प्रतिशत समय ही इलेक्ट्रिक मोड पर चलती हैं। बाकी समय वे पेट्रोल या डीजल से ही काम करती हैं। यानी इनका वास्तविक ईंधन लाभ सीमित ही रहता है।
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