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AI: एनएचएआई ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से बचाए ₹25,680 करोड़ और निपटाए 155 पुराने विवाद
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Thu, 17 Jul 2025 08:26 PM IST
सार
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने अपनी दूसरी सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से उसके कामकाज में जबरदस्त सुधार हुआ है।
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एक्सप्रेसवे
- फोटो : AI
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) (NHAI) (एनएचएआई) ने अपनी दूसरी सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से उसके कामकाज में जबरदस्त सुधार हुआ है। एनएचएआई ने 'डेटा लेक 3.0' नाम से एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया है। जो सभी प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारियों को एक ही जगह इकट्ठा करता है और फैसले लेने की प्रक्रिया को तेज बनाता है। इस तकनीक से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट अब और भी स्मार्ट और पारदर्शी हो गया है।

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एआई
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AI से हुई ₹25,680 करोड़ की बचत
इस डिजिटल बदलाव की सबसे बड़ी कामयाबी रही लंबे समय से चले आ रहे 155 विवादों का निपटारा। इन मामलों को सुलझाने से करीब 25,680 करोड़ रुपये की सार्वजनिक धनराशि की बचत हुई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एनएचएआई ने सिर्फ तकनीक को नहीं अपनाया, बल्कि अपने कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी अहम कदम उठाए हैं।
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AI
- फोटो : अमर उजाला
वर्कप्लेस पर सुरक्षा और समानता को मिली प्राथमिकता
कार्यालयों में ऑक्युपेशनल हेल्थ एंड सेफ्टी (OHS) फ्रेमवर्क लागू किया गया है। साथ ही विविधता और समानता को बढ़ावा देने की दिशा में किए गए प्रयासों की वजह से पिछले एक साल में भेदभाव की एक भी शिकायत दर्ज नहीं हुई है।
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Toll Plaza
- फोटो : PTI
फास्टैग से पूरे देश में दिखा असर
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अब फास्टैग कवरेज 98.5 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। इसका सीधा असर टोल प्लाजा पर देखने को मिला है, जहां लंबी कतारें कम हुई हैं, वाहन बिना रुके गुजरते हैं। जिससे ईंधन की बचत होती है और प्रदूषण में भी कमी आती है।
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National Highway
- फोटो : PTI
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए विकास की नीति
एनएचएआई ने यह भी साफ किया है कि अब वह हर निर्माण कार्य में हरियाली, सोलर एनर्जी और वेस्ट मैनेजमेंट जैसी सस्टेनेबल नीतियों को प्राथमिकता दे रही है। इसका मकसद है कि विकास की रफ्तार तो बनी रहे, लेकिन इसका असर पर्यावरण पर न्यूनतम हो।
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