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Traffic Rules: क्या आपको इन तीन ट्रैफिक नियमों की है जानकारी? पुलिस नहीं कर सकेगी परेशान
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Thu, 28 Mar 2024 02:07 PM IST
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Delhi Traffic Police Challan Offence
- फोटो : Twitter
भारत दुनिया का तीसरे सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है। भारत में साल दर साल बिकने वाली कार, बाइक्स और स्कूटर्स की संख्या चौंका देने वाली है। और इस संख्या के लगातार बढ़ते जाने की उम्मीद है। हालांकि, कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए सभी वाहन चालकों पर नजर रखना मुश्किल हो जाता है। पिछले कुछ वर्षों में, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां पुलिस कर्मियों द्वारा वाहन चालकों को परेशान किया गया है। नियमों को असरदार तरीके से लागू करने के लिए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने ऐसे नियमों का एक सेट जारी किया है जो भारतीय वाहन चालकों की बहुत मदद करेगा। यहां हम आपको इनमें से, तीन ट्रैफिक नियमों के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में सभी को पता होना चाहिए।

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Vehicle Documents
- फोटो : Parivahan.gov.in
भौतिक दस्तावेजों की जरूरत नहीं है
अब वाहन चालक का लाइसेंस, वाहन का पंजीकरण और प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र जैसी भौतिक दस्तावेज ले जाने की कोई जरूरत नहीं है। कानून लागू करने वाली एजेंसियों को डिजि-लॉकर या एम-परिवहन एप्लिकेशन के जरिए दिखाए गए ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाणपत्र या किसी अन्य दस्तावेज को स्वीकार करने के निर्देश दिए गए हैं। इन एप्लिकेशन में चालक/सवार और वाहन का पूरा डिटेल्स होता है। इसलिए, कानून लागू करने वाले कर्मचारी डिजिटल रूप से दस्तावेजों का आसानी से देख सकते हैं। और चालकों को भौतिक प्रतियां (हार्ड कॉपी) दिखाने के लिए परेशान नहीं कर सकते।
अब वाहन चालक का लाइसेंस, वाहन का पंजीकरण और प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र जैसी भौतिक दस्तावेज ले जाने की कोई जरूरत नहीं है। कानून लागू करने वाली एजेंसियों को डिजि-लॉकर या एम-परिवहन एप्लिकेशन के जरिए दिखाए गए ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाणपत्र या किसी अन्य दस्तावेज को स्वीकार करने के निर्देश दिए गए हैं। इन एप्लिकेशन में चालक/सवार और वाहन का पूरा डिटेल्स होता है। इसलिए, कानून लागू करने वाले कर्मचारी डिजिटल रूप से दस्तावेजों का आसानी से देख सकते हैं। और चालकों को भौतिक प्रतियां (हार्ड कॉपी) दिखाने के लिए परेशान नहीं कर सकते।
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भौतिक या डिजिटल कॉपी नहीं चाहिए
अगर ड्राइविंग के दौरान चालक के पास मोबाइल नहीं है। और इस वजह से वह डिजि-लॉकर या एम-परिवहन ऐप के जरिए डिजिटल दस्तावेज नहीं दिखा पा रहा है। तो कानून लागू करने वाली एजेंसी के कर्मचारी अपने एम-परिवहन या ई-चालान ऐप पर ड्राइविंग लाइसेंस डिटेल्स या वाहन पंजीकरण डिटेल्स की वेरिफिकेशन (सत्यापन) कर सकते हैं। एजेंसी वाहन संख्या डाल कर यह जानकारी हासिल कर सकती है।
अगर ड्राइविंग के दौरान चालक के पास मोबाइल नहीं है। और इस वजह से वह डिजि-लॉकर या एम-परिवहन ऐप के जरिए डिजिटल दस्तावेज नहीं दिखा पा रहा है। तो कानून लागू करने वाली एजेंसी के कर्मचारी अपने एम-परिवहन या ई-चालान ऐप पर ड्राइविंग लाइसेंस डिटेल्स या वाहन पंजीकरण डिटेल्स की वेरिफिकेशन (सत्यापन) कर सकते हैं। एजेंसी वाहन संख्या डाल कर यह जानकारी हासिल कर सकती है।

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- फोटो : Parivahan.gov.in
चालान का भुगतान
यदि यातायात नियम तोड़ने पर चालक को चालान मिलता है, तो पुलिस अपराध के आधार पर ई-चालान भेजेगी। चालक इस जुर्माने का भुगतान राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए विभिन्न ऑनलाइन ऐप के जरिए या विभिन्न शहरों में रखे गए विभिन्न चालान काउंटरों के जरिए भी कर सकता है। हालांकि ज्यादातर समय ई-चालान भुगतान प्रणाली के जरिए इन जुर्मानों का भुगतान करना सबसे अच्छा होता है। ऐसे करने पर भुगतान जल्दी तो होता ही है, और कानून लागू करने वाली एजेंसियों से पावती (एक्नॉलेजमेंट) भी मिलती है।
पूरे दस्तावेज को परिवहन वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
यदि यातायात नियम तोड़ने पर चालक को चालान मिलता है, तो पुलिस अपराध के आधार पर ई-चालान भेजेगी। चालक इस जुर्माने का भुगतान राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए विभिन्न ऑनलाइन ऐप के जरिए या विभिन्न शहरों में रखे गए विभिन्न चालान काउंटरों के जरिए भी कर सकता है। हालांकि ज्यादातर समय ई-चालान भुगतान प्रणाली के जरिए इन जुर्मानों का भुगतान करना सबसे अच्छा होता है। ऐसे करने पर भुगतान जल्दी तो होता ही है, और कानून लागू करने वाली एजेंसियों से पावती (एक्नॉलेजमेंट) भी मिलती है।
पूरे दस्तावेज को परिवहन वेबसाइट पर देखा जा सकता है।