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Vehicles Scrap: वित्तीय वर्ष 2022-23 में इतने लाख पुराने वाहन हुए स्क्रैप, इतने अन्य राज्यों में हुए शिफ्ट
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Sat, 13 Jan 2024 12:48 PM IST
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Vehicle Scrapping
- फोटो : सोशल मीडिया
वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1.40 लाख से ज्यादा पुराने वाहनों को स्क्रैप कर दिया गया, जबकि 2021-22 में सिर्फ 4,923 वाहनों को हटाया गया था। यह जानकारी दिल्ली सांख्यिकीय पुस्तिका-2023 से मिली है।

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vehicle scrapping facility
- फोटो : Twitter
कितने वाहन हुए स्क्रैप
दस्तावेज के मुताबिक, 2021-22 वित्तीय वर्ष में 4,923 वाहनों को स्क्रैप किया गया था। जबकि 2022-23 में 1,40,342 वाहनों को स्क्रैप किया गया।
साथ ही, 2022-23 वित्तीय वर्ष में 54,95,838 (54.95 लाख) पुराने वाहनों को हटाया गया था। जबकि 2021-22 वित्तीय वर्ष में 48,77,646 (48.77 लाख) पुराने वाहनों को हटाया गया।
दस्तावेज के मुताबिक, 2021-22 वित्तीय वर्ष में 4,923 वाहनों को स्क्रैप किया गया था। जबकि 2022-23 में 1,40,342 वाहनों को स्क्रैप किया गया।
साथ ही, 2022-23 वित्तीय वर्ष में 54,95,838 (54.95 लाख) पुराने वाहनों को हटाया गया था। जबकि 2021-22 वित्तीय वर्ष में 48,77,646 (48.77 लाख) पुराने वाहनों को हटाया गया।
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car
- फोटो : istock
कितने अन्य राज्यों में हुए शिफ्ट
दस्तावेज में कहा गया है कि 2022-23 में परिवहन विभाग से अन्य राज्यों में शिफ्ट होने के लिए 6,23,034 हटाए गए वाहनों ने अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लिया। जबकि 2021-22 में 83,240 वाहनों ने ऐसा ही किया।
2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में क्रमशः 10 और 15 वर्ष से ज्यादा पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा।
दस्तावेज में कहा गया है कि 2022-23 में परिवहन विभाग से अन्य राज्यों में शिफ्ट होने के लिए 6,23,034 हटाए गए वाहनों ने अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लिया। जबकि 2021-22 में 83,240 वाहनों ने ऐसा ही किया।
2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में क्रमशः 10 और 15 वर्ष से ज्यादा पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा।

Electric Bus
- फोटो : Social Media
इलेक्ट्रिक बस
दस्तावेज में कहा गया है कि 2021-22 में दिल्ली में सिर्फ दो इलेक्ट्रिक बसें थीं, लेकिन वे सड़कों पर नहीं चल रही थीं। जबकि अगले वित्तीय वर्ष में यह संख्या बढ़कर 300 हो गई, जिनमें से 202 सड़कों पर चल रही थीं।
2019-20 में पंजीकृत मोटर वाहनों की संख्या 1,18,92,877 थी, जो अगले वित्तीय वर्ष में बढ़कर 1,22,53,350 हो गई। 2021-22 में इसमें मामूली गिरावट आई और यह 77,39,369 हो गई। फिर 2022-23 वित्तीय वर्ष में यह बढ़कर 79,45,596 हो गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 5,702.20 लाख से बढ़कर 2022-23 में 9,132.90 लाख हो गई।
दस्तावेज में कहा गया है कि 2021-22 में दिल्ली में सिर्फ दो इलेक्ट्रिक बसें थीं, लेकिन वे सड़कों पर नहीं चल रही थीं। जबकि अगले वित्तीय वर्ष में यह संख्या बढ़कर 300 हो गई, जिनमें से 202 सड़कों पर चल रही थीं।
2019-20 में पंजीकृत मोटर वाहनों की संख्या 1,18,92,877 थी, जो अगले वित्तीय वर्ष में बढ़कर 1,22,53,350 हो गई। 2021-22 में इसमें मामूली गिरावट आई और यह 77,39,369 हो गई। फिर 2022-23 वित्तीय वर्ष में यह बढ़कर 79,45,596 हो गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 5,702.20 लाख से बढ़कर 2022-23 में 9,132.90 लाख हो गई।
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Bus Accident
- फोटो : अमर उजाला
कितनी हुई बस दुर्घटना
2021-22 में 95 बसें दुर्घटनाओं में शामिल थीं, जबकि 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 118 हो गई।
2021-22 में इन 95 बसों में से 20 घातक दुर्घटनाओं में शामिल थीं, 4 गंभीर दुर्घटनाओं में और 71 मामूली दुर्घटनाओं में शामिल थीं।
अगले वित्तीय वर्ष में 36 बसें घातक दुर्घटनाओं में शामिल थीं, 10 गंभीर दुर्घटनाओं में और 72 मामूली दुर्घटनाओं में शामिल थीं।
आंकड़ों के अनुसार 2022-23 में 55 क्लस्टर बसें दुर्घटनाग्रस्त हुईं, जिनमें से 29 घातक, 15 गंभीर और 11 मामूली दुर्घटनाएं थीं।
2021-22 में 95 बसें दुर्घटनाओं में शामिल थीं, जबकि 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 118 हो गई।
2021-22 में इन 95 बसों में से 20 घातक दुर्घटनाओं में शामिल थीं, 4 गंभीर दुर्घटनाओं में और 71 मामूली दुर्घटनाओं में शामिल थीं।
अगले वित्तीय वर्ष में 36 बसें घातक दुर्घटनाओं में शामिल थीं, 10 गंभीर दुर्घटनाओं में और 72 मामूली दुर्घटनाओं में शामिल थीं।
आंकड़ों के अनुसार 2022-23 में 55 क्लस्टर बसें दुर्घटनाग्रस्त हुईं, जिनमें से 29 घातक, 15 गंभीर और 11 मामूली दुर्घटनाएं थीं।