क्या आपको खरीदनी चाहिए टर्बो पेट्रोल इंजन वाली कार या SUV, ये है बड़ी वजह
- कंपनियों को पसंद आ रहा है ‘छोटा है तो दमदार है’ का स्लोगन
- 1.0 से 1.5 लीटर की रेंज में बना रही हैं छोटे टर्बो पेट्रोल इंजन
- नैचुरली एस्पायरेटेड पेट्रोल इंजन के मुकाबले हैं ताकतवर
विस्तार
पिछले कुछ सालों से गाड़ियों के इंजन में आपने एक खास बदलाव पर गौर किया होगा। खासतौर पर छोटी हैचबैक या सब कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में, जहां गाड़ियां छोटे इंजन के साथ लॉन्च हो रही हैं। हाल फिलहाल में जितनी भी गाड़ियां लॉन्च हो रही हैं वे सभी टर्बो इंजन के साथ आ रही हैं और उनकी इंजन क्षमता भी कम होती है। कंपनियां 1.0 से 1.5 लीटर की रेंज वाले छोटे टर्बो पेट्रोल इंजन वाली गाड़ियों पर फोकस कर रही हैं। आने वाले कुछ समय में टर्बो इंजन वाली गाड़ियों की भरमार होगी। आखिर इसके पीछे क्या है वजह...
फैलाते हैं कम प्रदूषण
इनकी संख्या बढ़ने के पीछे मुख्य वजह है इनकी एफिशिएंसी और एमीशंस। जैसे कि बीएस6 मानक लागू हो चुके हैं और 2022 में CAFÉ 2.0 सेंकड फेज ऑफ कॉरपोरेट फ्यूल एफिशिएंसी लागू होने वाले हैं। जिसके तहत कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन 130.2 ग्राम प्रति किमी से घटाकर 113.1 ग्राम प्रति लीटर करना है। वहीं अगर छोटे टर्बो पेट्रोल इंजन की बात करें, तो इतनी ही क्षमता वाले नैचुरली एस्पायरेटेड पेट्रोल इंजन के मुकाबले ये ज्यादा ताकतवर और कम प्रदूषण पैदा करते हैं।
ह्यूंदै ने मारी बाजी
इन छोटे टर्बो पेट्रोल इंजन को इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि ये भविष्य की चुनौतियों से निपट सकें। वहीं छोटे टर्बो पेट्रोल इंजन बनाने की दौड़ में सबसे आगे रही ह्यूंदै मोटर्स। यह अकेली कंपनी है जिसके सभी मॉडल्स में टर्बो पेट्रोल इंजन दिया गया है। कंपनी ने सबसे पहला टर्बो पेट्रोल इंजन 2019 में अपनी सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी वेन्यू में दिया था। जिसमें 1.0 लीटर वाला 3-सिलिंडर टर्बो पेट्रोल इंजन है, जो 120 एचपी की पावर देता है। वहीं ऑरा और ग्रैंड आई10 NIOS में भी 100 एचपी की पावर वाला पेट्रोल इंजन दिया गया है। वहीं सेकंड जेनरेशन क्रेटा में 140 एचपी की पावर वाला 1.4 लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन दिया गया है। जबकि फेसलिफ्ट वरना में 120 एचपी की टर्बो पावर यूनिट दी गई है। इसके अलावा ह्यूंदै अपनी इस साल के मध्य में लॉन्च होने वाली नेक्स्ट जेनरेशन i20 में 120 एचपी की पावर वाला टर्बो पेट्रोल पेट्रोल इंजन दिया जा सकता है।
किआ और एमजी ने की तैयारी
इसके अलावा ह्यूंदै की ही सब्सिडियरी कंपनी किआ मोटर्स ने अपनी कॉम्पैक्ट सेल्टॉस एसयूवी में 1,4 लीटर का टर्बो पेट्रोल इंजन दिया है, जबकि इसके आने वाली छोटी सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी सोनेट में 1.0 लीटर का टर्बो पेट्रोल इंजन मिलेगा, जो वेन्यू में भी मिलता है। वहीं एमजी मोटर भी पहले से ही अपनी गाड़ियों में टर्बो इंजन दे रही है। हेक्टर में 1.5 लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन के अलावा ZS पेट्रोल की तरह भविष्य में 1.0 और 1.3 लीटर यूनिट दी जा सकती है।
फॉक्सवैगन और स्कोडा भी जुटीं
वहीं ह्यूंदै और किआ के अलावा फॉक्सवैगन और स्कोडा को भी इन छोटे इंजनों से बेहद उम्मीदें हैं। इन्होंने 110 एचपी की पावर वाला 1.0 TSI टर्बो पेट्रोल उतारा है, जो पोलो, रैपिड और वेंटो में मिलेगा। फॉक्सवैगन पहली ऐसी कार कंपनी है जो हाई-टैक टर्बो इंजन को 10 लाख से कम कीमत में उतारेगी। इसके अलावा 2021 में आने वाली फॉक्सवैगन टाइगुन और स्टोडा की मिड-साइज एसयूवी में भी यही 1.0 लीटर 3-सिलिंडर इंजन देखने को मिलेगा। वहीं फॉक्सवैगन T-Roc में 150 एचपी की पावर वाला 1.5 लीटर TSi इंजन दिया गया है, जो आने वाली स्कोडा कैरॉक में भी देखने को मिलेगा।
रेनो-निसान भी ला रही हैं टर्बो
इसके अलावा रेनो निसान भी टर्बो पेट्रोल इंजन मोड में आने वाली है। रेनो ट्राइबर में जल्द ही 1.0 लीटर HR10 टर्बो पेट्रोल यूनिट देखने को मिल सकती है, जो 95 एचपी की पावर देगी। यह इंजन मौजूदा 1.0 लीटर नैचुरली एस्पायरेटेड इंजन की जगह लेगा। इसके अलावा कंपनी अपनी छोटी कॉम्पैक्ट एसयूवी HBC लाने वाली है, जिसमें यही इंजन दिया जा सकता है। इसके अलावा रेनो-निसान मर्सिड़ीज बेंज के साथ मिल कर 4-सिलिंडर HR13 इंजन विकसित कर रही हैं, जो नई रेनो डस्टर में देखने को मिल सकता है। यह इंजन 1256 एचपी की पावर देगा।
महिंद्रा ला रही है mStallion
इनके कंपनियों के अलावा देसी कार कंपनी महिंद्रा एड महिंद्रा भी टर्बो पेट्रोल यूनिट पर काम कर रही है। कंपनी की नई डायरेक्ट इंजेक्शन वाले mStallion टर्बोचार्ज्ड इंजन 1.2, 1.5 और 2.0 लीटर की क्षमता में तैयार किए जाएंगे। XUV300 में आने वाला पहला mStallion टर्बोचार्ज्ड इंजन 1.2 लीटर 3-सिलंडर वाला है, जो 130 एचपी की पावर देता है। वहीं कंपनी फोर्ड के साथ 1.0 लीटर इकोबूस्ट इंजन बना रही है। आने वाली थार में भी कंपनी 1.5 लीटर 4-सिलिंडर mStallion टर्बोचार्ज्ड इंजन दे सकती है, जो एमपीवी मराजो में भी देखने को मिल सकता है। इसके अलावा नेक्स्ट जेनरेशन XUV500, स्कॉर्पियो और फोर्ड एसयूवी में भी 190 एचपी की पावर वाला 2.0 लीटर mStallion टर्बोचार्ज्ड इंजन दिया जा सकता है।
टाटा हैरियर में आएगा टर्बो पेट्रोल
इन कंपनियों के अलावा घरेलू कंपनी टाटा मोटर्स भी टर्बोचार्ज्ड इंजन बना रही है। कंपनी ने सबसे पहले 4-सिलिंडर वाला 1.2 लीटर रेवोट्रॉन टर्बो पेट्रोल इंजन अपनी बोल्ट और जेस्ट कार में दिया था। लेकिन अब कंपनी आगे की सोच रही है। टाटा मोटर्स ने नेक्सन में 1.2 लीटर 3-सिलिंडर को बीएस6 में अपग्रेड किया है। वहीं कंपनी इस इंजन को अपनी प्रीमियम हैचबैक टाटा अल्ट्रोज के लिए तैयार कर रही है। इसके अलावा कंपनी अपनी कॉम्पैक्ट प्रीमियम एसयूवी टाटा हैरियर में 1.5 लीटर की टर्बो पेट्रोल यूनिट दे सकती है।
मारुति और टोयोटा का हाईब्रिड पर दांव
वहीं ऐसा नहीं है कि सभी कार कंपनियां टर्बो यूनिट को अपनी आगे की रणनीति का हिस्सा बना रही हैं। मारुति सुजुकी और टोयोटा टर्बोपेट्रोल की जगह हाईब्रिड पर जोर दे रही हैं। हालांकि कंपनी ने पहले बताया था कि वह छोटा टर्बो पेट्रोल इंजन बनाएगी, लेकिन कंपनी ने उस पर काम शुरू नहीं किया है। असल में मारुति टर्बो पेट्रोल यूनिट पर ज्यादा भरोसा नहीं कर रही है। क्योंकि पहले अपने हाथ जला चुकी है। कंपनी ने बलेनो आरएस लॉन्च की थी, जिसमें 1.0 लीटर बूस्टरजेट पेट्रोल इंजन दिया था, लेकिन वह कार सफल नहीं हुई और मजबूरन कंपनी को बंद करना पड़ा। वहीं जापानी कार कंपनी होंडा भी हाईब्रिड पर ही भरोसा कर रही है। कंपनी ने हाल ही में 1.5 लीटर डीजल इंजन को बीएस6 में अपग्रेड किया है। वहीं कंपनी अभी किसी भी तरह की जल्दबाजी के मूड में नहीं है।
भारतीयों को समझ नहीं आता टर्बो इंजन
विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय ग्राहकों को समझाना बेहद मुश्किल है। उन्हें 1.5 लीटर इंजन चाहिए या कार का मॉडल चाहिए, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसमें टर्बो इंजन है या नहीं। देश में अभी भी कई लोग बड़े इंजनों के चाहने वाले हैं, जो ये सोचते हैं जितना बड़ा इंजन होगा, उतना ही पावरफुल होगा।