
Nitin Gadkari: नितिन गडकरी ने कहा- भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को दुनिया की नंबर-1 बनाने का लक्ष्य
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार का मिशन है कि भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री (वाहन उद्योग) को दुनिया की नंबर एक इंडस्ट्री बनाया जाए।



गडकरी ने जानकारी दी कि इस समय भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का आकार 22 लाख करोड़ रुपये है। 2014 में जब उन्होंने मंत्रालय संभाला था, तब यह इंडस्ट्री केवल 7.5 लाख करोड़ रुपये की थी। सरकार का उद्देश्य इसे और तेजी से बढ़ाकर दुनिया में नंबर वन बनाना है। फिलहाल अमेरिका की ऑटो इंडस्ट्री 78 लाख करोड़ रुपये और चीन की 47 लाख करोड़ रुपये की है।
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गडकरी ने यह भी बताया कि ऑटोमोबाइल सेक्टर सरकार को जीएसटी के रूप में सबसे ज्यादा राजस्व देता है। यह इंडस्ट्री न केवल मैन्युफैक्चरिंग के लिहाज से शीर्ष पर है, बल्कि सरकार के लिए आमदनी का एक मजबूत जरिया और रोजगार देने वाला सबसे बड़ा क्षेत्र भी है।
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हालांकि, गडकरी ने यह भी चेताया कि भारत में कुल प्रदूषण का 40 प्रतिशत हिस्सा ट्रांसपोर्ट सेक्टर से आता है, जो आर्थिक रूप से भी एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने ऑटो इंडस्ट्री से आग्रह किया कि वे हरित और वैकल्पिक ईंधन विकसित करें जिससे प्रदूषण को कम किया जा सके। यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। और इलेक्ट्रिक, सीएनजी और हाइब्रिड टेक्नोलॉजी की मांग तेज़ी से बढ़ रही है।
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टू-व्हीलर्स में ABS अब जरूरी
गडकरी ने कहा कि अब दोपहिया वाहनों में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) को अनिवार्य किया गया है। सड़क हादसों में दोपहिया वाहनों से जुड़ी मौतों का आंकड़ा करीब 45 प्रतिशत है। यानी जितने भी हादसे होते हैं, उनमें लगभग आधे मामलों में जान गंवाने वाले लोग बाइक या स्कूटर से होते हैं। ऐसे में ABS जैसी टेक्नोलॉजी को जरूरी बनाना एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
सड़क सुरक्षा के लिए चार जरूरी पहलू
सरकार का मानना है कि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चार चीजें सबसे अहम हैं -
- ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, यानी गाड़ियों की तकनीकी सुरक्षा।
- रोड इंजीनियरिंग, यानी सड़कें इस तरह बनें कि हादसे कम हों।
- कानून का सख्त पालन कराना, यानी ट्रैफिक नियमों की सही तरीके से निगरानी।
- लोगों को जागरूक बनाना, ताकि वे नियमों को जानें और उनका पालन करें।
ये चारों पहलू अगर मिलकर काम करें, तो हादसों की संख्या में काफी कमी लाई जा सकती है।
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