Utricularia Furcellata: धरती पर कई तरह के पेड़-पौधे पाए जाते हैं। इंसानों को कुदरत के दिए वरदानों में पेड़-पौधे की विशेष जगह है। पेड़-पौधों का मानवीय जीवन चक्र में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि पेड़-पौधों से न सिर्फ भोजन संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति होती है, बल्कि दुनिया में संतुलन बनाए रखने के लिए भी यह जरूरी हैं। अब इस बीच एक ऐसा पौधा मिला है जो बेहद दुर्लभ है।
Utricularia Furcellata: भारत में यहां मिला बेहद दुर्लभ मांसाहारी पौधा, इन जीवों को खा जाता है
सबसे बड़ी बात यह है कि यह मांसाहारी पौधा उत्तराखंड के साथ ही पूरे पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में पहली देखा गया है। यह पौधा मच्छरों और कई अन्य छोटे कीड़ों को खाता है। अभी उत्तराखंड में सेरा, अट्रीकुलेरिया और पिंगुईकुला जीनस के 20 पौधों को खोजा गया है, लेकिन ब्लैडरवॉर्ट्स बेहद दुर्लभ है।
उत्तराखंड वन विभाग के रेंज ऑफिसर हरीश नेगी और मनोज सिंह ने साल 2021 में मांसाहारी ब्लैडरवॉर्ट्स को खोजा था। मुख्य वन सरंक्षक संजीव चतुर्वेदी का कहना है कि अट्रीकुलेरिया फर्सेलाटा (Utricularia Furcellata) एक बेहद जटिल पौधा है।
उन्होंने बताया कि अन्य पौधों से इसकी शारीरिक संरचना बिल्कुल अलग होती है। यह प्रोटोजोआ, कीड़े, लार्वा, मच्छर, नए टैडपोल्स को भी खाता है। यह मांसाहारी पौधा वैक्यूम क्रिएट करता है जिसे निगेटिव प्रेशर पैदा होता है और कीड़े इसके अंदर फंसकर खत्म हो जाते हैं।
गीली मिट्टी और साफ पानी के आसपास अट्रीकुलेरिया फर्सेलाटा गया है। उत्तराखंड वन विभाग का यह पहला ऐसा रिसर्च है जिसे 106 साल पुराने 'द जर्नल ऑफ जापानीज बॉटनी' में प्रकाशित किया गया है। यह टैक्सोनॉमी और वनस्पति विज्ञान के प्रतिष्ठित जर्नलों में शामिल है। अट्रीकुलेरिया फर्सेलाटा भारत में इससे पहले साल 1986 में दिखा था उसके बाद यह कहीं नहीं दिखा।