वैसे तो जनता के लिए कई सरकारी योजनाएं उपलब्ध हैं। लेकिन इन योजनाओं में से एक स्कीम ऐसी भी है जिससे करदाताओं का काफी लाभ मिल रहा है। कानूनी विवादों में फंसे लाखों कर मामलों से न सिर्फ करदाता वर्षों से मानसिक तनाव झेल रहे, बल्कि सरकार का भी करोड़ों रुपये का राजस्व फंसा हुआ है। ऐसे मामलों का तेजी से निपटान करने के लिए सरकार ने बजट 2020-21 में विवाद से विश्वास योजना का प्रस्ताव पेश किया था। अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहत देते हुए इस स्कीम की आखिरी तारीख बढ़ा दी है। आइए जानते हैं इससे आपको क्या फायदा होगा और आप कैसे इसका लाभ उठा सकते हैं।
करदाता छह स्टेप्स में उठाएं इस सरकारी योजना का लाभ, यह है अंतिम तारीख
विवाद से विश्वास योजना में कानूनी झमेलों की मार झेल रहे करदाताओं को निश्चित अवधि के भीतर आवेदन कर मामूली भुगतान के साथ विवाद निपटाने का अवसर दिया गया है। इस योजना का फायदा उठाने के लिए अब डेडलाइन 30 जून 2020 हो गई है। पहले इसकी आखिरी तारीख 31 मार्च 2020 थी। आगे जानते हैं आप इसका फायदा कैसे उठा सकते हैं।
छह स्टेप्स में पूरा होगा काम
- करदाता विवाद से विश्वास डेक्लेरेशन फॉर्म में सभी जरूरी जानकारियां भरकर फोरम में जमा कराएं।
- आयकर विभाग की ओर से 15 दिनों के भीतर प्रमाण पत्र जारी हो जाएगा जिसमें योजना के तहत कुल देय राशि का खुलासा होगा।
- करदाता को प्रमाण पत्र मिलने के 15 दिनों के भीतर उसमें बताई राशि जमा करानी होगी।
- इसकी जानकारी एक तय फॉर्म में भरकर वापस आयकर विभाग के साथ साझा करनी होगी।
- इसके बाद करदाता को भुगतान किए जाने से संबंधित एक आदेश जारी कर दिया जाएगा।
- यह आदेश पूरी तरह निर्णात्मक होगा और इसे देश या विदेश की किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी।
ऐसे करदाताओं को नहीं मिलेगी राहत
सरकार ने योजना में स्पष्ट किया है जिस आय का खुलासा नहीं किया गया अथवा जो संपत्ति भारत से बाहर स्थित है, उन पर चल रहे कर विवादों में इससे कोई राहत नहीं मिलेगी। इसके अलावा जिन मामलों में किसी निश्चित आकलन वर्ष के लिए फोरम या कोर्ट पहले ही फैसला सुना चुका है। उन्हें भी योजना का लाभ नहीं दिया जा सकेगा। साथ ही जिन लोगों के खिलाफ स्मगलिंग जैसे मामलों में हिरासत या गिरफ्तारी के आदेश जारी हो चुके हैं अथवा बेनामी संपत्ति के हस्तांतरण, धनशोधन, ड्रग्स या गैरकानूनी मामलों में कोई आदेश जारी किया गया है, उन्हें भी योजना के तहत शामिल नहीं किया जाएगा।
4.78 लाख आयकर अपील लंबित
कुछ समय पहले सरकार ने लोकसभा में कहा था कि वित्त वर्ष 2018-19 के अंत तक न्यायिक प्रणाली में विभिन्न स्तरों पर आयकर से जुड़ी लगभग 4.78 लाख याचिकाएं लंबित हैं। एक प्रश्न के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2014-15 में आयकर से जुड़ी लगभग 3.75 लाख अपील लंबित थीं, जिनकी संख्या 2018-19 तक बढ़कर 4.78 लाख तक पहुंच गईं।