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अप्रैल से इनकम टैक्स के नियमों में होंगे ये बड़े बदलाव, आपके लिए जानना है जरूरी
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 13 Feb 2018 05:00 PM IST
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वित्त वर्ष 2018-19 से इनकम टैक्स के नियमों में कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने 1 फरवरी को पेश किए गए भाषण में टैक्स स्लैब में तो किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि ऐसे बहुत से नियमों में बदलाव की घोषणा की है, जिसका असर आम करदाता पर पड़ेगा। इससे शेयर बाजार में निवेश करने वालों पर भी असर पड़ेगा, जिनको अगले साल से लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।
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वरिष्ठ नारिकों के लिए बढ़ेगा हेल्थ इन्श्योरेंस का कवर
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वित्त मंत्री ने कहा कि धारा 80डी के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या चिकित्सा व्यय हेतु कटौती सीमा को 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है। अब सभी वरिष्ठ नागरिक किसी स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या किसी चिकित्सा के संदर्भ में 50 हजार रुपये प्रतिवर्ष तक कटौती के लाभ का दावा कर सकेंगे।
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गंभीर बीमारी के लिए 1 लाख रुपये का कवर
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health insurance
वित्त मंत्री ने धारा 80डीडीबी के अंतर्गत गंभीर बीमारी से संदर्भ में चिकित्सा खर्च के लिए कटौती सीमा को वरिष्ठ नागरिकों के मामले में 60 हजार रुपये से और अति वरिष्ठ नागरिकों के मामले में 80 हजार रुपये से बढ़ाकर सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक लाख रुपए का प्रस्ताव किया। इन रियायतों से वरिष्ठ नागरिकों को 4 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर लाभ प्राप्त होगा।
प्रत्येक करदाता को स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगी 40 हजार की छूट
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नए टैक्स प्रस्तावों के अनुसार प्रत्येक टैक्सपेयर को इस बार रिटर्न फाइल करते वक्त 40 हजार रुपये की छूट मिलेगी। हालांकि इसका सबसे ज्यादा फायदा कम टैक्स देने वालों को मिलेगा। इससे प्रत्येक व्यक्ति की टैक्सेबल इनकम में कम से कम 5800 रुपये की बचत होगी।
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अब नहीं देना होगा मेडिकल, ट्रांसपोर्ट अलाउंस का प्रूफ
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नए नियमों के हिसाब से अब किसी भी टैक्सपेयर को मेडिकल और ट्रांसपोर्ट अलाउंस का बिल सबमिट नहीं करना पड़ेगा। इससे हेल्थ इन्श्योरेंस अथवा टैक्सी का बिल आदि वित्त वर्ष के आखिर में संभाल के नहीं रखना पड़ेगा। इससे काफी करदाताओं को राहत मिली है।
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