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शूटिंग विश्व कप : दुबली पतली गनेमत ने रच डाला इतिहास, स्कीट शूटिंग में कांस्य जीतने वाली पहली महिला बनीं
संवाद न्यूज एजेंसी, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Mon, 22 Mar 2021 11:33 AM IST
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चंडीगढ़ की गनेमत सेखों।
- फोटो : अमर उजाला
दिल्ली की कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में चंडीगढ़ की गनेमत सेखों ने इतिहास रच डाला। स्कीट शूटिंग में आज तक किसी महिला शूटर ने विश्व कप में पदक नहीं जीता। गनेमत ने कांस्य जीतकर यह कारनामा कर दिखाया। विश्व रैंकिंग में 82वें स्थान पर काबिज 20 साल की इस निशानेबाज ने 40 सटीक निशाने लगाए। गनेमत इससे पहले 2018 में आईएसएसएफ विश्व चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय स्कीट निशानेबाज बनी थीं। उन्होंने 2017 में सिडनी में हुए जूनियर स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वह 2018 एशियाई खेलों में इस स्पर्धा में 10वें स्थान पर रही थीं। चंडीगढ़ की गनेमत ने 2013 में अपने शूटर चचेरे भाई से प्रभावित होकर राइफल शूटिंग शुरू की, लेकिन इसमें उन्हें मजा नहीं आया तो 2015 में उन्होंने मोती बाग शूटिंग रेंज पटियाला में स्कीट में हाथ आजमाया, लेकिन इसमें गनेमत का वजन आड़े आ रहा था।


चंडीगढ़ की गनेमत सेखों।
- फोटो : ANI
एसडी कॉलेज की छात्रा हैं गनेमत
गनेमत सेखों चंडीगढ़ की रहने वाली हैं। इनके पिता अमरिंदर सिंह व्यवासायी हैं। गनेमत सेक्टर- 32 स्थित एसडी कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। अमरिंदर सिंह ने बताया कि वर्ल्ड कप में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली गनेमत सेखों पहली भारतीय हैं। इससे पहले 2017 में भी गनेमत जूनियर वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय शूटर थीं।
गनेमत सेखों चंडीगढ़ की रहने वाली हैं। इनके पिता अमरिंदर सिंह व्यवासायी हैं। गनेमत सेक्टर- 32 स्थित एसडी कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। अमरिंदर सिंह ने बताया कि वर्ल्ड कप में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली गनेमत सेखों पहली भारतीय हैं। इससे पहले 2017 में भी गनेमत जूनियर वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय शूटर थीं।
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गनेमत सेखों
- फोटो : अमर उजाला
अभ्यास करने रोजाना जाती है पटियाला
अमरिंदर सिंह ने बताया कि ट्राइसिटी और इसके आस पास स्कीट इवेंट के लिए कोई रेंज नही हैं। इसलिए गनेमत रोजाना चंडीगढ़ से पटियाला शूटिंग रेंज पर पिछले कई साल से अभ्यास के लिए जाती हैं।
अमरिंदर सिंह ने बताया कि ट्राइसिटी और इसके आस पास स्कीट इवेंट के लिए कोई रेंज नही हैं। इसलिए गनेमत रोजाना चंडीगढ़ से पटियाला शूटिंग रेंज पर पिछले कई साल से अभ्यास के लिए जाती हैं।

गनेमत सेखों
- फोटो : फाइल फोटो
गनेमत सेखों ने शूटिंग की शुरुआत राइफल से की थी, लेकिन उन्हें इसमें मजा नहीं आया तो उन्होंने बंदूक थाम ली। जिस किसी ने भी दुबली पतली गनेमत को देखा यही कहा कि बंदूक चलाना उनके बस की बात नहीं है। वजन कम होने के चलते उनसे बंदूक नहीं उठती थी। कंधे और हाथ थक जाते थे। बावजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
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चंडीगढ़ की यशस्विनी ने जीता मेडल
- फोटो : अमर उजाला
यशस्विनी ने टीम इवेंट में जीता गोल्ड मेडल
सिटी की महिला शूटर यशस्विनी के नाम दो गोल्ड मेडल हो चुके हैं। शनिवार को इस खिलाड़ी ने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में गोल्ड मेडल हासिल किया। वहीं रविवार को 10 मीटर एयर पिस्टल के टीम इवेंट यशस्विनी देशवाल ने मनु भाकर, निवेथा के साथ मिलकर गोल्ड मेडल हासिल किया।
सिटी की महिला शूटर यशस्विनी के नाम दो गोल्ड मेडल हो चुके हैं। शनिवार को इस खिलाड़ी ने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में गोल्ड मेडल हासिल किया। वहीं रविवार को 10 मीटर एयर पिस्टल के टीम इवेंट यशस्विनी देशवाल ने मनु भाकर, निवेथा के साथ मिलकर गोल्ड मेडल हासिल किया।