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‘हनीप्रीत’ हर रोज पीती है 24 लीटर दूध, पर वो राम रहीम की बेटी नहीं है
अमित शर्मा/अमर उजाला, मोहाली
Updated Fri, 27 Oct 2017 09:16 AM IST
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हनीप्रीत नाम की कटड़ी
'हनीप्रीत' हर रोज 24 लीटर दूध पी रही है, इसके अलावा वह कुछ भी नहीं खाती है। चौंक गए जानकर, पर इससे ज्यादा हैरानी की बात ये कि वो राम रहीम की बेटी नहीं है।
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पशु धन मेला
दरअसल, 'हनीप्रीत' एक कटड़ी है। इसे लेकर आए हैं मोहाली के मानकमाजरा निवासी मनकीरत सिंह। चप्पड़चिड़ी में जिला स्तरीय पशु धन मेला शुरू हुआ है। इसमें भाग लेने के लिए आई है ये दो महीने की कटड़ी। इसने मेले में 25 कट्टियों को पछाड़कर अपनी श्रेणी में कई अवार्ड जीते हैं। हनीप्रीत मुर्रा नस्ल की कट्टी है। इसकी मां 24 लीटर दूध देती है। उस दूध को वह उसे ही पिला देते हैं। हनीप्रीत की ऊंचाई तीन फुट है, अमूमन दो माह की कट्टी की ऊंचाई इतनी नहीं होती है।
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पशु धन मेला
मुक्तसर चैंपियन 'लवली' देती है 28 लीटर दूध
पशु धन मेले में गुरदीप सिंह अपनी भैंस लेकर आए हैं। यह भैंस भी मुर्रा नस्ल की है। इसका नाम उन्होंने लवली रखा है। उन्होंने बताया कि यह भैंस 28 लीटर दूध देती है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष मुक्तसर में हुए वह ऑल इंडिया चैंपियन रही थी। इस दौरान मेले में उसकी झलक पाने को लोग बेताब रहे। उन्होंने बताया कि गत वर्ष उन्होंने 11 लाख रुपये में खरीदी थी।
पशु धन मेले में गुरदीप सिंह अपनी भैंस लेकर आए हैं। यह भैंस भी मुर्रा नस्ल की है। इसका नाम उन्होंने लवली रखा है। उन्होंने बताया कि यह भैंस 28 लीटर दूध देती है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष मुक्तसर में हुए वह ऑल इंडिया चैंपियन रही थी। इस दौरान मेले में उसकी झलक पाने को लोग बेताब रहे। उन्होंने बताया कि गत वर्ष उन्होंने 11 लाख रुपये में खरीदी थी।

पशु धन मेला
'राजा' पीता है तेल तो 'पारस' है दूध का शौकीन
राजा रोजाना तेल पीता है, जबकि पारस दूध का शौकीन है। यह दोनों ही मारवाड़ी नस्ल के घोड़े हैं। राजा घोड़े के मालिक सुखदेव सिंह बरौली ने बताया कि घोड़ा मारवाड़ी नस्ल का है। करीब सवा दो साल का है। यह बाजरा, मोठ, चोकर, अलसी व तूड़ी का शौकीन है। इसी तरह अमरजीत सिंह कैलों अपने पारस नाम के घोड़े को लेकर पहुंचे थे। इसकी उम्र करीब ढाई साल है। साथ ही यह दूध, तूड़ी, चौकर व दूध पीता है।
राजा रोजाना तेल पीता है, जबकि पारस दूध का शौकीन है। यह दोनों ही मारवाड़ी नस्ल के घोड़े हैं। राजा घोड़े के मालिक सुखदेव सिंह बरौली ने बताया कि घोड़ा मारवाड़ी नस्ल का है। करीब सवा दो साल का है। यह बाजरा, मोठ, चोकर, अलसी व तूड़ी का शौकीन है। इसी तरह अमरजीत सिंह कैलों अपने पारस नाम के घोड़े को लेकर पहुंचे थे। इसकी उम्र करीब ढाई साल है। साथ ही यह दूध, तूड़ी, चौकर व दूध पीता है।
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पशु धन मेला
नूरी और शाही ने भी जीत लिया दिल
मेले में निर्मल सिंह बदनुपर की दो घोड़ियां भी मारवाड़ी नस्ल की नूरी और नुक्करी नस्ल की शाही नाम की घोड़ी भी आकर्षक का केंद्र रहीं। दोनों ही सफेद व काले रंग की थी। मालिक द्वारा दोनों की काफी केयर की जाती ळै। उन्होंने बताया कि यह उनकी घर की शान है। इनकी वजह से इलाके में उनकी पहचान है। वह खुद ही उनकी काफी केयर करते हैं।
मेले में निर्मल सिंह बदनुपर की दो घोड़ियां भी मारवाड़ी नस्ल की नूरी और नुक्करी नस्ल की शाही नाम की घोड़ी भी आकर्षक का केंद्र रहीं। दोनों ही सफेद व काले रंग की थी। मालिक द्वारा दोनों की काफी केयर की जाती ळै। उन्होंने बताया कि यह उनकी घर की शान है। इनकी वजह से इलाके में उनकी पहचान है। वह खुद ही उनकी काफी केयर करते हैं।