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पंजाबः दावे सभी 13 सीटें जीतने का, 23 मई को खुलेगी 'किस्मत', देखेंगे किसमें कितना है दम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: खुशबू गोयल
Updated Sun, 19 May 2019 06:54 AM IST
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कैप्टन अमरिंदर सिंह
लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में पंजाब की 13 सीटों पर एक साथ मतदान होंगे। हर पार्टी जीतने का दावा कर रही, इनका दम तो 23 मई को दिखेगा। पंजाब में कांग्रेस, अकाली-भाजपा गठबंधन और आम आदमी पार्टी सभी सीटें जीतने का दावा कर रही हैं। इस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी की स्थिति मजबूत करने में लगे हैं। वहीं, अकाली-भाजपा ने भी पूरा जोर लगा रखा है। आप पार्टी भी मुकाबले को रोमांचक बनाने में जुटी है। मतदान से दो दिन पहले डेरा सच्चा सौदा अपने पत्ते खोलेगा, इसके बाद किसी भी पार्टी के समीकरण बन या बिगड़ सकते हैं।
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Sukhbir Badal
- फोटो : File Photo
फिरोजपुर: सुखबीर बादल को 'उनके' ही सांसद दे रहे चुनौती
इस सीट पर 25 साल से अकाली दल का कब्जा है। इस बार अकाली दल के प्रधान व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल मैदान में हैं। बादल के पूर्व सहयोगी व दो बार अकाली दल से सांसद रहे शेर सिंह घुबाया कांग्रेसी उम्मीदवार के रूप में उनको चुनौती दे रहे हैं। शेर सिंह को अकाली समर्थक वोटरों के गुस्से का सामना भी करना पड़ रहा है। बेअदबी और कोटकपुरा गोलीकांड के मुद्दों पर कांग्रेस ने सुखबीर बादल को जनरल डायर द्वितीय तक कहना शुरु कर दिया है। आप के हरजिंदर सिंह काका और सीपीआई के हंसराज गोल्डन पीडीए के टिकट पर मैदान में हैं।
इस सीट पर 25 साल से अकाली दल का कब्जा है। इस बार अकाली दल के प्रधान व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल मैदान में हैं। बादल के पूर्व सहयोगी व दो बार अकाली दल से सांसद रहे शेर सिंह घुबाया कांग्रेसी उम्मीदवार के रूप में उनको चुनौती दे रहे हैं। शेर सिंह को अकाली समर्थक वोटरों के गुस्से का सामना भी करना पड़ रहा है। बेअदबी और कोटकपुरा गोलीकांड के मुद्दों पर कांग्रेस ने सुखबीर बादल को जनरल डायर द्वितीय तक कहना शुरु कर दिया है। आप के हरजिंदर सिंह काका और सीपीआई के हंसराज गोल्डन पीडीए के टिकट पर मैदान में हैं।
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केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल।
- फोटो : अमर उजाला
बठिंडा: हरसिमरत कौर बादल हैट्रिक की कोशिश में
गढ़ में बादल परिवार की बहू हरसिमरत कौर बादल तीसरी बार जीत हासिल करने के लिए मैदान में हैं। यहां अकाली दल आठ बार जीत चुका है। इस बार अकाली दल सत्ता में नहीं है और पार्टी को श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है। हरसिमरत का मुकाबला कांग्रेस के विधायक राजा वडिंग और आम आदमी पार्टी की विधायक बलजिंदर कौर के अलावा अपनी पार्टी बनाकर चुनाव में उतरे आप के बागी विधायक सुखपाल खैरा से है। इस संसदीय क्षेत्र में नौ विधानसभा सीटों में से 5 पर आप और शिअद-कांग्रेस के पास 2-2 सीटें हैं।
गढ़ में बादल परिवार की बहू हरसिमरत कौर बादल तीसरी बार जीत हासिल करने के लिए मैदान में हैं। यहां अकाली दल आठ बार जीत चुका है। इस बार अकाली दल सत्ता में नहीं है और पार्टी को श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है। हरसिमरत का मुकाबला कांग्रेस के विधायक राजा वडिंग और आम आदमी पार्टी की विधायक बलजिंदर कौर के अलावा अपनी पार्टी बनाकर चुनाव में उतरे आप के बागी विधायक सुखपाल खैरा से है। इस संसदीय क्षेत्र में नौ विधानसभा सीटों में से 5 पर आप और शिअद-कांग्रेस के पास 2-2 सीटें हैं।
भगवंत मान
संगरूर: भगवंत मान को परमिंदर दे रहे टक्कर
आम आदमी पार्टी के पंजाब अध्यक्ष और मौजूदा सांसद भगवंत मान फिर मैदान में हैं। उन्हें कांग्रेस के केवल सिंह ढिल्लों व अकाली दल के परमिंदर सिंह ढींढसा से चुनौती मिल रही है। ढिल्लों बाहरी प्रत्याशी हैं, जिन्हें स्थानीय कांग्रेसियों में पैठ बनाना मुश्किल हो रहा है। 2014 में भगवंत मान ने सुखदेव सिंह ढींढसा को बड़े अंतर से हराया था। इस बार मान का मुकाबला उनके पुुत्र परमिंदर से है। ढींढसा का पैतृक गांव भी इसी संसदीय क्षेत्र में आता है।
आम आदमी पार्टी के पंजाब अध्यक्ष और मौजूदा सांसद भगवंत मान फिर मैदान में हैं। उन्हें कांग्रेस के केवल सिंह ढिल्लों व अकाली दल के परमिंदर सिंह ढींढसा से चुनौती मिल रही है। ढिल्लों बाहरी प्रत्याशी हैं, जिन्हें स्थानीय कांग्रेसियों में पैठ बनाना मुश्किल हो रहा है। 2014 में भगवंत मान ने सुखदेव सिंह ढींढसा को बड़े अंतर से हराया था। इस बार मान का मुकाबला उनके पुुत्र परमिंदर से है। ढींढसा का पैतृक गांव भी इसी संसदीय क्षेत्र में आता है।
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सुनील जाखड़
गुरदासपुर: जाखड़ के सामने अभिनेता सनी की चुनौती
अभिनेता सनी देओल को भाजपा की ओर से उतारने के बाद इस सीट पर सबकी निगाहें हैं। कांग्रेस से मौजूदा सांसद व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ मैदान में हैं। दिवंगत विनोद खन्ना भाजपा के टिकट पर 1998, 1999, 2004 और 2014 में सांसद चुने गए थे। उनकी मृत्यु के बाद भाजपा ने उपचुनाव में यह सीट कांग्रेस के हाथों गंवा दी थी। पार्टी ने एक बार फिर बाॅलीवुड स्टार के सहारे भाग्य आजमाने की कोशिश की है। सनी की रैलियों और रोड शो को लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। आप ने पीटर मसीह को चुनाव में उतारा है।
अभिनेता सनी देओल को भाजपा की ओर से उतारने के बाद इस सीट पर सबकी निगाहें हैं। कांग्रेस से मौजूदा सांसद व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ मैदान में हैं। दिवंगत विनोद खन्ना भाजपा के टिकट पर 1998, 1999, 2004 और 2014 में सांसद चुने गए थे। उनकी मृत्यु के बाद भाजपा ने उपचुनाव में यह सीट कांग्रेस के हाथों गंवा दी थी। पार्टी ने एक बार फिर बाॅलीवुड स्टार के सहारे भाग्य आजमाने की कोशिश की है। सनी की रैलियों और रोड शो को लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। आप ने पीटर मसीह को चुनाव में उतारा है।