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निठारी का नरपिशाच पंढेर कौन है और कहां से, 19 मासूमों के कत्ल की पूरी कहानी

ब्यूरो/अमर उजाला, चंडीगढ़ Updated Wed, 26 Jul 2017 09:26 AM IST
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nithari kand, surendra koli, moninder singh pandher profile
nithari case - फोटो : अमर उजाला
19 मासूमों का कत्ल करने वाला निठारी का नरपिशाच मोनिंदर सिंह पंढेर आखिर कौन है और कहां का रहने वाला है। जानिए इसके बारे में सब कुछ और हत्याकांड की पूरी टाइमलाइन।
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nithari case
नोएडा का निठारी कांड देश के सबसे ज्यादा जघन्यतम हत्याकांडों में से एक है। 2006 के आखिर में सामने आए इस हत्याकांड के खुलासे ने सबको हैरान कर दिया था। वहीं इसे अंजाम देने वाला एक मनमौजी मालिक था मोनिंदर सिंह पंढेर और दूसरा था उसका नौकर सुरेंद्र कोली। दोनों को 24 जुलाई 2017 को एक मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है। ये सजा उन्हें 21 साल की दीपिका उर्फ पायल के हत्या के आरोप में सुनाई गई है।
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nithari case - फोटो : अमर उजाला
कौन है पंढेर
अगस्त 1957 में जन्मा मोनिंदर सिंह पंढेर पंजाब की एक बिजनेसमैन फैमिली से संबंध रखता है। पंढेर ने शिमला के प्रतिष्ठित बिशप कॉटन स्कूल से पढ़ाई की। दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन की। चंडीगढ़ में सेक्टर-27 में पंढेर की कोठी नंबर 1012 है। यहां उनकी बीवी दविंदर कौर और बेटा करनदीप रहते हैं। इस कोठी में कई नौकर काम करते हैं। वहीं मोनिंदर पत्नी के साथ न रहकर नोएडा में डी5 कोठी में अकेले रहते थे, साथ में नौकर कोली रहता था। 
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nithari case - फोटो : अमर उजाला
कई दिन से चंडीगढ़ रह रहा था
सोमवार को जब पंढेर को फांसी की सजा सुनाई गई तो चंडीगढ़ में उनकी कोठी में रहने वाले नौकर इससे अंजान थे। नौकरों ने बताया कि पिछले कई दिन से वे यही रह रहे थे और घर से बाहर नहीं निकलते थे। कभी कभार पार्क में टहलने जाया करते थे। एक नौकर ने बताया कि शनिवार को पंधेर बेटे और पत्नी के साथ घर से निकला था। नोएडा में किसी शादी समारोह में शरीक होना था। बता दें कि शनिवार को ही अदालत ने पंधेर और कोली को दोषी करार दिया था। 
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nithari case - फोटो : अमर उजाला
पिछले दिनों आया था हार्ट अटैक
नौकर ने बताया कि कुछ दिनों पहले पंढेर को हार्ट अटैक भी आया था, जिसका इलाज चल रहा था। इसके चलते उसका ज्यादातर समय घर पर ही गुजरता था। कोठी के आसपास रहने वाले भी पंधेर से ज्यादा वास्ता नहीं रखते। नौकर को जब यह पता चला कि पंढेर को फांसी की सजा सुनाई गई है तो वह चौंक गया। जान लिजिए कि आठ से ज्यादा जेल में रहने के बाद पंधेर 27 सितंबर 2014 को गाजियाबाद की डासना जेल से जमानत पर बाहर आया था।
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