हरियाणा के रोहतक के जाट कॉलेज अखाड़ा में पांच लोगों की हत्या के मामले में शनिवार को पीजीआईएमएस में मृतकों का पोस्टमार्टम हुआ। पोस्टमार्टम के दौरान शवगृह के बाहर सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे। वे शिष्य भी पहुंचे, जिन्होंने सुखविंदर से कुश्ती के दाव पेंच सीखें हैं। सभी इस मंजर को देखकर आरोपी सुखविंदर को कोस रहे थे। शवगृह के बाहर पांचों मृतकों के परिजन व जानकार पहुंचे।
आखिरी बार मम्मी से पूजा की हुई थी बातचीत
मम्मी मेरे पैर में दर्द है मैं आज घर नहीं आ सकती। शाम तक आराम हो जाएगा फिर मैं शनिवार को घर आ जाऊंगी। यह शब्द आखिरी बार उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले की रहने वाली महिला पहलवान पूजा ने शुक्रवार सुबह फोन पर अपनी मम्मी से कहे थे। मां भी खुश थी कि करीब 16 दिन बाद उसकी बेटी घर आएगी। उन्हें क्या पता था कि उनकी लाड़ली आएगी तो लेकिन कफन में लिपटकर आएगी।
मूलरूप से मथुरा जिले के सिहोरा गांव की रहने वाली पूजा तोमर करीब दो साल से यहां पर रहकर कुश्ती का अभ्यास करती थी। पूजा चार भाई-बहन में सबसे छोटी थी। उससे बड़ी दो बहन और सबसे बड़ा भाई विष्णु है। पूजा के पिता रामगोपाल वहीं पर दुकान करते हैं। पीजीआईएमएस के पोस्टमार्टम हाउस में पूजा का शव लेने पहुंचे भाई विष्णु ने बताया कि पूजा 26 जनवरी को घर से यहां आई थी। अक्सर वह तीन-चार दिनों के घर आ जाती थी।
शुक्रवार को भी उसे घर पहुंचना था लेकिन सुबह के समय उसने फोन किया कि पैर में दर्द है, जिस कारण नहीं आ सकती। हालांकि परिवार के सदस्यों ने उसे कहा कि अगर आराम लगे तो बस में बैठकर आ जाना लेकिन पूजा ने मना कर दिया था। पूजा ने कहा था कि वह शनिवार को ही घर आ जाएगी। क्या पता था कि पूजा की किस्मत अब उसका साथ छोड़ने वाली है। यदि पूजा शुक्रवार सुबह ही यहां से निकल जाती तो उसकी जान बच सकती थी। लेकिन अनहोनी को कौन टाल सकता है।
नहीं पता था कि उजाड़ देगा मेरी दुनिया
पीजीआइएमएस के पोस्टमार्टम हाउस में पहुंचे मुख्य कोच मनोज मलिक के पिता चंद्र सिंह का कहना है कि वह करीब एक साल से सुखविंदर को जानते थे। सुखविंदर उनके घर पर भी गया था। उन्हें क्या पता कि जो व्यक्ति आज उनके घर में आया है एक दिन वही उनके घर को उजाड़ देगा। पहले पता होता तो वह मनोज को ऐसे दरिंदे से दूर कर देते।