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बच्चे को मोबाइल की लत लगी है, तो टेंशन न लें...मां-बाप बस ये 5 ट्रिक अपनाएं छूट जाएगी
रूबी सिंह, अमर उजाला, चंडीगढ़
Updated Thu, 15 Nov 2018 03:36 PM IST
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मोबाइल यूज
आपके बच्चे को मोबाइल की लत लगी है, तो मां-बाप बिल्कुल भी टेंशन न लें। बस सावधानी बरतते हुए ये 5 ट्रिक अपना लें, आदत छूट जाएगी।
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मोबाइल यूज
इन दिनों पेरेंट्स अपने बच्चों को मोबाइल फोन देकर बेहद खुश हो रहे हैं। लेकिन ध्यान रखें कहीं इंटरनेट और मोबाइल फोन की लत आपके बच्चों का बचपन न खो दें। आजकल बच्चों के हाथों में कई घंटे मोबाइल फोन रहता है और पेरेंट्स इस चीज की परवाह तक नहीं करते। इंटरनेट और मोबाइल फोन जहां बच्चों को उनके बचपन से दूर कर रहे हैं, वहीं उनकी खेलों में रुचि कम हो रही है। इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई एवं अन्य चीजों में रुचि कम हो रही है। इससे बच्चों के सेहत पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। बाल दिवस के अवसर पर इस विषय पर शहर के शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत की गई।
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मोबाइल यूज
इस कारण लगती है मोबाइल की लत
- शहरी बच्चों को स्वतंत्रता देते हैं।
- मोबाइल स्टेट्स सिंबल बन गया। इसके कारण महंगे फोन दिला रहे हैं और उसका दूसरे लोगों में प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं।
- पीयर प्रेशर भी बन रहा है यानी हीन भावना आ रही है। यदि किसी बच्चे के पास कक्षा में मोबाइल हो और दूसरे के पास नहीं तो माता-पिता उन्हें भी दिला रहे हैं।
- माता-पिता एक बेडरूम में सो रहे हैं। बच्चे दूसरे कमरे में मोबाइल के साथ रातभर खेलते हैं।
- माता-पिता का जॉब में होना भी कारण बन रहा है। बच्चे के पास टाइम पास के लिए या उसकी एनर्जी खर्च के लिए मोबाइल ही साधन बचता है।
- शहरी बच्चों को स्वतंत्रता देते हैं।
- मोबाइल स्टेट्स सिंबल बन गया। इसके कारण महंगे फोन दिला रहे हैं और उसका दूसरे लोगों में प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं।
- पीयर प्रेशर भी बन रहा है यानी हीन भावना आ रही है। यदि किसी बच्चे के पास कक्षा में मोबाइल हो और दूसरे के पास नहीं तो माता-पिता उन्हें भी दिला रहे हैं।
- माता-पिता एक बेडरूम में सो रहे हैं। बच्चे दूसरे कमरे में मोबाइल के साथ रातभर खेलते हैं।
- माता-पिता का जॉब में होना भी कारण बन रहा है। बच्चे के पास टाइम पास के लिए या उसकी एनर्जी खर्च के लिए मोबाइल ही साधन बचता है।
मोबाइल यूज
इन तरीकों को अपनाएं
- माता-पिता बच्चों को अधिक से अधिक समय दें। एंड्रॉयड फोन की बजाय उन्हें कॉल करने वाले साधारण फोन उपलब्ध करा सकते हैं।
- मोबाइल के विकल्प पैदा करें। शहरों में खेल मैदान बनाएं। बच्चों को उन मैदानों तक पहुंचाएं।
- मोबाइल आदि चलाने का टाइम फिक्स अभिभावक कर दें। हर चीज का टाइम होगा तो लत नहीं लगेगी।
- बच्चों को बताएं मोबाइल भविष्य नहीं है।
- बच्चे किशोरावस्था में अधिक एक्सपेरिमेंट करते हैं, इसलिए उस समय बच्चों को मोबाइल न दें। उसके लिए दूसरा रास्ता सुझाएं।
- माता-पिता बच्चों को अधिक से अधिक समय दें। एंड्रॉयड फोन की बजाय उन्हें कॉल करने वाले साधारण फोन उपलब्ध करा सकते हैं।
- मोबाइल के विकल्प पैदा करें। शहरों में खेल मैदान बनाएं। बच्चों को उन मैदानों तक पहुंचाएं।
- मोबाइल आदि चलाने का टाइम फिक्स अभिभावक कर दें। हर चीज का टाइम होगा तो लत नहीं लगेगी।
- बच्चों को बताएं मोबाइल भविष्य नहीं है।
- बच्चे किशोरावस्था में अधिक एक्सपेरिमेंट करते हैं, इसलिए उस समय बच्चों को मोबाइल न दें। उसके लिए दूसरा रास्ता सुझाएं।
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मोबाइल यूज
विदेश की बजाय भारत में बच्चे अधिक करते हैं मोबाइल यूज: डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी चंडीगढ़ अनुजीत कौर ने कहा कि इंटरनेट और मोबाइल फोन बच्चों को न केवल खेलों से दूर रहे हैं, बल्कि उनको बीमारी भी दे रहे हैं। वे डायबिटीज जैसी बीमारी के शिकार हो रहे हैं। विदेशों में मोबाइल फोन न तो लोग अधिक यूज करते हैं और न ही बच्चों को मोबाइल फोन दिया जाता है। भारत में अभिभावकों की ओर से ही बच्चों को इस लत में शामिल किया जा रहा है। उनको समझना चाहिए कि वे अपने बच्चे के भविष्य से ऐसा करके खराब कर रहे हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी चंडीगढ़ अनुजीत कौर ने कहा कि इंटरनेट और मोबाइल फोन बच्चों को न केवल खेलों से दूर रहे हैं, बल्कि उनको बीमारी भी दे रहे हैं। वे डायबिटीज जैसी बीमारी के शिकार हो रहे हैं। विदेशों में मोबाइल फोन न तो लोग अधिक यूज करते हैं और न ही बच्चों को मोबाइल फोन दिया जाता है। भारत में अभिभावकों की ओर से ही बच्चों को इस लत में शामिल किया जा रहा है। उनको समझना चाहिए कि वे अपने बच्चे के भविष्य से ऐसा करके खराब कर रहे हैं।