लुधियाना कोर्ट परिसर में गुरुवार को हुए बम ब्लास्ट की गुत्थी को पुलिस ने 24 घंटे में सुलझा लिया। क्षत-विक्षत शरीर पर टैटू का एक निशान, टूटा हुआ मोबाइल, सिम कार्ड और एक डोंगल... केवल इतने सबूतों के आधार पर पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया। डोंगल की जांच से पुलिस को खन्ना के एक व्यक्ति का सुराग लगा। पुलिस ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने गगनदीप के बारे में बताया। पुलिस गगनदीप के घर पहुंची और परिवार को घटनास्थल से मिले शव की फोटो दिखाई। हाथ पर बने टैटू से परिजनों ने गगनदीप की पहचान कर ली। शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने भी इसकी तारीफ की।
धमाके को अंजाम देने का आरोपी गगनदीप सिंह खन्ना थाना सदर में बतौर मुंशी तैनात था। 2019 में एसटीएफ की टीम ने उसे गिरफ्तार किया था और उसके कब्जे से नशीला पदार्थ बरामद किया था।
विभागीय जांच के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया था। वह नशा तस्करी के आरोप में ही दो साल तक जेल में रहा है और सितंबर में ही जेल से जमानत पर बाहर आया था।
डीजीपी ने बताया कि उसका मकसद कचहरी के रिकॉर्ड रूम को उड़ाना था ताकि उसके खिलाफ सभी सबूत नष्ट हो जाएं। मारा गया शख्स बम प्लांट कर रहा था। वहीं गुरुवार को गगनदीप कचहरी परिसर में किस काम से आया था, इसकी अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है।
सूत्रों के अनुसार गगनदीप सिंह का एक छोटा भाई भी है जो बिलकुल उसके जैसा ही दिखता है, लेकिन उसका कद छोटा है। सूत्रों के अनुसार गगनदीप के भाई रिंकू से भी पूछताछ की जा रही है क्योंकि वह भी नशा तस्करी में जेल काट चुका है और अभी कुछ समय पहले ही बाहर आया है। जानकारी के अनुसार दोनों भाई एक साल पहले किराए के मकान में रहते थे। फिर उन्होंने गुरु तेग बहादुर नगर में अपना मकान लिया। इसके बाद वे वहां से प्रोफेसर कॉलोनी में शिफ्ट हो गए जहां उन्होंने अपना मकान बनाया।
गगनदीप के पिता गवर्नमेंट सर्विस से रिटायर हुए थे। वह बस ड्राइवर थे। दोनों भाइयों ने नशा तस्करी से खूब पैसा कमाया और प्रॉपर्टी बनाई। सूत्रों के अनुसार दोनों भाइयों ने एक नाइजीरियन नागरिक से मिलकर एक फार्मूला लिया जिससे वह ऐसी शराब तैयार करते थे जिसमें कम खर्च में ज्यादा प्रॉफिट होता था। वे हाई लेवल पर शराब की तस्करी करते थे। डीजीपी चट्टोपाध्याय ने बताया कि गगनदीप जेल में रहने के दौरान ही खालिस्तानियों के संपर्क में आया था।
आस पड़ोस के लोगों ने बताया कि गगनदीप खालिस्तानी कट्टरपंथी सोच का था। वह किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। एक महिला के साथ वह नशे की तस्करी में शामिल था। धार्मिक चिह्न को देखते ही आसपास के लोग पहचान गए कि मरने वाला युवक गगनदीप है। अब पुलिस जलालाबाद में हुए विस्फोट का लिंक भी खोज रही है।