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Ganesh Utsav: 'कटघोरा के राजा' का 111 फीट ऊंचा है पंडाल,  21 फीट ऊंची है मूर्ति; कोलकाता के कारीगरों ने बनाया

अमर उजाला नेटवर्क, कोरबा Published by: आकाश दुबे Updated Thu, 28 Aug 2025 06:44 PM IST
सार

पंडाल निर्माण का कार्य कोलकाता से आए निर्माण कारीगरों द्वारा किया गया है। “कटघोरा के राजा” की 21 फीट ऊंची विशाल और आकर्षक मूर्ति छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के ग्राम थनौद स्थित प्रसिद्ध राधे आर्ट गैलरी में निर्मित हुई है।

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Pandal of Katghora Ke Raja is 111 feet high
गणेश उत्सव - फोटो : अमर उजाला

कोरबा जिले के कटघोरा शहर में गणेश उत्सव पर्व हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। इस वर्ष समिति ने केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित भगवान विष्णु के प्रसिद्ध पद्मनाभस्वामी मंदिर का आकर्षक पंडाल बनाया है, जो 111 फीट ऊंचा है और छत्तीसगढ़ में श्रद्धालुओं के लिए आस्था और आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।


 

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Pandal of Katghora Ke Raja is 111 feet high
गणेश उत्सव - फोटो : अमर उजाला

पंडाल निर्माण का कार्य कोलकाता से आए निर्माण कारीगरों द्वारा किया गया है। “कटघोरा के राजा” की 21 फीट ऊंची विशाल और आकर्षक मूर्ति छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के ग्राम थनौद स्थित प्रसिद्ध राधे आर्ट गैलरी में निर्मित हुई है। यहां रोजाना गंगा आरती की थीम में आरती की जाएगी।

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Pandal of Katghora Ke Raja is 111 feet high
गणेश उत्सव - फोटो : अमर उजाला

जिसे हजारों की संख्या में प्रदेश सहित अन्य जिलों के लोग यहां देखने के लिए पहुंचते हैं। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि इस आयोजन का उद्देश्य केवल भव्य पंडाल और मूर्ति तैयार करना नहीं, बल्कि लोगों में भक्ति, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक मूल्यों को प्रोत्साहित करना भी है। इस आयोजन में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। पंडाल के अंदर और बाहर सुरक्षा के लिए पुलिस और सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं। इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए पीने के पानी, शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।

Pandal of Katghora Ke Raja is 111 feet high
गणेश उत्सव - फोटो : अमर उजाला

समिति के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि इस आयोजन के लिए विशेष रूप से तैयार की गई मूर्ति और पंडाल को देखने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल कटघोरा बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है। महेंद्रगढ़ से आए श्रद्धालु आदित्य सिंह ने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से यहां आ रहे हैं और जो पंडाल बना है वह एक मंदिर के विशेष रूप में बना है, जिसे देखने के लिए वह आए हुए हैं। समिति के सदस्य समजीत सिंह ने बताया कि इस तरह के आयोजन से कटघोरा आज फेमस हो गया है और कटघोरा के राजा के नाम से जाना जाता है। इस पंडाल को तैयार करने के लिए बाहर के कारीगर आए हुए हैं।

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गणेश उत्सव - फोटो : अमर उजाला
स्थानीय रमेश कुमार ने बताया कि इससे पहले भी विशेष साज-सज्जा के साथ मंदिर के रूप में इसे तैयार किया गया था, इस बार भी साउथ के मंदिर के तर्ज पर पंडाल बनाया गया है जिसे देखने के लिए कोरबा ही नहीं छत्तीसगढ़ की अन्य जिलों से भी लोग आ रहे हैं जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसी तरह बलगी में भी बलगी के राजा के नाम नाम से एक भव्य पंडाल बनाया गया है। यहां समिति के सदस्य और अध्यक्ष गुजन सागर ने बताया पिछले कई वर्षों से भगवान गणेश को विराजमान किया जाता है।
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