रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के फैंस एक बार फिर निराश ही रह गए। 13 साल से लगातार चला आ रहा उनका इंतजार और बढ़ गया। कप्तान कोहली का अपनी टीम के लिए चमचमाती आईपीएल ट्रॉफी उठाने का सपना फिर टूट गया। आरसीबी आईपीएल की 'चोकर्स' बन चुकी है। एलिमिनेटर में शुक्रवार रात सनराइजर्स हैदराबाद से हारकर टूर्नामेंट से बाहर होते ही एक बार फिर कप्तान कोहली पर सवाल उठने शुरू हो चुके हैं।
IPL 2020: 'विराट कोहली को आरसीबी की कप्तानी से हटाने का समय आ चुका है'
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज और अपनी कप्तानी में केकेआर को दो बार आईपीएल चैंपियन बनाने वाले गौतम गंभीर का मानना है कि विराट कोहली को अब आरसीबी की कप्तानी से हटा देना चाहिए क्योंकि अब यह जवाबदेही का भी सवाल है। अपनी बातों को बेबाक तरीके से रखने के लिए पहचाने जाने वाले गंभीर ने कहा कि कप्तान के रूप में कोहली का नाम दिग्गज धोनी और रोहित शर्मा के साथ नहीं लिया जाना चाहिए।
‘ईएसपीनक्रिकइंफो’ के मुताबिक गंभीर से जब पूछा गया कि क्या आरसीबी को कोहली को कप्तानी के दायित्व से मुक्त कर देना चाहिए तो उन्होंने कहा, 'टूर्नामेंट में आठ साल (खिताब के बिना), आठ साल एक लंबा समय है। आप मुझे कोई अन्य कप्तान के बारे बताइए, कप्तान को छोड़िए, मुझे किसी अन्य खिलाड़ी के बारे में बताइए, जो आठ वर्षों तक किसी टीम के साथ रहने के बाद भी खिताब नहीं जीता और फिर भी टीम के साथ बना हुआ है।'
गंभीर पिछले कुछ वर्षों में कोहली के आईपीएल नेतृत्व के आलोचक रहे हैं, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि इसमें कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है। केकेआर को 2012 और 2014 में चैंपियन बनाने वाले गंभीर ने ‘टाइम आउट’ कार्यक्रम में कहा, ‘कोई तो जवाबदेही होनी चाहिए। कहीं न कहीं एक रेखा तो खींचनी होगी, उसे जिम्मेदारी के साथ कहना होगा कि ‘हां मैं जिम्मेदार हूं, मैं जवाबदेह हूं’। अश्विन को देखिए उनके साथ क्या हुआ। वह दो साल कप्तान रहे, लेकिन टीम ने प्रदर्शन नहीं किया तो उन्हें हटा दिया गया।'
गंभीर ने कहा, 'धोनी ने तीन खिताब जीते हैं, रोहित ने चार खिताब हासिल किए हैं। उन्होंने परिणाम दिए हैं इसलिए वे इतने लंबे समय से कप्तान हैं। मुझे यकीन है कि अगर रोहित शर्मा भी आठ साल तक विफल रहते तो उन्हें भी हटा दिया जाता। अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग पैमाना नहीं होने चाहिए। आरसीबी ऐसी टीम बन गयी है जो सिर्फ दो खिलाड़ियों कोहली और एबी डीविलियर्स के आस-पास घूमती है। इसमें भी इस साल सिर्फ डीविलियर्स ही मैच जिताऊ प्रदर्शन कर सके। सोचिए अगर डिविलियर्स के लिए यह सत्र अच्छा नहीं होता तो आरसीबी का क्या हाल होता।'