देहरादून में मंगलवार रात को हुए दर्दनाक हादसे ने सबको हिला कर रख दिया। शहर कोतवाली क्षेत्र की इंदिरा कॉलोनी (चुक्खुवाला) में मकान ढहने से किराये पर रह रही चकराता निवासी गर्भवती महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई। भारी बारिश में मकान पर एक बिल्डिंग की साइट का पुश्ता गिरने से हादसा हुआ। जिससे मकान पूरी तरह जमींदोज हो गया।
मौके पर पहुंची पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर एक बच्चे और पुरुष को मलबे से सकुशल बाहर निकाल कर कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती कराया। उसके बाद चार शव बरामद किए। अंतिम शव 10 घंटे बाद निकाला जा सका। हादसा मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे हुआ। विकास भवन के समीक्षा अधिकारी पंकज मैसी का मकान इंदिरा कॉलोनी में है।
इसके एक हिस्से में चकराता निवासी विरेंद्र सिंह और दूसरे हिस्से में चकराता का ही शांति उर्फ समीर चौहान परिवार के साथ किराये पर रह रहा था। विरेंद्र निजी बैंक में सुरक्षाकर्मी हैं। मंगलवार शाम वह ड्यूटी पर गया हुआ था। उसके बाद मकान में विरेंद्र की पत्नी विमला, बेटा कृष व बेटी सृष्टि और समीर चौहान, उनकी नौ माह की गर्भवती पत्नी किरन और बहन प्रमिला सोए हुए थे।
तेज बारिश में रात को मकान के पिछले हिस्से पर बिल्डिंग साइट का भारी-भरकम पुश्ता गिर गया। इससे मकान पूरी तरह जमींदोज हो गया। मकान गिरने की आवाज पर आसपास के लोग जाग गए। रात करीब 1.30 बजे सूचना पर कोतवाल एसएस नेगी मय फोर्स के मौके पर पहुंचे। थोड़ी देर बाद एसडीआरएफ की टीम और आईजी रेंज अभिनव कुमार, डीआईजी देहरादून अरुण मोहन जोशी, एसपी सिटी श्वेता चौबे, सीओ सिटी शेखर सुयाल आदि पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
पुलिस ने टूटे हिस्से से झांककर अंदर देखा तो उन्हें एक बच्चा (कृष) रोते हुए दिखाई दिया। उसके पास समीर फंसा हुआ था। पुलिस और एसडीआरएफ टीम ने पहले कृष को बाहर निकाला। उसके हाथ पर चोटें लगीं थी। जबकि, समीर का निचला हिस्सा मलबे में बुरी तरह फंसा था। आसपास का लेंटर और सरिया काटकर समीर को मुश्किल से बाहर निकाला। पूछताछ में समीर ने बताया कि मलबे में उसकी पत्नी किरन, बहन प्रमिला और विरेंद्र की पत्नी और बेटी फंसी है।