उत्तराखंड में रविवार सुबह से हो रही बारिश से पहाड़ों पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। केदारनाथ पैदल मार्ग पर गदेरे उफान पर आ गए। भारी बारिश को देखते हुए रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने सुबह करीब 10:30 बजे केदारनाथ यात्रा रोक दी।
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यात्रियों को सोनप्रयाग में ही रोक दिया गया। सोनप्रयाग में एक्रो पुल के समीप खड़ी मैक्स के ऊपर पहाड़ी से पत्थर गिर गए जिससे चालक की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के दौरान वाहन में अन्य कोई और नहीं था।
रविवार को अपराह्न लगभग साढ़े तीन बजे सोनप्रयाग बाजार से लगभग आधा किमी आगे एक्रो पुल के दूसरे छोर पर अनिल सिंह बिष्ट (50) निवासी बरम्वाड़ी ने अपना वाहन हाईवे किनारे खड़ा किया। इस दौरान वह वाहन का लॉक ठीक करने लग गए। तभी पहाड़ी से पत्थर वाहन की छत को तोड़ते हुए अंदर जा गिरे जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
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केदारनाथ मार्ग पर टैक्सी पर गिरा पत्थर
- फोटो : अमर उजाला
पुलिस व आपदा प्रबंधन द्वारा मशीन से वाहन में गिरे पत्थर हटाने के बाद शव को बमुश्किल से निकाला गया। पुलिस द्वारा शव का पंचनामा भरकर आगे की कार्रवाई की जा रही है। वहीं, टैक्सी-मैक्सी यूनियन के जिलाध्यक्ष राय सिंह राणा सहित अन्य लोगों ने घटना पर दुख जताया है।
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केदारनाथ पैदल मार्ग
- फोटो : अमर उजाला
वहीं, पैदल मार्ग पर गदेरे भी उफान पर रहे। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग अति संवेदनशील स्थानों पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस के जवानों द्वारा यात्रियों को एक-एक कर रास्ता पार कराया गया। केदारनाथ में भी दिनभर बारिश के बीच बाबा के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी रही।
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केदारनाथ पैदल मार्ग
- फोटो : अमर उजाला
सुबह पांच बजे से प्रशासन व पुलिस द्वारा सोनप्रयाग से यात्रियों को धाम भेजना शुरू किया गया। सुबह आठ बजे तक 5828 श्रद्धालु धाम के लिए रवाना हुए। वहीं, केदारनाथ जाने के लिए सोनप्रयाग में भक्तों की भीड़ भी जुटती रही। सुबह 10:30 बजे तक प्रशासन द्वारा 7000 यात्री भेजे गए। इसके बाद तेज बारिश और पैदल मार्ग पर कई बरसाती गदेरों के उफान पर होने के कारण सोनप्रयाग से यात्री नहीं भेजे गए।
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केदारनाथ
- फोटो : अमर उजाला
सेक्टर मजिस्ट्रेट ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर यात्रियों को सोनप्रयाग में ही रोक दिया गया है जो यात्री धाम के लिए रवाना किए गए थे उनमें से अधिकांश देर शाम तक धाम पहुंच गए। उधर, गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर छौड़ी, भीमबली, भैरव गदेरा में बरसाती गदेरों के उफान पर होने से यात्रियों को एक-एक कर रास्ता पार कराया गया।