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Uttarakhand News: अब हाथी की गणना में मददगार होगा एनएसजी, अगले साल तक रिपोर्ट आने की उम्मीद

अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Tue, 24 Dec 2024 03:46 PM IST
सार

सैंपल को जांच के लिए बाहरी संस्थानों को भेजना पड़ता था। अब यह सुविधा संस्थान में जुटा ली गई हैं। इसका उद्घाटन भी बीते दिनों पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया था।

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हाथी - फोटो : wild life sos

भारतीय वन्यजीव संस्थान में नेक्स्ट जेनरेशन सिक्वेंसिंग की सुविधाओं को जुटाया गया है। इसके बाद संस्थान को हाथी की गणना जैसे कामों में सुविधा मिलेगी। अभी सैंपल को जांच के लिए दूसरे संस्थानों को भेजना पड़ता है। संस्थान हाथी की गणना का कार्य कर रहा है, जिसकी रिपोर्ट अगले साल आने की उम्मीद है।



नेक्स्ट जेनरेशन सिक्वेंसिंग के तहत बीमारियों या दूसरी जैविक घटनाओं से जुड़ी आनुवंशिक भिन्नता का अध्ययन करने के लिए डीएनए या आरएनए के अनुक्रम को निर्धारित करने की एक तकनीक होती है। यह सुविधा भारतीय वन्यजीव संस्थान में नहीं थी, इस कारण सैंपल को जांच के लिए बाहरी संस्थानों को भेजना पड़ता था। अब यह सुविधा संस्थान में जुटा ली गई हैं।

इसका उद्घाटन भी बीते दिनों पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया था। संस्थान के वैज्ञानिकों के अनुसार इससे कई लाभ होगा। मसलन संस्थान हाथियों की गणना के काम के तहत मल की जांच करता है, इसके सैंपल को जांच के लिए हैदराबाद में एक संस्था को भेजना पड़ता है।

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हर सैंपल की जांच के लिए एक निश्चित राशि देनी होती थी। अब यह सुविधा संस्थान में उपलब्ध हो गई है। ऐसे में अभी संस्थान हाथी की गणना का काम कर रहा है, उसमें यह मददगार साबित होगा। सैंपल को जांच के लिए भेजने आदि में समय लगता था, उसकी बचत हो सकेगी।

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