स्कंद पुराण में त्रिऋषि सरोवर के नाम से वर्णित विश्व विख्यात पर्यटन स्थल नैनी झील का पानी अचानक भूगर्भ में समा जाएगा। वैज्ञानिकों ने इसपर चिंता जताते हुए हैरान कर देने वाली रिपोर्ट पेश की है।
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ऐसा हुआ तो भूगर्भ में समा जाएगा नैनी झील का पानी, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता
ब्यूरो/अमर उजाला, देहरादून Updated Fri, 01 Dec 2017 10:47 AM IST
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वैज्ञानिकों का कहना है कि, हिमालयी क्षेत्र में मंडरा रहे भूकंप के खतरे के मद्देनजर विज्ञानियों ने आगाह किया है कि झील के भूकंपीय जोड़ की सक्रियता का तत्काल आकलन किया जाए।
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इस जोड़ की दरार फैली तो पानी भूगर्भ में समा जाएगा। नैनी झील भूकंपीय जोड़ पर बनी है। इस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घोषणा की है कि ‘हिल साइड सेफ्टी कमेटी’ को फिर से जीवित किया जाएगा। यह कमेटी वर्ष 1930 में बनी थी, इसके बाद इसका अस्तित्व समाप्त हो गया।

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संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के बैनर तले राजभवन में ‘साइंटिफिक एंड टेक्नोलोजिकल इंटरवेंशन टु सेव नैनी लेक’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में विज्ञानियों ने कहा कि तत्काल नैनी झील का मौजूदा स्टेटस पता कराया जाए। नैनीताल क्षेत्र का तापमान दो से तीन डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है।
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नैनी झील का पानी 18 फिट कम हो गया। एचएनबी विवि के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह ने चिंता जताते हुए कहा कि अभी इस पर कोई नोटिस नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ‘हिल साइड सेफ्टी कमेटी’ को फिर से जीवित करने की घोषणा की।