गंगोत्री में सोमवार को हुए भयानक टैक्पों एक्सीडेंट में मारे गए 14 लोगों में से पांच एक ही परिवार के थे। जब घर के पांच लोगों की चिता एक साथ जली तो वहां कोहराम मच गया। इस दौरान मृतक जगदीश रावत और उनकी पत्नी रामप्यारी देवी का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया।
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एक ही चिता पर हुआ पति-पत्नी का अंतिम संस्कार, बेटे ने दी परिवार के पांच लोगों को मुखाग्नि, तस्वीरें
न्यूज डेस्क/अमर उजाला, उत्तरकाशी Updated Wed, 05 Sep 2018 04:44 PM IST
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इसी तरह उनके छोटे भाई रामवीर रावत एवं उनकी पत्नी सकला देवी का शवदाह भी एक ही चिता पर किया गया। जगदीश रावत का पुत्र विजय सेना में जम्मू में तैनात है। हादसे की सूचना मिलते ही वह मंगलवार दोपहर को उत्तरकाशी पहुंचा।
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यहां उसने अपने माता-पिता के साथ ही चाचा बचन सिंह तथा छोटे चाचा रामवीर रावत एवं उनकी पत्नी सकला देवी की चिता को मुखाग्नि दी। एक ही परिवार के पांच सदस्यों की चिता एक साथ जलते देख यहां मौजूद हर किसी की आंख नम थी।

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घाट पर जगह की कमी के चलते हादसे में मृत दो सगे भाइयों सोबेंद्र और विरेंद्र के शव एक ही चिता पर जलाए गए। इस दौरान घाट के निकट स्थित डिपो पर लकड़ी कम पड़ने पर प्रशासन ने तत्काल वन निगम से दो गाड़ी भरकर लकड़ियों की व्यवस्था करायी।
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accident in uttarkashi
हादसे में मृत राधा और पायल को जल समाधि दी गई और रवाड़ा नाल्ड निवासी वाहन चालक सतवीर रजवार का अंतिम संस्कार गंगोरी स्थिति पैतृक घाट पर किया गया। इनके अलावा शेष मृतकों की अंत्येष्टि केदारघाट पर की गई।