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Delhi Blast: ब्लास्ट से पहले दस दिन यहां छिपा रहा था उमर... एमरजेंसी होने की बात कहकर पैसे मांगे थे; नए खुलासे
अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली
Published by: शाहरुख खान
Updated Thu, 20 Nov 2025 03:35 PM IST
सार
दिल्ली में हुए कार धमाके को लेकर एक और नया खुलासा हुआ है। कार ब्लास्ट को अंजाम देने से पहले मास्टरमाइंड उमर दस दिन तक नूंह में छिपा रहा था।
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Delhi Blast
- फोटो : अमर उजाला
दिल्ली में लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार बम धमाके में नया खुलासा हुआ है। आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी कार धमाके को अंजाम देने से पहले 10 दिन तक हरियाणा के नूंह में छिपा था। पुलिस के मुताबिक, अल फलाह में काम करने वाले शोएब के रिश्तेदार ने उसे नूंह में हिदायत कॉलोनी में किराये पर कमरा दिलाया था। पुलिस ने बताया, उमर के जानकार रिजवान का जीजा शोएब अल फलाह विश्वविद्यालय में बिजली का काम करता है।
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आतंकी उमर का वीडियो
- फोटो : वीडियो ग्रैब
मेडिकल एमरजेंसी होने की बात कहकर पैसे मांगे थे
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार, उमर नबी फिरोजपुर झिरका की तरफ दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से उतरा था। यहां पर एटीएम से पैसे नहीं निकले। इस पर उसने वहां के सुरक्षा गार्ड को कहा कि उसे मेडिकल एमरजेंसी है। ऐसे में उसे पैसे की सख्त जरूरत है। कहने पर सुरक्षा गार्ड ने उसे दूसरे एटीएम भेजा लेकिन वहां से भी पैसे नहीं निकले।
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार, उमर नबी फिरोजपुर झिरका की तरफ दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से उतरा था। यहां पर एटीएम से पैसे नहीं निकले। इस पर उसने वहां के सुरक्षा गार्ड को कहा कि उसे मेडिकल एमरजेंसी है। ऐसे में उसे पैसे की सख्त जरूरत है। कहने पर सुरक्षा गार्ड ने उसे दूसरे एटीएम भेजा लेकिन वहां से भी पैसे नहीं निकले।
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Delhi Blast
- फोटो : वीडियो ग्रैब
उलटी चली पुलिस तो खुला राज
लाल किला बम धमाके बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए या कहीं और विस्फोटक तो नहीं है.. को पकड़ने के लिए स्पेशल सेल, अपराध शाखा की टीमों के अलावा सभी जिलों की पुलिस सक्रिय हो गई थी। दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस को सबसे पहले पता लगा कि आई-20 कार बदरपुर बॉर्डर से दिल्ली में घुसी है। दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस ने यहां से नूंह, फिरोजपुर-मेवात तक पहुंची। यहां से पुलिस ने उमर नबी के तीन जानकारों को पकड़ा और पता लगाया कि अमोनियम नाइट्रेट भी मेवात से खरीदा गया है।
लाल किला बम धमाके बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए या कहीं और विस्फोटक तो नहीं है.. को पकड़ने के लिए स्पेशल सेल, अपराध शाखा की टीमों के अलावा सभी जिलों की पुलिस सक्रिय हो गई थी। दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस को सबसे पहले पता लगा कि आई-20 कार बदरपुर बॉर्डर से दिल्ली में घुसी है। दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस ने यहां से नूंह, फिरोजपुर-मेवात तक पहुंची। यहां से पुलिस ने उमर नबी के तीन जानकारों को पकड़ा और पता लगाया कि अमोनियम नाइट्रेट भी मेवात से खरीदा गया है।
उमर का वीडियो
- फोटो : अमर उजाला
हरियाणा पुलिस की प्रेस वार्ता से बौखला गया था उमर
हरियाणा पुलिस ने इस मॉड्यूल को लेकर 10 नवंबर को प्रेसवार्ता कर अपनी वाहवाही लूटना शुरू कर दिया जबकि इस मॉड्यूल का पूरी तरह से पर्दाफाश नहीं हुआ था। हरियाणा पुलिस ने ये तक नहीं पता किया कि विस्फोटक कहां से आया और फरार आतंकी कहां है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हरियाणा पुलिस की इस प्रेस वार्ता से आतंकी उमर बौखला गया था और आत्मघाती हमलावर बनकर खुद को उड़ा लिया।
हरियाणा पुलिस ने इस मॉड्यूल को लेकर 10 नवंबर को प्रेसवार्ता कर अपनी वाहवाही लूटना शुरू कर दिया जबकि इस मॉड्यूल का पूरी तरह से पर्दाफाश नहीं हुआ था। हरियाणा पुलिस ने ये तक नहीं पता किया कि विस्फोटक कहां से आया और फरार आतंकी कहां है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हरियाणा पुलिस की इस प्रेस वार्ता से आतंकी उमर बौखला गया था और आत्मघाती हमलावर बनकर खुद को उड़ा लिया।
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दिल्ली में धमाके के बाद जले वाहन
- फोटो : ANI
जम्मू में 370 हटाने के बाद खड़ा हो गया था डब्ल्यूसीटीएम
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद मुसलमानों के साथ अन्याय की गलत सोच रखने वाले कट्टरपंथी और जैश-ए-मोहम्मद से प्रभावित व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल (डब्ल्यूसीटीएम) खड़ा हुआ था। आतंकी बुरहान वानी की तर्ज पर डॉक्टरों ने इस मॉड्यूल को शुरू किया था। मॉड्यूल के गिरफ्तार आतंकियों ने खुलासा किया कि देश में जहां मुसलमानों पर अत्याचार होता वहां से विस्फोट करते।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद मुसलमानों के साथ अन्याय की गलत सोच रखने वाले कट्टरपंथी और जैश-ए-मोहम्मद से प्रभावित व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल (डब्ल्यूसीटीएम) खड़ा हुआ था। आतंकी बुरहान वानी की तर्ज पर डॉक्टरों ने इस मॉड्यूल को शुरू किया था। मॉड्यूल के गिरफ्तार आतंकियों ने खुलासा किया कि देश में जहां मुसलमानों पर अत्याचार होता वहां से विस्फोट करते।