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दिल्ली हिंसाः हाथ-पैर की टूटी हड्डी के साथ तड़पते रहे घायल, डॉक्टरों ने बिना एमएलसी नहीं किया इलाज

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Vikas Kumar Updated Fri, 28 Feb 2020 09:16 PM IST
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delhi violence: Doctors did not treat to injured without MLC
दिल्ली हिंसा में घायल शख्स - फोटो : अमर उजाला

दिल्ली हिंसा के शिकार अपनों के शव लेने के लिए जीटीबी अस्पताल में परिजनों को चार दिन से परेशान होना पड़ रहा है। वहीं, सरकारी अस्पताल की लचर व्यवस्था उस वक्त सामने आई जब एक घायल हाथ और पैर की टूटी हड्डी के साथ जीटीबी व लोकनायक अस्पताल के चक्कर लगा रह था। इस मरीज की पूरी कहानी सोशल मीडिया पर इनायत ने जब बयां की तो स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने संज्ञान लिया। 



 

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हिंसा में घायल शख्स - फोटो : अमर उजाला

इनायत ने बताया कि बीते बृहस्पतिवार एक घायल मरीज जीटीबी अस्पताल पहुंचा। उसके हाथ पैर में बहुत दर्द हो रहा था। जीटीबी अस्पताल में काफी देर बाद भी जब उपचार नहीं मिला तो वह लोकनायक अस्पताल पहुंचा। 

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जीटीबी अस्पताल - फोटो : Amar Ujala

यहां डॉक्टरों ने उससे एमएलसी सहित कुछ दस्तावेज मांगे। डॉक्टर ने बीपी की जांच कर दस्तावेज लाने की सलाह दी। काफी देर बहस के बाद भी मरीज को उपचार नहीं मिला। इसके बाद इनायत और उनके साथ कुछ लोग मिलकर घायल को एक चैरिटेबल अस्पताल ले गए। जहां एक्सरे में हाथ और पैर की हड्डी टूटने की पुष्टि हुई। 

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हिंसा में घायल शख्स - फोटो : अमर उजाला

इस पूरी घटना का इनायत ने सोशल मीडिया पर जिक्र करते हुए लिखा कि बीते तीन दिन से दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में हिंसा के पीड़ितों के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बीते सोमवार को फैजान नामक एक घायल कर्दमपुरी इलाके में पुलिस की मारपीट का शिकार हुआ था। पुलिस उसे जीटीबी अस्पताल ले गई लेकिन वहां उसे पर्याप्त उपचार नहीं मिला। इसके बाद वह प्राइवेट अस्पताल जाकर उपचार लिया। 

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हिंसा में घायल शख्स - फोटो : अमर उजाला

उधर दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से जब पूछा गया कि अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखने के बाद भी उपचार क्यों नहीं मिला तो इसका जवाब ही नहीं दिया गया। चिकित्सा महानिदेशक डॉ. रहेजा ने भी फोन नहीं उठाया।

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