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दिल्ली हिंसा: मां की मौत के बाद अनाथ हुआ मासूम, छिना मां का आंचल

परीक्षित निर्भय, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शाहरुख खान Updated Fri, 28 Feb 2020 09:28 AM IST
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delhi violence Newborn mother dies in violence khajuri khas painful story
delhi violence - फोटो : अमर उजाला
मैं मां के गर्भ में बहुत खुश थी...होती भी क्यों न...आखिर मैं भी अपनी मां के साथ जिंदगी को महसूस करना चाहती थी। अपनी खुशियों को समेट मैं गर्भ से बाहर तो आ गई, लेकिन बदले में मुझे चीखें, मातम और लड़ाई-झगड़ा ही देखने को मिला। मां...क्या ऐसी ही होती है ये दुनिया? एक छोटे से शब्द हिंसा का वास्तविक अर्थ बड़ा ही घिनौना सा है। 

 
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delhi violence - फोटो : अमर उजाला
मां ने मुझे जन्म तो दे दिया, लेकिन वो तड़पते-तड़पते मर गई। मैं खुश थी कि मां के आंचल में स्तनपान के साथ लोरियां भी सुनूंगी। मां मुझे सुलाएगी, खिलाएगी-पिलाएगी और जीवन की सच्चाइयों से रूबरू कराएगी, परंतु वो अपनी बिटिया को दूध भी न पिला सकी। इस हिंसा ने मेरी मां को छीन लिया। 

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नवजात - फोटो : अमर उजाला
कैसे लोग हैं ये? क्यों एक-दूसरे को मजहब में बांध मारकाट पर उतारू हैं? क्या इनमें जरा सी भी मानवता नहीं। इन लोगों ने भी तो मेरी तरह अपनी मां के कोख से जन्म लिया है। फिर मेरी मां को हिंसा ने क्यों छीन लिया? मेरे इस धरती पर आते ही इतना कुछ देखना शायद जीवन जीने के सपनों पर भारी है। ये कल्पनीय बातें उस नवजात बेटी की हैं, जिसे धरती पर आए अभी 24 घंटे ही हुए हैं।
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delhi violence - फोटो : अमर उजाला
गोलियों के बीच हुई प्रसव पीड़ा
खजूरी खास निवासी प्रमिला बेगम को बुधवार शाम प्रसव पीड़िता हुई तो उसका पति नौशाद परेशान हो गया। बाहर चीख-पुकार और मारकाट हो रही थी। इसी बीच उन्होंने पड़ोस में मौजूद दाई मां को बुलाया और प्रसव कराया। प्रेमिला ने एक बिटिया को जन्म दिया, लेकिन नाल फंसने के कारण दाई मां के हाथ-पैर फूल गए। आनन-फानन में परिजन पड़ोसियों की मदद लेकर हिंसा के बीच से बाहर तो आ गए, लेकिन जब वे लोकनायक अस्पताल पहुंचे तो वहां भी उन्हें मदद नहीं मिल सकी और प्रमिला ने दम तोड़ दिया। 
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delhi violence - फोटो : अमर उजाला
गुहार लगाता रहा नौशाद, नहीं मिला इलाज
नौशाद बताते हैं कि वे कभी एक तो कभी दूसरी खिड़की और डॉक्टर के पास चक्कर काट रहे थे, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। रात एक बजे जब एक महिला डॉक्टर ने देखा तो उन्होंने प्रमिला को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद लाचार नौशाद बृहस्पतिवार को अपनी पत्नी का पोस्टमार्टम कराने के बाद बिहार रवाना हो गया। नौशाद बिहार के किशनगंज जिले का मूल निवासी है। अब उसके पास दो बेटे और एक दिन की बिटिया है।
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