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दिल्ली हिंसा में पार हुईं क्रूरता की सारी हदें, 2 लोगों के शरीर का एक-एक अंग पहुंचा अस्पताल, बाकी...
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: शाहरुख खान
Updated Sat, 07 Mar 2020 09:48 AM IST
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delhi violence
- फोटो : अमर उजाला
दिल्ली में हुई हिंसा से लोगों के जीवन पर गहरा असर पड़ा है। हिंसा के बाद काफी लोग मानसिक तौर से परेशान हो गए हैं। हिंसा में क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। जहां आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की बेरहमी से हत्या की गई, उनके शरीर पर चाकू के अनगिनत वार किए गए, वहीं कई लोगों को बेरहमी से काट दिया गया। जिनके शरीर के एक-एक अंग तो मिल गए हैं, लेकिन बाकी हिस्से आज तक पुलिस को नहीं मिले हैं।
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दिल्ली हिंसा
- फोटो : अमर उजाला
पैर, गर्दन की शिनाख्त अब तक नहीं
क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए सड़कों पर तीन दिन तक खूनी खेल चला। इस घटना में दो लोगों की मौत ऐसी नृशंसता से हुई कि उनका एक-एक अंग ही अस्पताल पहुंच सका। बाकी शरीर का कोई भी हिस्सा पुलिस को नहीं मिला। जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी में एक पैर और गर्दन अलग-अलग व्यक्तियों के हैं। इनका डीएनए सैंपल ले लिया गया है। अब तक इनकी शिनाख्त के लिए कोई परिजन नहीं पहुंचा है। बताया जा रहा है कि एक-दिन में इन दोनों अंगों को नष्ट किया जा सकता है, क्योंकि इनमें अब गलन भी देखने को मिल रही है।
क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए सड़कों पर तीन दिन तक खूनी खेल चला। इस घटना में दो लोगों की मौत ऐसी नृशंसता से हुई कि उनका एक-एक अंग ही अस्पताल पहुंच सका। बाकी शरीर का कोई भी हिस्सा पुलिस को नहीं मिला। जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी में एक पैर और गर्दन अलग-अलग व्यक्तियों के हैं। इनका डीएनए सैंपल ले लिया गया है। अब तक इनकी शिनाख्त के लिए कोई परिजन नहीं पहुंचा है। बताया जा रहा है कि एक-दिन में इन दोनों अंगों को नष्ट किया जा सकता है, क्योंकि इनमें अब गलन भी देखने को मिल रही है।
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- फोटो : रॉयटर्स न्यूज एजेंसी
आपको बता दें कि दिल्ली में हिंसा के बाद से अस्पतालों में बीते दिन में कोई नया मामला नहीं आया है। इस कारण जीटीबी और लोकनायक अस्पताल ने अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को भेज दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा में सबसे ज्यादा मौत युवाओं की हुई है। इन पर हमला किया गया और फिर इन्हें जला डाला गया।
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- फोटो : अमर उजाला
रिपोर्ट के अनुसार, 20 से 30 वर्ष आयु के लड़के हिंसा में सबसे ज्यादा मारे गए हैं। जीटीबी में 44 में से 18 मृतकों की आयु 20 से 30 वर्ष थी। लोकनायक में तीन में से 2 की उम्र 20 से 25 वर्ष थी। जगप्रवेश में मृत अवस्था में पहुंचे शव की आयु 29 वर्ष बताई गई है। आरएमएल में पहुंचे 5 में से 3 शव 25 से 30 वर्ष के युवकों के थे। इनके अलावा, 15 से 19 वर्ष आयु के दो किशोरों की हत्या भी हुई। एक 90 वर्षीय महिला को भी मौत की नींद सुला दिया गया।
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- फोटो : अमर उजाला
जीटीबी अस्पताल में दर्ज 44 में से 24 मौतें हमले और जलाने से हुई हैं। 13 की मौत गोली लगने, तीन की चाकू घोंपने से हुई। एक व्यक्ति को तो गोली लगने के बाद भी चाकू घोंपा गया। उधर, लोकनायक अस्पताल में तीन, जगप्रवेश में एक और आरएमएल में पांच मौतें दर्ज की गई हैं। इनमें लोकनायक और जगप्रवेश में सभी केस गोली लगने के थे। आरएमएल में दो केस गोली लगने और तीन जलाने के बाद नाले में फेंकने के थे। शुक्रवार को सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, जीटीबी में 298 और लोकनायक अस्पताल में 52 घायलों को भर्ती किया गया। दिल्ली की हिंसा में अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक महिला शामिल है।