निर्भया के दोषियों की फांसी की तारीख भले ही टल गई, लेकिन जल्लाद की उपस्थिति में तिहाड़ की जेल संख्या तीन में बने फांसी घर में डमी की मदद से सोमवार सुबह फांसी का ट्रायल किया गया। ट्रायल के दौरान जल्लाद के अलावा जेल अधीक्षक, उपाधीक्षक, सुरक्षाकर्मी और चिकित्सक मौजूद थे।
निर्भया केस: जल्लाद की उपस्थिति में किया गया फांसी का ट्रायल, की गई लीवर की जांच
ट्रायल से पहले जल्लाद ने दोषियों से मिलने की इच्छा जताई लेकिन अधिकारियों ने इससे इंकार कर दिया। ट्रायल के दौरान चारों दोषियों के वजन के बराबर डमी तैयार की गई थीं। सुरक्षाकर्मी इन्हें लेकर फांसी घर के प्लेटफार्म पर पहुंचे। जहां जल्लाद ने सारे डमी को फंदे पर लटकाया। उसके बाद इशारा होने पर जल्लाद ने लीवर दबा दिया।
जेल सूत्रों का कहना है कि इस दौरान लीवर को कई बार दबाकर जांच की गई ताकि फांसी के दिन किसी तरह की दिक्कत न हो। ट्रायल के दौरान जेल महानिदेशक भी जेल संख्या तीन में पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद उन्होंने फांसी के लिए हो रही सभी तैयारियों को देखा। अदालत के आदेश पर फांसी टलने की जानकारी जल्लाद को दे दी गई। अब उसे दोबारा बुलाया जाएगा। वह मंगलवार को वापस मेरठ चला जाएगा। उसे तीन दिन का भत्ता दिया जाएगा। उसे आने जाने का खर्च दिया जाएगा या फिर तिहाड़ की गाड़ी से उसके घर तक छोड़ा जाएगा।
जल्लाद के तिहाड़ पहुंचते ही निर्भया के दोषियों के होश उड़े
जल्लाद के रविवार शाम तिहाड़ जेल में पहुंचने के बाद से ही निर्भया के दोषियों के हाव-भाव बदलने लगे थे। मौत का खौफ उनके चेहरे पर साफ दिख रहा था। रविवार रात चारों बेचैन थे और रात भर अपने सेल में चहलकदमी करते रहे। उन्हें इस बात का यकीन नहीं था कि अदालत सोमवार को उनके डेथ वारंट पर रोक लगा देगी। जल्लाद के तिहाड़ जेल पहुंचने के बाद दोषियों के गले का नाप, वजन और लंबाई नापी गई। यह सब अगले दिन होने वाली फांसी के ट्रायल के लिए किया गया। जब यह सब प्रक्रिया चल रही थी तो दोषियों को यकीन हो गया कि 3 मार्च को उन्हें फांसी पर लटका दिया जाएगा। हालांकि डेथ वारंट पर रोक की जानकारी जैसे ही उन्हेें मिली तो चेहरे के भाव बदल गए।
जेल सूत्र के मुताबिक सारी प्रक्रिया होने के बाद सभी दोषी गुमसुम होकर अपने सेल में एक किनारे में बैठकर सोचने लगे। कुछ देर बाद सभी सेल में चहलकदमी करने लगते थे। यह सिलसिला रात भर चला। कुछ देर झपकी लेने के बाद तड़के ही उन लोगों की नींद खुल गई। अब फांसी होने का यकीन उन्हें हो गया है। इसलिए वह अपने परिवार वालों से भी मिलने से कतराने लगे हैं। सोमवार को किसी भी दोषी का परिवार वाला उनसे मिलने जेल नहीं पहुंचा। हालांकि जेल प्रशासन ने सभी दोषियों को नोटिस जारी कर परिवार वालों से अंतिम मुलाकात की बात कह चुकी है। दोषी पहले ही एक सप्ताह में दो बार अपने परिवार वालों से मिल चुके हैं।