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Three Language Policy: Centre Not Imposing Any Language on States, Says Dharmendra Pradhan
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Three Language Policy: 'केंद्र किसी राज्य पर भाषा नहीं थोप रहा', तीन भाषा नीति पर धर्मेंद्र प्रधान का बयान
एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Published by: शिवम गर्ग
Updated Sun, 21 Sep 2025 04:46 PM IST
सार
Language Controversy: केंद्र सरकार किसी भी राज्य पर अपनी भाषा थोपने का काम नहीं कर रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को चेन्नई में कहा कि तीन भाषा नीति पूरी तरह से स्वैच्छिक है और इसमें प्रत्येक राज्य अपनी मातृभाषा के साथ अन्य भाषाओं का चुनाव कर सकता है।
Dharmendra Pradhan: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार किसी राज्य पर कोई भाषा थोप नहीं रही है। उन्होंने तीन भाषा नीति पर सवाल उठाने वालों को "राजनीतिक रूप से प्रेरित" करार दिया।
प्रधान ने कहा कि कक्षा 1 और 2 में दो भाषा सूत्र लागू होगा, जिसमें एक मातृभाषा होगी। उन्होंने कहा "यहां तमिल भाषा होगी। केंद्र की शर्त है कि प्राथमिक विद्यालय में तमिल में पढ़ाया जाए। दूसरी भाषा चुनने का अधिकार राज्य सरकार के पास है।" प्रधान यह बात ‘थिंक इंडिया दक्शिणपथ समिट 2025’ में IIT मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटी की उपस्थिति में पत्रकारों से बात करते हुए कही।
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Dharmendra Pradhan
- फोटो : PTI
कक्षा 6 से 10 तक तीन भाषा सूत्र लागू
तीन भाषा नीति के बारे में बताते हुए प्रधान ने कहा कि कक्षा 6 से 10 तक तीन भाषा सूत्र लागू होता है। उन्होंने कहा "एक भाषा मातृभाषा होगी, बाकी दो भाषा आपकी पसंद की होंगी। केंद्र सरकार किसी भी राज्य पर कोई भाषा नहीं थोपती"।
उत्तर प्रदेश में तीन भाषा नीति के कार्यान्वयन के सवाल पर प्रधान ने कहा, "हम उस राज्य में भी इसे लागू कर रहे हैं। कई राज्य सरकारें, बीजेपी शासित राज्यों को छोड़कर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति से पहले भी तीन भाषा नीति लागू कर रही हैं।"
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में छात्र हिंदी मातृभाषा के रूप में सीखेंगे और इसके बाद मराठी और तमिल जैसी भाषाओं का विकल्प चुन सकते हैं। "कुछ छात्र उत्तर प्रदेश में तीसरी भाषा के रूप में तमिल चुन सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार को तमिल पढ़ाने की सुविधा उपलब्ध करानी होगी।"
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Dharmendra Pradhan
- फोटो : PTI
केवल 10 प्रतिशत आबादी अंग्रेजी बोलती
प्रधान ने यह भी कहा कि भारत की केवल 10 प्रतिशत आबादी अंग्रेजी बोलती है, बाकी लोग अपनी मातृभाषा में संवाद करना पसंद करते हैं। उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के हवाले से कहा कि वे तेलुगु भाषी छात्रों को 10 भाषाएं सीखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे ताकि वे वैश्विक स्तर पर सक्षम बन सकें।
"भाषा हमेशा एक सुविधा है। राजनीतिक रूप से संकीर्ण सोच रखने वाले इस मुद्दे को बढ़ा रहे हैं," प्रधान ने कहा। उन्होंने तमिलनाडु की अपनी पिछली यात्राओं का जिक्र करते हुए कहा, "मैं तमिलनाडु के हर हिस्से में गया हूँ। यह मूलतः एक भाषाई राज्य है। मैं ओड़िया हूँ और अपनी ओड़िया भाषा पर गर्व करता हूँ, लेकिन मुझे अन्य भारतीय भाषाओं पर भी गर्व है।"
प्रधान ने निष्कर्ष देते हुए कहा, "पूर्ण जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूँ, जो लोग भाषा के आधार पर विभाजन करना चाहते हैं, वे असफल रहे हैं। समाज उनसे कहीं आगे बढ़ चुका है।"
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