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Delhi: कोचिंग सेंटरों के प्रसार से पैदा होने वाले सामाजिक मुद्दों की होगी समीक्ष; संसदीय समिति को जिम्मेदारी
एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Published by: आकाश कुमार
Updated Mon, 24 Nov 2025 02:40 PM IST
सार
New Delhi: प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों की मदद के लिए कोचिंग सेंटरों के प्रसार और उससे जुड़े सामाजिक मुद्दों की समीक्षा संसदीय समिति करेगी। छात्र आत्महत्या मामलों के बढ़ने के बीच पैनल एआई के प्रभाव, उभरती तकनीक और पीएम-श्री स्कूलों पर भी रिपोर्ट तैयार करेगा।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
New Delhi: तनाव के कारण छात्रों की बढ़ती आत्महत्याओं के बीच, एक संसदीय समिति ने प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों की मदद के लिए कोचिंग सेंटरों के "प्रसार" और इससे उत्पन्न होने वाले सामाजिक मुद्दों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति, शिक्षा और छात्रों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के प्रभाव और उभरती हुई तकनीक के लाभ की भी जांच करेगी।
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हाल ही में लोकसभा में प्रकाशित एक बुलेटिन के अनुसार, स्थायी समिति ने वर्ष 2025-26 के दौरान पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) की समीक्षा करने का भी निर्णय लिया है। बुलेटिन में कहा गया है कि समिति प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों की सहायता के लिए कोचिंग केंद्रों के प्रसार, इससे उत्पन्न होने वाले सामाजिक मुद्दों और इस विषय पर मौजूदा कानूनों की समीक्षा करेगी।
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हाल के वर्षों में, पढ़ाई के दबाव के कारण कोचिंग संस्थानों में नामांकित छात्रों द्वारा आत्महत्या करने के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें से कई मामले अकेले राजस्थान के कोटा शहर में सामने आए हैं, जिसे "भारत की कोचिंग राजधानी" कहा जाता है।