Vice-Chancellor: अल फलाह विवि के विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर अभिभावकों ने जताई चिंता, कुलपति को भेजा पत्र
Al Falah University: अल फलाह विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्रों के भविष्य को लेकर अभिभावक चिंतित हैं। उन्होंने इस संबंध में कुलपति को पत्र लिखकर स्पष्ट जानकारी की मांग की है।
विस्तार
Vice-Chancellor: दिल्ली विस्फोट और अल फलाह विश्वविद्यालय के डॉक्टरों से कथित तौर पर जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल की चल रही जांच के बीच, कुछ छात्रों के माता-पिता शनिवार को विश्वविद्यालय पहुंचे और कुलपति के नाम एक पत्र सौंपा।
अभिभावकों ने विश्वविद्यालय में पढ़ रहे अपने बच्चों के शैक्षणिक और व्यावसायिक भविष्य के संबंध में हस्तक्षेप और स्पष्टता की मांग की। उन्होंने बताया कि अल-फ़लाह विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने इन चिंतित अभिभावकों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय बंद नहीं होगा।
शनिवार को लगभग 18 अभिभावकों ने विश्वविद्यालय परिसर का दौरा किया और विश्वविद्यालय के भविष्य पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्र सौंपा।
अभिभावक छात्रों के भविष्य और कॉलेज की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त
विश्वविद्यालय के एक एमबीबीएस छात्र के अभिभावक खुशपाल सिंह ने कहा, "हमारे एमबीबीएस कर रहे बच्चों के भविष्य को लेकर हमारे मन में कुछ शंकाएं थीं, जिनका किसी भी तरह के आतंकी मॉड्यूल से कोई लेना-देना नहीं है। हमने प्रबंधन को एक ज्ञापन दिया है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है और मौखिक रूप से आश्वासन दिया है कि हमारे बच्चों का भविष्य सुरक्षित है और कॉलेज बंद नहीं होगा।"
अभिभावकों ने आगे बताया कि परिसर के अंदर सभी छात्र सुरक्षित और खुश हैं। वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
"हम, अल फलाह मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद में नामांकित छात्रों के अभिभावक, संस्थान से संबंधित हालिया घटनाक्रमों पर गहरी चिंता के साथ यह ज्ञापन दे रहे हैं। जैसा कि व्यापक रूप से बताया गया है, कॉलेज वर्तमान में गंभीर नियामक और सुरक्षा संबंधी समस्याओं का सामना कर रहा है, जिसमें राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) द्वारा मान्यता रद्द करना और भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा निलंबन, साथ ही चल रही जांच शामिल है जो इसकी संचालन व्यवहार्यता को खतरे में डाल रही है।
वित्तीय विवाद ने कॉलेज सुरक्षा मामलों में नई गुत्थियां उकेरी
पत्र में लिखा है, "इन अभूतपूर्व और विघटनकारी घटनाओं के मद्देनजर, सैकड़ों नामांकित छात्रों का भविष्य गंभीर खतरे में है। हम वर्तमान स्थिति को देखते हुए अपने बच्चों के शैक्षणिक और व्यावसायिक भविष्य के संबंध में हस्तक्षेप और स्पष्टता की मांग करते हैं।"
इस बीच, अब तक की जांच से पता चला है कि कथित आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल के बीच 40 लाख रुपये का वित्तीय विवाद भी दिल्ली विस्फोट से जुड़े आतंकी मॉड्यूल का एक कारण था। सूत्रों ने बताया कि जमात से कथित तौर पर प्राप्त धन से सामान खरीदने के खर्च को लेकर दोनों आमने-सामने हुए थे।