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कलाकारों ने संवादों पर लेनी शुरू की कानूनी सलाह, ओटीटी ने कहा- न शामिल करें पूजा और हवन आदि के दृश्य
अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
Published by: Mishra Mishra
Updated Thu, 28 Jan 2021 09:26 PM IST
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तांडव फिल्म का पोस्टर
- फोटो : Facebook
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मशहूर फिल्मकार अली अब्बास जफर की विवादित वेब सीरीज 'तांडव' से उपजे विवाद के बीच कलाकारों की जिम्मेदारी तय होने से फिल्म इंडस्ट्री में भूचाल आ गया है। कलाकार अपने कानूनी सलाहकारों से ये पूछते नजर आ रहे हैं कि परदे पर उनके किए गए किरदार का उनके निजी जीवन पर कैसा और क्या असर पड़ सकता है? यही नहीं कुछ ओटीटी संचालकों ने वेब सीरीज व फिल्म निर्माताओं को अलिखित संदेश देने शुरू कर दिए हैं कि वे अपनी कहानियां राजनीति और धर्म आदि से कुछ समय के लिए दूर ही रखें।
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सर्वोच्च न्यायालय
- फोटो : पीटीआई
दरअसल, बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय ने ये स्पष्ट किया कि कलाकार जिस किरदार को परदे पर निभा रहे हैं, उससे किसी की भावनाएं आहत होती हैं, तो इसकी जिम्मेदारी से कलाकार बच नहीं सकते। अदालत ने साफ कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकारी असीमित नहीं है। इसके बाद वेब सीरीज 'तांडव' को बनाने वालों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है क्योंकि सीरीज के निर्देशक, निर्माता से लेकर इसके कलाकारों और इसे प्रसारित करने वाले ओटीटी के संचालकों तक पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
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कोंकणा सेन शर्मा
- फोटो : फाइल
इस बारे में मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के कलाकारों ने अपनी बात भी सार्वजनिक मंच पर रखनी शुरू कर दी है। कोंकणा सेन शर्मा का कहना है कि किसी भी प्रोजेक्ट से जब कोई कलाकार या कर्मचारी जुड़ता है तो वह शो की पटकथा भी पड़ता है और एक कॉन्ट्रैक्ट भी साइन करता है। तो क्या ऐसे में हर कलाकार और कर्मचारी को गिरफ्तार किया जाएगा?'
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zeeshan ayyub
वेब सीरीज 'तांडव' पर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान इस सीरीज में भगवान शिव का मंच पर अभिनय करने वाले अभिनेता मोहम्मद जीशान अय्यूब के वकील ने अदालत के सामने दलील पेश की थी कि जीशान ने पटकथा पढ़कर सिर्फ अपने किरदार को पर्दे पर निभाया है। उनके साथ सिर्फ एक किरदार को निभाने का कॉन्ट्रैक्ट किया गया था। वकील की इस दलील पर न्यायमूर्ति एमआर शाह ने कहा कि अगर कोई अभिनेता है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह किसी की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने वाले किरदार निभा सकता है।
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आश्रम
- फोटो : अमर उजाला, मुंबई
न्यायालय की नई व्यवस्था के बाद गुरुवार को तमाम कलाकारों ने अपने कानूनी सलाहकारों से नए सिरे से सलाह मशविरे भी किए। ऐसा ही एक मामला हाल के दिनों में एमएक्स प्लेयर की वेब सीरीज ‘आश्रम’ को लेकर भी आ चुका है। इस सीरीज को लेकर भी देश में कई जगहों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं। न्यायालय की टिप्पणी का असर वेब सीरीज ‘आश्रम’ के अभिनेता, निर्देशक और ओटीटी संचालक के खिलाफ दर्ज हुए मामलों पर भी पड़ सकता है।
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