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4 दशक तक फिल्म इंडस्ट्री में रहने के बाद भी सुपरस्टार नहीं बन सके जितेंद्र, हो गई थी सिर्फ ये गलती
एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: anand anand
Updated Sat, 06 Apr 2019 03:44 PM IST
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jeetendra
- फोटो : file photo
बॉलीवुड एक्टर जितेंद्र 7 अप्रैल को अपना जन्मदिन मनाते हैं। वह फिल्म इंडस्ट्री में कई सालों से हैं और इस दौरान लीड हीरो के तौर पर उन्होंने करीब 200 फिल्में कीं जिनमें कई हिट रहीं तो कई ब्लॉकबस्टर। हालांकि उनकी कुछ फिल्में ऐसी भी रहीं जो दर्शकों को प्रभावित नहीं कर पाईं और बुरी तरह पिट गईं। और तो और इन फिल्मों के नाम भी बड़े अजीब थे।
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Jeetendra
- फोटो : instagram
1968 में एक फिल्म आई 'सुहाग रात'। इस फिल्म में जितेंद्र ने एक ऐसे फ्लाइट लेफ्टिनेंट का किरदार निभाया जो लड़ाई छिड़ने के बाद ही शादी की पहली रात ही जंग लड़ने पहुंच जाता है। शादी की पहली रात के इर्द-गिर्द बनाई गई इस फिल्म में जितेंद्र के साथ एक्ट्रेस राजश्री मुख्य किरदार में थीं। 1960 से 70 के दौर में जितेंद्र ने तकरीबन 25 फिल्में कीं जिनमें कई सफल रहीं, लेकिन कुछ बुरी तरह फ्लॉप भी रहीं।
इनमें 'औलाद', 'दो भाई', 'बड़ी दीदी', 'अनमोल मोती' और 'हिम्मत' जैसी फिल्में शामिल हैं। अपने करियर में जितेंद्र ने हर तरह के किरदार निभाए, रोमांटिक हीरो से लेकर गंभीर यहां तक कि बुजुर्ग का किरदार भी निभाया और हर किरदार में उन्हें पसंद भी किया गया। लेकिन फिल्मों के चुनाव में वो कई बार गच्चा खा गए। यही वजह रही कि 1971 से 75 के दौरान भी उनकी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरीं। 'बिखरे मोती', 'कठपुतली', 'अनोखी अदा', 'गरम मसाला', 'आखिरी दांव' और 'रानी और लालपरी' जीतेंद्र की ऐसी फिल्में रहीं जो दर्शकों को रास नहीं आईं।
इनमें 'औलाद', 'दो भाई', 'बड़ी दीदी', 'अनमोल मोती' और 'हिम्मत' जैसी फिल्में शामिल हैं। अपने करियर में जितेंद्र ने हर तरह के किरदार निभाए, रोमांटिक हीरो से लेकर गंभीर यहां तक कि बुजुर्ग का किरदार भी निभाया और हर किरदार में उन्हें पसंद भी किया गया। लेकिन फिल्मों के चुनाव में वो कई बार गच्चा खा गए। यही वजह रही कि 1971 से 75 के दौरान भी उनकी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरीं। 'बिखरे मोती', 'कठपुतली', 'अनोखी अदा', 'गरम मसाला', 'आखिरी दांव' और 'रानी और लालपरी' जीतेंद्र की ऐसी फिल्में रहीं जो दर्शकों को रास नहीं आईं।
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बेशक जितेंद्र की कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कोई कमाल नहीं दिखा पाईं लेकिन अपने डांसिंग स्टाइल से उन्होंने सभी को अपना कायल बना लिया। फिर आया 80 का दशक। इस दौरान फिल्मों में जितेंद्र की जोड़ी श्रीदेवी और जया प्रदा जैसी हीरोइनों के साथ बनीं और उनके साथ आईं जितेंद्र की ज्यादातर फिल्में हिट भी रहीं।
लेकिन फिर भी फ्लॉप का स्वाद उन्हें 'नालायक', 'हम तेरे आशिक हैं', ' जल महल' और 'टक्कर' जैसी कुछ फिल्मों में चखने को मिला। फ्लॉप तो फ्लॉप जितेंद्र की कुछ फिल्मों के नाम भी ऐसे रहे जिनके बारे में जानकर किसी को भी हंसी आ जाए और उन फिल्मों को हश्र भी वैसा ही हुआ। 'नालायक', 'मवाली', 'अक्लमंद', 'चोरनी', 'कैदी' जैसी फिल्में इतनी बुरी तरह पिटीं कि खुद जितेंद्र भी ना तो इन्हें देखना चाहेंगे और ना ही नाम लेना चाहेंगे।
लेकिन फिर भी फ्लॉप का स्वाद उन्हें 'नालायक', 'हम तेरे आशिक हैं', ' जल महल' और 'टक्कर' जैसी कुछ फिल्मों में चखने को मिला। फ्लॉप तो फ्लॉप जितेंद्र की कुछ फिल्मों के नाम भी ऐसे रहे जिनके बारे में जानकर किसी को भी हंसी आ जाए और उन फिल्मों को हश्र भी वैसा ही हुआ। 'नालायक', 'मवाली', 'अक्लमंद', 'चोरनी', 'कैदी' जैसी फिल्में इतनी बुरी तरह पिटीं कि खुद जितेंद्र भी ना तो इन्हें देखना चाहेंगे और ना ही नाम लेना चाहेंगे।
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- फोटो : file photo
1989 में एक फिल्म आई 'आग से खेलेंगे'। फिल्म में जितेंद्र के साथ मीनाक्षी शेषाद्रि और किमी काटकर की जोड़ी थी, लेकिन इतनी अच्छी कास्ट के बावजूद भी फिल्म दर्शकों को खास पसंद नहीं आई और इसे भी फ्लॉप का दर्जा दे दिया गया। इसी तरह 1990 में आई फिल्म 'मेरा पति सिर्फ मेरा है' भी फ्लॉप रही। रेखा और जितेंद्र की ये फिल्म एक तमिल और तेलुगू फिल्म का हिंदी रीमेक थी। जहां इसके दोनों वर्जन हिट रहे, हिंदी वर्जन को मुंह की खानी पड़ी।
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- फोटो : file photo
इसी साल आई उनकी एक और फिल्म 'शेषनाग' भी किसी के गले नहीं उतरी। फिल्म में जितेंद्र और रेखा इच्छाधारी नाग और नागिन बने लेकिन उनकी लव स्टोरी में किसी को दिलचस्पी नजर नहीं आई। इसी तरह कई और फिल्में आईं जो फ्लॉप रहीं, इनमें 'आज की औरत', 'भूकंप', 'पापी देवता' जैसी कई और फिल्में शामिल हैं।
बेशक जितेंद्र ने अपने पांच दशक के लंबे करियर में दर्जनों फ्लॉप फिल्में दी हों लेकिन उनकी कई परफॉर्मेंस दर्शकों को हमेशा ही याद रहेंगी। सिनेमा को उनके योगदान के लिए जीतेंद्र को दो बार लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया।
बेशक जितेंद्र ने अपने पांच दशक के लंबे करियर में दर्जनों फ्लॉप फिल्में दी हों लेकिन उनकी कई परफॉर्मेंस दर्शकों को हमेशा ही याद रहेंगी। सिनेमा को उनके योगदान के लिए जीतेंद्र को दो बार लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया।