70 और 80 के दशक की हिंदी फिल्मों की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक परवीन बाबी मात्र 50 साल की उम्र तक ही अपने करियर को चोटी तक ले जाने के बाद 20 जनवरी 2005 को ही इस दुनिया से अलविदा हो गईं। फिल्म इंडस्ट्री को उन्होंने कोई 18 से 19 साल दिए थे और इतने ही वक्त में उन्हें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की सबसे महंगी अभिनेत्रियों में गिना जाने लगा। परवीन की छवि और काम अनोखा था। वह अपनी समकालीन अभिनेत्रियों से अलग थीं और फिल्मों के निर्माता उन्हें कोई भोली भाली लड़की या फिर किसी गांव की गोरी का किरदार देने में हिचकिचाते थे। उसका कारण यह था कि परवीन पश्चिमी सभ्यता से प्रेरित किरदारों के लिए मशहूर थीं। उन्होंने मशहूर टाइम मैगजीन के कवर पर छपने वाली पहली भारतीय अभिनेत्री बनने का तमगा भी हासिल किया। आज परवीन की पुण्यतिथि पर हम आपको उनके बेहतरीन किरदारों के बारे में बताते हैं।
Parveen Babi: ‘टाइम’ कवर पर छपने वाली पहली भारतीय अभिनेत्री, इन 10 किरदारों ने बदली हीरोइन की सूरत
किरदार : नीलू
फिल्म : मजबूर (1974)
परवीन बाबी ने अपना मॉडलिंग करियर वर्ष 1972 में शुरू किया और अगले ही साल वर्ष 1973 की फिल्म 'चरित्र' से फिल्मों में कदम भी रख दिया। हालांकि, इस फिल्म से उन्हें कोई सफलता हाथ नहीं लगी। फिर वर्ष 1974 में आई फिल्म 'मजबूर' में परवीन को पहली बार पिछली सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ देखा गया। इस फिल्म का निर्देशन रवि टंडन ने किया और परवीन के किरदार का नाम रहा नीलू। परवीन का इस क्राइम थ्रिलर फिल्म में बहुत ज्यादा काम तो नहीं था लेकिन यहीं से फिल्मकारों ने उन पर ध्यान देना शुरू कर दिया था। परवीन को इसी की तो जरूरत थी। अमिताभ बच्चन और परवीन की दोस्ती भी यहीं से शुरू होती है।
किरदार : अनीता
फिल्म : दीवार (1975)
फिर जब परवीन बाबी को अमिताभ बच्चन के साथ वर्ष 1975 की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'दीवार' में देखा गया तो इसके बाद उनकी दुनिया ही पलट गई। यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में परवीन ने अनीता का किरदार निभाया है। वह सिगरेट पीती है। शराब पीती है। लोगों को उसमें बदलते दौर की नई स्त्री दिखी और इस किरदार ने उनके लाखों दीवाने पैदा कर दिए। फिल्म में परवीन बाबी का दुल्हन वाला गेटअप अरसे तक चर्चा में रहा और परवीन बाबी ने उस सीन को दिल से लगा लिया था।
किरदार : जेनी
फिल्म : अमर अकबर एंथनी (1977)
अमिताभ बच्चन के साथ परवीन बाबी की एक बार फिर से जोड़ी बनी मनमोहन देसाई की मसाला फिल्म 'अमर अकबर एंथनी' में। ये वह दौर था जब परवीन के अफेयर्स के किस्से गॉसिप मैगजीनों में खूब छपने लगे थे। यहां एंथनी का किरदार अमिताभ बच्चन ने निभाया और परवीन नजर आईं जेनी के रूप में। परवीन ने फिल्मों में काम खूब किया लेकिन कभी उन्हें अपने काम के लिए पुरस्कार नहीं मिले। इसका कारण यह रहा कि उनके किरदारों में साहस तो बहुत होता लेकिन नयापन नहीं। फिल्मकारों के हिसाब से परवीन पाश्चात्य संस्कृति वाली वेशभूषा और उसी तरह के किरदारों में ही जचती थीं। ठीक वैसा ही किरदार उनको इस फिल्म में भी मिला।
किरदार : अनु
फिल्म : सुहाग (1979)
परवीन बॉबी की जिंदगी पर्दे पर जितनी चर्चा में रही उतनी ही चर्चा में उनकी निजी जिंदगी भी रही। उनका नाम शुरुआत में जोड़ा गया डैनी डेंजोंगपा के साथ। चार साल तक इनके संबंध रहे, फिर बाद में परवीन के चर्चे अभिनेता कबीर बेदी के साथ रहे। जब मनमोहन देसाई ने वर्ष 1979 की फिल्म 'सुहाग' में परवीन को एक किरदार ऑफर किया तो उन्होंने मना कर दिया। परवीन का कहना था कि वह कबीर बेदी के साथ यूरोप जा रही हैं और पता नहीं कि कब लौटेंगी? मनमोहन फिर भी इंतजार करने के लिए तैयार थे क्योंकि परवीन के लायक ही एक किरदार उनकी फिल्म में था। जब छह महीने बाद परवीन की वापसी हुई तो उन्होंने मनमोहन से अपने किरदार के बारे में बात की और मनमोहन ने उन्हें फौरन साइन कर लिया। इस एक्शन ड्रामा फिल्म में परवीन का किरदार अनु का है और उनकी जोड़ी शशि कपूर के साथ बनी।